मुंबई। महाराष्ट्र के 18 जिलों में इस वर्ष बहुत ही कम बारिश हुई है। इन जिलों में अपर्याप्त वर्षा की वजह से किसानों की फसल खेतों में ही सूखने लगी है। जलाशयों में पानी भंडारण नहीं हो सका है। इससे यहां के लोगों के लिए जहां पेयजल वहीं जानवरों को चारे का संकट बढ़ने लगा है। हालांकि मौसम विभाग ने सितंबर और अक्टूबर में बारिश की संभावना जताई है।
जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के सांगली, सातारा, सोलापुर, उस्मानाबाद, बीड, अहमदनगर, औरंगाबाद, जालना, परभणी, हिंगोली, बुलदाणा, वाशिम, आकोला, अमरावती, गोंदिया, जलगांव, धुले, नंदुरबार जिलों में अपर्याप्त वर्षा हुई है। जब किसी अवधि के दौरान वास्तविक वर्षा औसत वर्षा के 20 से 59 प्रतिशत से कम होती है, तो इसे अल्प वर्षा कहा जाता है। इसी तरह महाराष्ट्र के 15 जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज की गई है। इन जिलों में भी अगर सितंबर महीने में बारिश नहीं हुई तो यहां भी सूखे का संकट मंडरा सकता है।
वरिष्ठ जलवायु वैज्ञानिक डॉ. रामचन्द्र साबले कहते हैं, ”अल नीनो वातावरण में सक्रिय हो गया है। इसका असर सितंबर-अक्टूबर की बारिश पर पड़ेगा। इन दो महीनों में बारिश सामान्य होगी या नहीं, इस पर भी संदेह है। बारिश में भी रुकावट आएगी।” वरिष्ठ मौसम विज्ञानी माणिकराव खुले ने कहा, ”5 सितंबर से 15 सितंबर तक अगले 10 दिनों तक महाराष्ट्र में गरज के साथ अच्छी बारिश होने की संभावना है।”
उन्होंने कहा, ”मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में मध्यम से भारी बारिश और मुंबई, कोंकण विदर्भ में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।” पिछले कुछ दिनों में महाराष्ट्र में दोपहर के अधिकतम तापमान में औसत से करीब 2 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। खुले ने यह भी कहा है कि यह बढ़ोतरी 10 सितंबर तक जारी रह सकती है। इस तरह अगर मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी सच साबित हुई तो सूखा ग्रस्त गांवों को राहत मिल सकती है।