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    Home»झारखंड»तापस घोष, संजीत की मदद से इरशाद ने हेमंत सोरेन की फर्जी डीड बनायी, तीनों को इसके एवज में लाखों रुपये का भुगतान किया गया
    झारखंड

    तापस घोष, संजीत की मदद से इरशाद ने हेमंत सोरेन की फर्जी डीड बनायी, तीनों को इसके एवज में लाखों रुपये का भुगतान किया गया

    adminBy adminMay 10, 2024No Comments3 Mins Read
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    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने जमीन घोटाला मामले में जिन तीन लोगों को गुरुवार को गिरफ्तार किया है, उन पर फर्जीवाड़ा समेत कई आरोप लगाये गये हैं। पीएमएलए कोर्ट में दायर रिमांड याचिका में इडी ने कहा है कि 8.86 एकड़ जमीन के साथ-साथ 6.34 एकड़ जमीन को तापस घोष, संजीत कुमार और मो इरशाद की मदद से ही अवैध ढंग से कब्जे में लिया गया।
    इडी की याचिका में कहा गया है कि पूरे मामले की जांच के दौरान हेमंत सोरेन, भानु प्रताप प्रसाद, सद्दाम हुसैन, अफसर अली, प्रिय रंजन सहाय, इरशाद अख्तर, बिपिन सिंह और अंतु तिर्की समेत कई अन्य को अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। आगे की जांच के दौरान उपरोक्त संपत्तियों के संबंध में जालसाजी में मोहम्मद इरशाद, संजीत कुमार और तापस घोष की भूमिका सामने आयी।
    याचिका के अनुसार, तापस घोष रजिस्ट्रार आॅफ एश्योरेंस, कोलकाता में डीड सर्चर के रूप में काम करता था और संजीत कुमार रजिस्ट्रार आॅफ एश्योरेंस में अनुबंध के आधार पर स्वीपर/चौकीदार के रूप में काम करता था और रात में वहीं रहता था। दोनों आरोपी व्यक्तियों के पास मूल रिकॉर्ड तक पहुंच थी और वे रजिस्ट्रार आॅफ एश्योरेंस, कोलकाता से खाली पेज और मूल वॉल्यूम की आपूर्ति में शामिल थे। वे आरोपी इरशाद अख्तर के सीधे संपर्क में थे और फर्जी डीड बनाने के लिए मूल रजिस्टर/मूल वॉल्यूम के खाली पेज मुहैया कराते थे।
    याचिका में कहा गया है कि मामले के आरोपियों को सहायता प्रदान करने के बदले बैंक हस्तांतरण या नकद जमा के माध्यम से तापस घोष के बैंक खाते में 21.43 लाख रुपये की राशि जमा होने की बात सामने आयी है। संजीत कुमार के बैंक खाते में अपराध की आगे की आय की भी पहचान की गयी है। उसके बैंक खाते में 80 हजार रुपये जमा कराये गये। इसके अलावा उसके बैंक खाते में नगद राशि भी जमा करायी गयी। मो इरशाद अपने मृतक सहयोगी मकबूल के माध्यम से एक अलग फर्जी डीड संख्या 2376/1940 लिखने में शामिल था, जो उपरोक्त 4.83 एकड़ संपत्ति का हिस्सा है। उसने अपने सहयोगी अलाउद्दीन (अब मृत) की मदद से डीड संख्या 3954/1974 भी तैयार किया। इरशाद ने भानु प्रताप प्रसाद, मो सद्दाम हुसैन, बिपिन सिंह और अन्य के साथ मिल कर उपरोक्त 4.83 एकड़ संपत्ति के लिए मूल पंजी टू रजिस्टरों में फर्जी प्रविष्टियां कीं। उसने समरेंद्र चंद्र घोषाल के नाम पर उपरोक्त 4.83 एकड़ संपत्ति से संबंधित पिछली तारीख की फर्जी म्यूटेशन सुधार पर्चियां लिखीं। उसने 6.34 एकड़ की उपरोक्त संपत्ति के लिए 1940 की तारीख से फर्जी डीड संख्या 3985 भी लिखी थी, जिसमें से प्लॉट संख्या 989 और 996 पर जमीन का एक हिस्सा हेमंत सोरेन के अवैध कब्जे में है, जिन्हें इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया है। इरशाद के एक्सिस बैंक खाते 918010066076941 और 913110039978433 की जांच से पता चलता है कि उपरोक्त नामजद आरोपियों मोहम्मद सद्दाम हुसैन, अफसर अली और अन्य के माध्यम से उसे आठ लाख 74 हजार पांच सौ रुपये का भुगतान किया गया है।
    इडी ने कहा है कि इस प्रकार तथ्यों से यह स्पष्ट है कि उपरोक्त तीनों आरोपी, मोहम्मद इरशाद, संजीत कुमार और तापस घोष जानबूझ कर अपराध की आय से जुड़ी प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, जो जालसाजी और सरकारी अभिलेखों से छेड़छाड़ की अवैध गतिविधियों से प्राप्त हुई हैं। आरोपी व्यक्ति रांची के चेशायर होम रोड में 4.83 एकड़ की संपत्ति हासिल करने के लिए फर्जी डीड तैयार करने में शामिल हैं।

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