रांच। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की ओर से आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए निर्वाचन कार्य से जुड़े पदाधिकारियों को प्रशिक्षित कर अर्बन क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के तौर तरीके बताए जा रहे हैं। झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय सभागार में तीन दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए चुनाव आयोग राज्यभर में 800 मास्टर ट्रेनर तैयार कर रहा है, जो जिला स्तर पर अधीनस्थ कर्मियों को प्रशिक्षित कर मतदान प्रतिशत बढ़ाने की कोशिश करेंगे।
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान झारखंड की सभी 14 सीटों पर शत प्रतिशत मतदान कराने का लक्ष्य मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने तय किया है। इसके लिए वैसे शहरों और उसमें पड़ने वाले मतदान केंद्रों को चिन्हित किया गया है, जहां पिछले चुनावों में मतदान का प्रतिशत काफी कम रहा है। आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में मतदान औसतन 66 फीसदी होते रहे हैं जबकि पश्चिम बंगाल में इसका प्रतिशत 80 तक पहुंच चुका है। ऐसे में झारखंड के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि चुनाव के दरम्यान मतदान प्रतिशत किस तरह से बढ़ाया जाए। छत्तीसगढ़ से आए दो विशेषज्ञ झारखंड के 800 ऐसे पदाधिकारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार करने में जुटे हैं।
आमतौर पर यह कहा जाता है कि पढ़े-लिखे और शहरी क्षेत्र के मतदाता मतदान के प्रति जागरूक होते हैं लेकिन इसके ठीक विपरीत झारखंड के शहरी इलाकों में देखा जाता है। राजधानी रांची सहित राज्य के सभी प्रमुख शहरों में पिछले चुनाव में मतदान का प्रतिशत काफी कम रहा है। आंकड़ों के मुताबिक रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो जैसे शहर में मतदान के दिन पढ़े-लिखे और शिक्षित जो पॉश इलाकों में रहने वाले लोग मतदान करने नहीं पहुंचते। ऐसे में इन शहरों में मतदान का प्रतिशत 50 तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है।
चुनाव आयोग ने इन शहरों के ऐसे मतदान केंद्रों को चिन्हित करते हुए मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए व्यापक तैयारी की है, जिसके तहत 18 वर्ष पूरा करने वाले युवा मतदाताओं को अधिक से अधिक मतदान के प्रति जागरूक करने और अपने घर के सदस्यों को मतदान केंद्र तक ले जाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
इस संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश पर राज्यभर में विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जिससे आगामी लोकसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान हो सके।