सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है सतत संघर्ष ही
रांची। सोरेन परिवार की बड़ी बहू सीता सोरेन ने 19 मार्च को परिवार और जेएमएम पर उपेक्षा का आरोप लगा कर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इतना ही नहीं इस्तीफे के बाद सीता सोरेन ने बीजेपी का दामन थाम लिया। सीता सोरेन के आरोपों पर अब पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने अपना पक्ष रखा है। कल्पना सोरेन ने हेमंत सोरेन के एक्स हैंडल पर हेमंत सोरेन की शादी के समय की एक तस्वीर साझा की है। इस फोटो में हेमंत सोरेन के साथ उनके बड़े भाई दुर्गा सोरेन भी बैठे हैं। कल्पना ने पोस्ट में लिखा कि हेमंत जी के लिए स्वर्गीय दुर्गा दा, सिर्फ बड़े भाई नहीं, बल्कि पिता तुल्य अभिभावक के रूप में रहे। 2006 में ब्याह के उपरांत इस बलिदानी परिवार का हिस्सा बनने के बाद मैंने हेमंत जी का अपने बड़े भाई के प्रति आदर तथा समर्पण और स्वर्गीय दुर्गा दा का हेमंत जी के प्रति प्यार देखा। हेमंत जी राजनीति में नहीं आना चाहते थे, परंतु दुर्गा दादा की असामयिक मृत्यु और आदरणीय बाबा के स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें राजनीति के क्षेत्र में आना पड़ा।
हेमंत जी ने राजनीति को नहीं, बल्कि राजनीति ने उन्हें चुना
कल्पना ने आगे लिखा कि हेमंत जी ने राजनीति को नहीं, बल्कि राजनीति ने हेमंत जी को चुना। लिखा कि वो आर्किटेक्ट बनना चाहते थे। लेकिन उनके ऊपर अब झामुमो, आदरणीय बाबा और स्व दुर्गा दा की विरासत और संघर्ष को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा का जन्म समाजवाद और वामपंथी विचारधारा के समन्वय से हुआ था। झामुमो आज झारखंड में आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों समेत सभी गरीबों, वंचितों और शोषितों की विश्वसनीय आवाज बन कर आगे बढ़ रहा है। आदरणीय बाबा एवं स्व दुर्गा दा के संघर्षों और जो लड़ाई उन्होंने पूंजीपतियों-सामंतवादियों के खिलाफ लड़ी थी, उन्हीं ताकतों से लड़ते हुए आज हेमंत जी जेल चले गये। वह झुके नहीं। उन्होंने एक झारखंडी की तरह लड़ने का रास्ता चुना। वैसे भी हमारे आदिवासी समाज ने कभी पीठ दिखा कर, समझौता कर, आगे बढ़ना सीखा ही नहीं है। झारखंडी के डीएनए में ही झुकना नहीं है। आगे लिखा है कि सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है सतत संघर्ष ही। पोस्ट के अंत में हैशटैग के साथ लिखा कि झारखंड झुकेगा नहीं।