बेगूसराय। जदयू द्वारा शनिवार को जिला मुख्यालय के सामुदायिक भवन बाघा में बिहार में हुए जातीय गणना की रिपोर्ट प्रकाशित होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार सह कर्पूरी चर्चा आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जदयू जिलाध्यक्ष रूदल राय एवं संचालन अति पिछड़ा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष सीताराम ठाकुर ने किया।
जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर आयोजित इस कार्यक्रम के लिए लगाए गए फ्लैक्स पर कर्पूरी ठाकुर का फोटो नहीं रहना चर्चा का विषय बन गया है। कार्यक्रम को लेकर जदयू नेताओं ने बड़ी संख्या में फ्लैक्स-बैनर लगवाए थे। जिसमें मुख्यमंत्री सहित सभी नेताओं के फोटो थे, लेकिन कर्पूरी ठाकुर का छोटा सा भी फोटो नहीं रहने की सब चर्चा कर रहे हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर कार्यकर्ताओं ने बताया कि दुर्भाग्यपूर्ण बात है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विधायक दामोदर रावत ने कहा कि बिहार में जातीय गणना होने के बाद पिछड़ा, अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक, अनुसूचित वर्ग में बड़ी उत्साह है। इससे भारतीय जनता पार्टी के कलेजे पर सांप लोट रहा है। भाजपा ने हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जातीय गणना के खिलाफ याचिका दायर किया। 2024 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में केन्द्र में महागठबंधन की सरकार बनेगी।
विधायक विजय सिंह निषाद ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के बाद नीतीश कुमार ने ही अति पिछड़ों को पंचायती राज एवं नगर निकाय के सभी पदों पर अनुसूचित 17 प्रतिशत, अतिपिछड़ा को 20 प्रतिशत और महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर राजनीतिक में सशक्त करने का कार्य किया। नीतीश कुमार लोगों की पसंद हैं, इसलिए आगामी लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व में केंद्र में महागठबंधन की सरकार बननी तय है।
महानगर अध्यक्ष एवं पूर्व मेयर संजय कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो कार्य किए, उसके संबंध में पूर्व के मुख्यमंत्रियों ने सोचा भी नहीं था। नितीश कुमार ने समाज के सभी वर्गों का उत्थान किया। ऐसी-ऐसी योजना चलाई, जिससे देश के अन्य राज्य भी प्रेरित हो रहे हैं। जातीय गणना से बिहार ने इतिहास रच दिया है। इस साहसिक कदम के लिए आज पूरा देश नितीश कुमार का आभार जता रहा है।
जदयू जिलाध्यक्ष रुदल राय ने कहा कि जातीय जनगणना के बाद यह स्पष्ट हो गया कि जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी हिस्सेदारी। अब अति पिछड़ों को सरकारी नौकरी में 36 प्रतिशत, अनुसूचित को 20 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलने की उम्मीद है। जननायक कर्पूरी ठाकुर के बाद अतिपिछड़ा समाज के लिए इतना काम पहले किसी ने नहीं किया। जातीय गणना का रिपोर्ट प्रकाशित होने पर अति पिछड़ा समाज में एक नई आशा का संचार हुआ है।