Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Friday, September 26
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»राज्य»हमारा राष्ट्र स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के आधार पर ही समृद्ध हो सकता है : डॉ देवेश
    राज्य

    हमारा राष्ट्र स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के आधार पर ही समृद्ध हो सकता है : डॉ देवेश

    shivam kumarBy shivam kumarAugust 11, 2025No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    पटना। बिहार में सीतामढ़ी शहर के वीरकुंवर सिंह चौक पर स्वदेशी जागरण मंच ने विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार सह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का पुतला दहन आज किया । मौके पर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रान्त सह पर्यावरण प्रमुख डॉ देवेश कुमार ने कहा कि 1991 में अपनी स्थापना के बाद से ही स्वदेशी जागरण मंच स्वदेशी अपनाने के लिए जनता में जागरूकता पैदा कर रहा है। मंच का दृढ़ विश्वास है कि हमारा राष्ट्र स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के आधार पर ही समृद्ध हो सकता है।

    डॉ देवेश ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं की वर्तमान परिस्थितियों में, जहां वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं, भुगतान प्रणालियों और वैश्विक मुद्राओं को हथियार बनाया जा रहा है, अमरीका और अन्य देश अधिक से अधिक संरक्षणवादी बन रहे हैं और टैरिफ दीवारों और अन्यायपूर्ण गैर-टैरिफ बाधाओं का उपयोग करके वैश्विक निर्यात को अवरुद्ध किया जा रहा है, कुछ देशों, विशेष रूप से चीन द्वारा अतिरिक्त क्षमताओं के आधार पर माल डंप किया जा रहा है, और हमारे विनिर्माण को खत्म करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। ऐसे में स्वदेशी राष्ट्रीय हितों की रक्षा का एक महत्वपूर्ण साधन हो सकता है। मौके पर जिला संयोजक संगीता झा ने प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त विचारों को कहते हुए कहा की भारतीयों द्वारा विदेशी विवाहों से परहेज़ करने का उदाहरण दिया है, स्वदेशी जागरण मंच का मानना है कि मूल्यवान विदेशी मुद्रा बचाने के और भी कई उपाय हो सकते हैं।

    उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से विदेशी वस्तुओं का न्यूनतम उपयोग; और चीन, तुर्की व अन्य विरोधी देशों की वस्तुओं और सेवाओं का बहिष्कार करना, कुछ अपवादों को छोड़, विदेशी विश्वविद्यालयों में अध्ययन का मोह त्यागना, स्थानीय उत्पादों का उपयोग और कारीगरों को बढ़ावा देना, न केवल मूल्यवान विदेशी मुद्रा बचाने में सहायक हो सकता है, बल्कि विकास के विकेंद्रीकृत मॉडल के आधार पर स्थानीय स्तर पर रोज़गार, आजीविका और लोगों के कल्याण को भी बढ़ावा दे सकता है।

    समाजसेवी एवं उद्यमी शिवनाथ प्रसाद ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा की स्वदेशी जागरण मंच द्वारा बड़ी संख्या में व्यापारियों और विनिर्माण कंपनियों के संघों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर 12 जून, 2025 को ‘स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान’ की शुरुआत के साथ, स्वदेशी आंदोलन को फिर से गति दी गई है, जिसका उद्देश्य देश के कोने-कोने में भारत को पुनः महान बनाने (जिसे प्रधानमंत्री ‘मीगा’ यानि मेक इंडिया ग्रेट अगेन कहते हैं) के लिए जागरूकता पैदा करना है।

    जिला सह संयोजक महेंद्र प्रसाद ने आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में राजनीतिक इच्छाशक्ति, नीतिगत हस्तक्षेप और जनभागीदारी ने सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं। स्थानीय कोविड वैक्सीन का आविष्कार और निर्माण करके, भारत न केवल अपने लाखों नागरिकों की जान बचा सका, बल्कि ग्लोबल साउथ की एक बड़ी आबादी को बचाने में भी मदद की; रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता ने दुनिया को पहले ही चकित किया हुआ है, आत्मनिर्भर डिजिटलीकरण, अंतरिक्ष क्षेत्र और कई अन्य क्षेत्रों के हमारे अनुभव स्वदेशी की ताकत के जीवंत उदाहरण हैं।

    उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की ईस्ट इंडिया कंपनी सरीखे नए डिजिटल एकाधिकार – अमेज़न, वॉलमार्ट (फ्लिपकार्ट) और अन्य पश्चिमी ई-कॉमर्स दिग्गज ये प्लेटफ़ॉर्म भारत के पारंपरिक खुदरा व्यापार को कमज़ोर करने, लाखों छोटे व्यापारियों को हाशिए पर डालने का काम कर रहे हैं। ये केवल प्लेटफ़ॉर्म नहीं हैं – ये डिजिटल साम्राज्य हैं जो नियमों की धज्जियाँ उड़ाते है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleलगातार बारिश से बिहार में गंगा समेत सभी नदियां उफान पर, अबतक 19 लोगों की मौत
    Next Article भूकंप से फिर दहला तुर्किए, 6.1 तीव्रता के झटके से भारी नुकसान की आशंका
    shivam kumar

      Related Posts

      पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी

      September 26, 2025

      कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट मंदिर में गृह मंत्री अमित शाह ने की पूजा

      September 26, 2025

      कन्नड़ लेखक एस.एल. भैरप्पा पंचतत्व में विलीन

      September 26, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 21वीं किस्त जारी
      • मिग-21 की वायु सेना से विदाई पर राजनाथ ने भारत-रूस के साथ गहरे संबंधों को याद किया
      • राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रदान किए
      • कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट मंदिर में गृह मंत्री अमित शाह ने की पूजा
      • कन्नड़ लेखक एस.एल. भैरप्पा पंचतत्व में विलीन
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version