यह मोदी की उद्योगपतियों के लिए लूट की छूट की गारंटी है
रांची। झामुमो ने भाजपा के संकल्प पत्र पर कड़ा प्रहार किया है। कहा कि यह भाजपा का संकल्प पत्र नहीं है। भाजपा गुम हो गयी है। एक अधिनायकवादी, तानाशाही राजा का पत्र है। जिसमें संघीय ढांचे को तहस-नहस करने की गांरटी दी गयी है। यह मोदी की उद्योगपतियों के लिए लूट की छूट की गारंटी है। मोदी के संकल्प पत्र में मणिपुर, महंगाई, बेरोजगारी, किसान, पेट्रोल-डीजल और एलपीजी का जिक्र तक नहीं है। संकल्प पत्र में नहीं बताया गया कि 400 का सिलेंडर 1400 तक कैसे पहुंच गया। गरीबी हटाने की बात करने वाले मोदी जी ने यह नहीं बताया कि देश में 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त में अनाज क्यों नहीं दिया जा रहा है। तेल का भाव, चावल का भाव, गेहंू का भाव, सरसो तेल का भाव, दाल का भाव, प्याज का भाव को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया। बेरोजगारी का जिक्र नहीं किया गया। संकल्प पत्र पूरी तरह से उद्योगपतियों को लूट की छूट देने के लिए लाया गया है। यह बात झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं।
पीएम की सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की बातें समझ से परे
सुप्रियो ने कहा कि संकल्प पत्र में सोशल और डिजिटल इंफ्रास्क्ट्रचर की बातें कही गयी हैं। लेकिन यह क्या है, इसका कोई स्पष्ट जिक्र नहीं है। जिसे जरा भी गणित और विज्ञान की समझ है, वह आसानी से समझ सकते हैं कि यह 360 डिग्री की तरह गोल-गोल घुमाया गया है। एक आंकड़े के अनुसार देश में 83 प्रतिशत बेरोजगारी है। 85 करोड़ को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है, जो गरीबी को दर्शाता है। जिस देश के मणिपुर में हमारी मां-बहनों के साथ ऐसा अत्याचार होता है, नंगा घुमाया जाता है, बलात्कार होता है, हमारे देश के पीएम वहां जाते ही नहीं हैं। भूखमरी में हमारे देश की स्थिति भी किसी से छिपी नहीं है। जिस देश में 700 से अधिक किसान आत्महत्या करते हों, जिस देश पीएम किसानों से बातचीत नहीं करते हैं, देश की सुरक्षा और प्रकृति की सुरक्षा की बातें की जाती हैं। वहां पर सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करना पूरी तरह से बेईमानी है। रही बात डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की तो यह अडाणी और अंबानी के लिए किया गया है।