-पुलिस की तत्परता से विफल हो गयी साजिश
रांची। झारखंड में पिछले 48 घंटे के दौरान तीन जिले में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की साजिश हुई। हालांकि पुलिस की तत्परता से माहौल बिगाड़ने की साजिश को नाकाम कर दिया गया। जिन जिलों में यह साजिश हुई, उसमें बोकारो, पलामू और पाकुड़ जिला शामिल है। इन जिलों में अलग-अलग कारणों से दो गुट आमने-सामने हो गये। साथ ही पत्थरबाजी और बमबाजी तक की घटनाएं हुईं।
18 जून 2024-पलामू जिला के पांकी प्रखंड के पिपराटांड़ थाना क्षेत्र के नौडीहा बहेरा में गौशाला में प्रतिबंधित मांस का टुकड़ा मिला। वहीं दूसरी तरफ नौडीहा मस्जिद के निकट पुराने कुआं में प्रतिबंधित पशु की हड्डियों की दो बोरी भी मिली। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गये और गांव में तनाव की स्थिति बन गयी।
17 जून 2024- बोकारो जिला में हादसे में दो मवेशियों की मौत के बाद अलग-अलग पक्षों से जुड़े लोग आमने-सामने हो गये और फिर पथराव हुआ। इस झड़प और पथराव में एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए। वहीं इस पत्थरबाजी में कई पुलिस वाले भी चोटिल हुए। स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। ये घटना सेक्टर वन से भरुआ बस्ती जाने के रास्ते में हुई।
17 जून 2024- पाकुड़ जिला के सदर प्रखंड के गोपीनाथपुर और पश्चिम बंगाल के कृष्टानगर के ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया। दोनों में विवाद इतना बढ़ गया कि नौबत मारपीट तक आ गयी। इसके बाद दोनों गुटों में पथराव के साथ-साथ बमबाजी भी हुई। स्थानीय लोगों के अनुसार गोपीनाथपुर गांव में एक व्यक्ति द्वारा कुर्बानी दी गयी थी और जमीन मालिक द्वारा इसका विरोध किये जाने के कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस घटना के दूसरे दिन 18 जून को भी बमबाजी की घटना हुई।
पर्व त्योहार भी अब हो रहे संवेदनशील
झारखंड में छोटे-छोटे त्योहार भी संवेदनशील होते जा रहे हैं। इस बात का खुलासा झारखंड पुलिस की रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के कुछ वर्षों में कम संवेदनशील त्योहारों सरस्वती पूजा, गणेश पूजा, मिलाद उन नबी में भी विधि व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई है। झारखंड के जो क्षेत्र पहले सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील नहीं थे, अब वहां भी पर्व-त्योहारों में अशांति का माहौल देखा जा रहा है। इसमें संथाल परगना के सभी जिले सहित कोडरमा जिला शामिल है।