भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी पर अमर्यादित बयान से भड़का भाजयुमो
चरणबद्ध आंदोलन की दी चेतावनी, सभी जिलों में होगा पुतला दहन
रांची। झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के एमडी द्वारा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री पर अमर्यादित बयान की कड़ी निंदा करते हुए भाजपा युवा मोर्चा ने उनके खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन की घोषणा की है।
शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता हुई। इसमें भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष किसलय तिवारी ने कहा कि झारखंड प्रदेश में चल रही वर्तमान सरकार के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी प्रवक्ता बन बैठे हैं। जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी प्रदेश के मुख्यमंत्री सह ऊर्जा मंत्री को ऊर्जा विभाग में चल रहे टेंडर घोटाला की ओर ध्यान आकृष्ट कर जांच कराने के लिए पत्र लिखते हैं, तो दूसरी ओर ऊर्जा संचरण निगम के एमडी केके वर्मा झारखंड मुक्ति मोर्चा के नये प्रवक्ता बन बैठते हैं और अपनी करतूत पर पर्दा डालने के लिए अमर्यादित बयान देते हैं।
कहा कि केके वर्मा सेवानिवृत्त अधिकारी होने के बाद भी सेवा विस्तार लेकर संचरण निगम के एमडी बने हुए हैं, परंतु पूरा झारखंड जान रहा है कि केके वर्मा वसूली कंपनी के एमडी बने हुए हैं। कहा कि यह जान कर आश्चर्य हो रहा है कि संचरण निगम का एमडी सेवानिवृत्त अधिकारी नहीं बन सकता है, परंतु इन्हें बनाने के लिए नियम में बदलाव किया गया। साथ ही इन्हें जरेडा और ऊर्जा वितरण निगम का भी डायरेक्टर बना कर रखा गया है। दूसरी ओर विभाग में समान एवं निजी कंपनियों से बिजली खरीद के लिए जीएम स्तर के अधिकारी होते हैं, परंतु अब यह काम सिंडिकेट के जूनियर स्तर के अधिकारी के माध्यम से कराया जा रहा है, जबकि विभाग में जीएम स्तर के अधिकारी भरे पड़े हैं।
कहा कि केके वर्मा का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होनेवाला है। वह सोच रहे हैं कि बाबूलाल मरांडी के खिलाफ बोलने से एक बार फिर सेवा विस्तार मिल जायेगा और हम अपनी करतूत भी छुपा लेंगे। भाजयुमो सरकार से मांग कर रही है कि इन्हें अविलंब संचरण निगम के एमडी पद से मुक्त किया जाये और उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोप की जांच करायी जाये। इन्हें पद से मुक्त करने तक हम चरणबद्ध आंदोलन करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि जब से वर्तमान सरकार सत्ता में आयी है, राज्य की जनता गंभीर बिजली संकट झेल रही है। रांची, धनबाद, बोकारो, हजारीबाग इत्यादि बड़े शहरों में भी घंटों बिजली नहीं रह रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के ऊर्जा विभाग में उच्चतम स्तर तक लूट मची हुई है। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने कई अन्य विषय पर राज्य के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को कई पत्र लिखा, लेकिन आज तक किसी का कोई उत्तर नहीं आया , एक सामान्य शिष्टाचार में पत्र प्राप्ति की सूचना भी नहीं दी जाती। कहा कि ऊर्जा विभाग में सिर्फ निविदा लूट का खेल मचा हुआ। बिना झारखंड राज्य विद्युत विनियामक आयोग के अनुमोदन के निविदा निकाली जा रही है, कार्य का आवंटन हो रहा है। जो पावर परचेज एग्रीमेंट का पत्र लगाया है, उसका अप्रूवल एक अलग प्रक्रिया है। पावर परचेज एग्रीमेंट का मतलब है कि उस प्लांट से जो बिजली का उत्पादन होगा, उसमे झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का हिस्सा पीपीए के अनुसार होगा। वैसे ही एनटीपीसी के द्वारा जो पावर प्लांट नार्थ कर्णपुरा में लगाया गया है, उसमें 25 प्रतिशत बिजली जेवीबीएनएल के पीपीए में है। इसका मतलब ये नहीं है कि झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड इवैक्यूएशन सिस्टम बनायेगा। कहा कि झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड को सिर्फ उसी सिस्टम को बनाना है, जितनी बिजली की आवश्यकता जेबीवीएमएल को है। 400 केवी का एवं अन्य ग्रिड सब स्टेशन तथा ट्रांसमिशन लाइन बनाने की अनुमति जेएसइआरसी के द्वारा नहीं दिया गया है।
कहा कि यह योजना जब बनी थी, उस समय यह उम्मीद की गयी थी कि 2021-2022 में 5630 मेगावाट बिजली की जरूरत जेबीवीएनएल को होगी, परंतु वर्तमान में मैक्सिमम लोड 2600 मेगावाट ही है, इसलिए सिर्फ पीपीए का मतलब यह नहीं है कि उसके लिए झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेगा। पॉवर इवैक्यूएशन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने की जिÞम्मेवारी पॉवर प्लांट की होती है, झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड की नहीं। क्योंकि लोड ग्रोथ का जो अनुमान लगाया गया था, उतना लोड ग्रोथ अभी तक भी नहीं हुआ है। इसलिए इस इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं है। इसी कारण से जेएसइआरसी ने जेएसयूएनएल के द्वारा दी गयी स्कीम को खारिज किया है। कहा कि अगर पूर्व में जेएसइआरसी की अनुमति प्राप्त थी, तो पुन: ये प्रस्ताव क्यों भेजा गया? अब क्यो ंउसको पारित कराने की कोशिश की जा रही है? प्रेसवार्ता में युवा मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्य प्रभात, प्रदेश मंत्री पवन पासवान भी उपस्थित रहे।