देवघर/रांची। मोरारी बापू की द्वादश ज्योतिर्लिंग रामकथा यात्रा मंगलवार को अपने तीसरे पड़ाव झारखंड के देवघर स्थित वैद्यनाथ धाम पहुंची। इस अवसर पर मानस-900 (द्वादश ज्योतिर्लिंग) की व्याख्या करते हुए बापू ने कहा कि वह जिन राम की कथा कहते हैं, उनका जन्म नवमी को हुआ। कथा भी नौ दिन होती है। नौ का अंक महत्वपूर्ण है। वह पूर्ण भी है और शून्य भी। इसलिए द्वादश ज्योतिर्लिंग की कथा को 900वीं कथा का सम्मान दिया है।
बापू ने यात्रा के प्रति अपनी संतुष्टि व्यक्त करते हुए कहा कि अमृत काल के उत्सव के अनुरूप, यह ज्योतिर्लिंग राम कथा यात्रा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की समझ को बढ़ाएगी और उस आध्यात्मिकता का प्रतीक होगी जो हमारे एक भारत-श्रेष्ठ भारत का सार है।
उल्लेखनीय है कि द्वादश ज्योतिर्लिंग कथा यात्रा की शुरूआत 22 जुलाई को केदारनाथ धाम में हुई थी और ऋषिकेश से ट्रेन यात्रा शुरू होने के बाद काशी होते हुए वैद्यनाथ धाम पहुंची है। यह यात्रा चित्रकूट और कैलाश नामक दो ट्रेनों के जरिए देश के 12 ज्योतिर्लिंग एवं तीन धाम तथा तिरुपति बालाजी से गुजरने वाली है। ज्योतिर्लिंगों में कथा होगी और धामों में यात्री दर्शन कर सकेंगे। 1008 यात्रियों के साथ 18 दिन की यह यात्रा देश के आठ राज्यों में 12 हजार किमी का सफर पर जा रही है। 7 अगस्त को सोमनाथ ज्योतिर्लिंग परिसर में आखिरी दिन के कथा के बाद यात्रा संपन्न होगी।