रांची। झारखंड में जमीन घोटाले मामले की प्रवर्तन निदेशालय (इडी) जांच कर रही है। इडी की जांच में पता चला है कि झारखंड में भू-माफियाओं का एक रैकेट सक्रिय है, जो रांची और कोलकाता में जमीन के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करने में लगा है। जमीन को गैरकानूनी तरीके से कब्जा करने के लिए पहले स्वामित्व के मूल भूमि रिकॉर्ड से या तो छेड़छाड़ की जाती है या छिपाया जाता है। इसके बाद जाली भूमि अभिलेखों के आधार पर, ऐसी जमीन को दूसरे को बेच दिया जाता है। जमीन घोटाले मामले में इडी ने अब तक झारखंड के 266 करोड़ (वाणिज्यिक मूल्य) की संपत्ति को अस्थायी रूप से अटैच किया है। साथ ही इस मामले में 25 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है।
जमीन घोटाला मामले में इडी ने 55 ठिकानों पर की छापेमारी
इडी सूत्रों के अनुसार जमीन घोटाला से जुड़े मामलों में 55 ठिकानों पर छापेमारी और नौ सर्वेक्षण किये गये थे। इस दौरान भू-राजस्व विभाग की जाली मुहरें, जाली भूमि दस्तावेज, उनके बीच अपराध की आय के वितरण के रिकॉर्ड, जालसाजी करते हुए तस्वीरें, सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने जैसे कई सबूत उजागर किये गये। तलाशी के दौरान इडी ने 1.27 करोड़ कैश भी बरामद किये। वहीं अब तक इडी ने हेमंत सोरेन, छवि रंजन, आइएएस (पूर्व डीसी, रांची), भानु प्रताप प्रसाद (राजस्व उप-निरीक्षक), अमित कुमार अग्रवाल, प्रेम प्रकाश सहित 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि भूमि घोटाला मामलों में जांच के तहत वर्तमान में इडी ने तीन अभियोजन शिकायत भी दर्ज की गयी है।