छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक के 350 वर्ष पूरे होने पर हिंदू संगठनों ने विशाल शोभायात्रा निकाली। हिंदू जारगण मंच, शिवसेना सहित बड़ी संख्या में अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हिंदू साम्राज्य समिति के बैनर तले इसमें हिस्सा लिया। कड़ी चौकसी के बीच सभी मेन रोड स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर पहुंच हनुमान चालिसा का सामूहिक पाठ कर वापस लौटे। इस बीच पूरे इलाके में तनाव की स्थिति बनी रही। अफवाहों का बाजार भी गरम रहा, लेकिन पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी से किसी तरह की अनहोनी नहीं हुई। पाठ समाप्त होने के बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर कार्यकर्ताओं को वापस लौटाया। इस दौरान पत्थर भी फेंक माहौल खराब करने की कोशिश की गयी।
रांची: जयपाल सिंह स्टेडियम के पास सभा करने के बाद दिन के सवा दो बजे शंखनाद के साथ यात्रा निकाली गयी। कड़ी चौकसी के बीच विभिन्न हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भगवा झंडा लहराते और श्रीराम, हनुमान, छत्रपति शिवाजी और भारत माता का जयकारा लगाते हुए मुख्य सड़क पर निकले, तो दूर तक केशरिया ध्वज की मनोहारी छटा छा गयी। भक्ति गीतों पर नाचते-झूमते और जयकारा लगाते कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। धीरे-धीरे यात्रा आगे बढ़ती हुई शहीद चौक, अल्बर्ट एक्का चौक होते हुए दिन के सवा तीन बजे मेन रोड स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर पहुंची, तो बंूदा-बांदी के बाद झमाझम बारिश शुरू हो गयी। इससे कार्यकर्ताओं में दोगुना उत्साह का संचार हो गया। जमकर जयकारा लगाने लगे। बाद में भींगते हुए ही सभी ने सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ किया।
चौकस रही पुलिस, उपद्रवियों को नहीं मिला मौका
राजधानी बुधवार को पुलिस-प्रशासन की मुस्तैद रही। इसके कारण उपद्रवियों को कोई मौका नहीं मिला। हिंदू संगठनों द्वारा निकाली गयी शोभायात्रा को लेकर दूसरे समुदाय के लोग आशंकित थे। चर्च रोड और डेली मार्केट के पास दूर तक बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा था। युवक, बच्चे और बुजुर्ग सभी एकत्रित थे, लेकिन पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों के आदेश पर न तो डेली मार्केट से किसी को आगे बढ़ने दिया गया और न ही संकट मोचन हनुमान मंदिर से यात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं को इसकी इजाजत दी गयी। बैरिकेडिंग कर मंदिर के पास ही रोके रखा गया। इस बीच मेन रोड के सभी संपर्क मार्गों पर भी आवाजाही पर रोक लगा दी गयी थी। इससे स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में रही।
अनहोनी की आशंका से बंद रहीं मेन रोड की दुकानें
मेन रोड के छोटे-बड़े व्यावसायियों ने किसी अनहोनी की आशंका से अपने प्रतिष्ठान दोपहर बाद बंद कर दिये। दुकानदारों का कहना था कि पुलिस-प्रशासन मुस्तैद है, लेकिन क्या जाने, कब क्या हो जाये। इससे बेहतर है कि दुकान बंद कर दी जाये। ऐसे में कोई खरीदार आयेगा भी नहीं। शाम पौने पांच बजे के बाद धीरे-धीरे स्थिति समान्य हुई और दुकानें खुलने लगीं।