रांची। पहाड़ी मंदिर की पुरानी कमिटी ने मंदिर के मुख्य गेट पर विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि मंदिर को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे। दरअसल, पुरानी कमिटी को भंग कर नयी कमिटी का गठन किया गया है। इसमें राजनीतिक दलों के लोगों को शामिल किया गया है। पुरानी कमिटी ने पूछा कि जब कमिटी में जिला प्रशासन के अधिकारियों को रखा जाता था, तो ऐसी क्या नौबत आ गयी कि इसमें राजनीतिक दलों के लोगों को शामिल करना पड़ा। इसी बीच सोमवार को जैसे ही नयी कमिटी के लोग मंदिर पहुंचे, पुरानी कमिटी के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और कार्यालय में तालेबंदी कर नयी कमिटी के लोगों का विरोध किया।
वहीं नयी कमिटी के सदस्यों का कहना है कि वे मंदिर का विकास करना चाहते हैं। यहां राज्य और देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पहाड़ी मंदिर सनातन आस्था का बड़ा केंद्र है। ऐसे में यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधा बढ़ायी जानी चाहिए। साथ ही मंदिर का जीर्णोद्धार होना चाहिए। अब देखने वाली बात यह है कि नयी कमेटी के सदस्यों के आने के बाद पुरानी कमेटी के लोगों का आक्रोश कैसे शांत होता है, या ये मामला आनेवाले दिनों में और तूल पकड़ता है।
पहाड़ी मंदिर की पुरानी कमिटी का विरोध, कहा- मंदिर को नहीं बनने देंगे राजनीति का अखाड़ा
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