Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Friday, June 6
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»विशेष»तमाड़ में एक सड़क के कारण नहीं हो रही लड़कों की शादी, कोई भी अपनी लड़की इन गावों में ब्याहना नहीं चाहता
    विशेष

    तमाड़ में एक सड़क के कारण नहीं हो रही लड़कों की शादी, कोई भी अपनी लड़की इन गावों में ब्याहना नहीं चाहता

    shivam kumarBy shivam kumarJuly 22, 2024No Comments9 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    विशेष
    -कुंवारों पर सितम ढा रही है यह 22 किलोमीटर लंबी सड़क
    -इलाके में ऐसा कोई नहीं, जो इस सड़क पर गिरा नहीं

    नमस्कार। आजाद सिपाही विशेष में आपका स्वागत है। मैं हूं राकेश सिंह।
    जब हम अपने भ्रमण कार्यक्रम के दौरान तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे, तो पता चला कि यहां एक ऐसी सड़क है, जहां लगभग हजारों ग्रामीण मोटर साइकिल या साइकिल से अब तक गिर चुके हैं। कइयों की हड्डियां टूट चुकी हैं। कई तो पास में बहती नहर में भी गिर चुके हैं। हमें ऐसा कोई मिला नहीं, जो इस सड़क पर गिरा नहीं। सच में आप एक बार इस सड़क पर जाकर देखें और वहां के ग्रामीणों से बातचीत करें, तो आप पायेंगे कि इस सड़क पर गिरने का स्वाद लगभग हर कोई चख चुका है। हमारी खुद की गाड़ी इस सड़क पर ऐसी फंसी कि लगा अब पैदल ही दौरा करना पड़ेगा। इस सड़क पर इतने गड्ढे हैं, जिससे पता ही नहीं चलता कि सड़क पर गड्ढे हैं, या गड्ढों में सड़क है। कोई भी इन गड्ढों में मछली पालन का कारोबार आसानी से कर सकता है। अगर कोई बीमार पड़ जाता है, तो मरीज को अस्पताल ले जाने में पसीने छूट जाते हैं। कभी-कभी तो मरीजों के प्राण भी इसी रास्ते पर छूट गये। वैसे यमराज भी इस सड़क मार्ग से आने से बचते होंगे। गर्भवती महिलाओं के लिए तो यह सड़क काल है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल ले जाने के क्रम में सड़क पर गाड़ी कूदने के कारण सड़क पर ही प्रसव भी हो गया। यह सब भी यहां के गांववाले सह लेते, लेकिन इस सड़क के कारण यहां के लड़कों की शादी कट जा रही है। कोई भी अपनी लड़की इन गावों में ब्याहना नहीं चाहता। यह सड़क तमाड़ प्रखंड के सलगाडीह से उलीलोहर, जामडीह तक जाती है। 22 किलोमीटर की इस सड़क के बीच पांच पंचायतें आती हैं। पेडाइडीह, जानुमपिडी डींवुजरदा, उलीलोहर और कुरकुट्टा, जिनके आसपास लगभग एक लाख की आवादी निवास करती है। यह सड़क बंगाल को भी जोड़ती है। कैनाल रोड के नाम से प्रचलित है यह सड़क। इस सड़क का दो बार शिलान्यास भी हो चुका है, यानी शिलान्यास के नाम पर वोट भी मांगा जा चुका है। इस सड़क के अंत में डींबुडीह गांव है, जो आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो की ससुराल भी है। उनकी शादी के दौरान इस सड़क का निर्माण हुआ था। बिजली भी लगी थी, लेकिन उसके बाद आज तक इस सड़क की सुध किसी ने नहीं ली। न यहां के सांसद, न ही विधायक। यहां के पूर्व सांसद और विधायक से लोगों की काफी शिकायतें हैं। लोगों का कहना है कि 2019 के चुनाव में उन्होंने बहुत उम्मीद के साथ लोकसभा में अर्जुन मुंडा और विधानसभा में विकास सिंह मुंडा के पक्ष में मतदान किया था। लेकिन उन्हें क्या पता था कि ये दोनों ही जनप्रतिनिधि उनकी समस्याओं से आंखें मूंद लेंगे। पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा चाहते, तो बड़ी आसानी से गांववालों की इस समस्या का समाधान हो जाता, लेकिन वह समाधान नहीं कर पाये और इस बार उनकी हार में एक कारण यह सड़क भी रही। उन्हें इस क्षेत्र से बुरी तरह हार का मुंह देखना पड़ा। विकास मुंडा के बारे में गांववालों की प्रतिक्रिया बहुत कड़वी है। क्या है इस सड़क की कहानी और कैसे यह सड़क यहां के ग्रामीणों के जी का जंजाल बनी हुई है, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।

    तमाड़ बहुत प्रसिद्ध जगह है। तमाड़ क्षेत्र में ही मां देवड़ी का मंदिर है। मां का दर्शन करने आम आदमी से लेकर वीवीआइपी तक जाते हैं। मंदिर जाने के क्रम में एक रास्ता नेशनल हाइवे से कटता है, जिसे कैनाल रोड भी कहते हैं। यह सड़क बंगाल को भी जोड़ती है। यहां के लोगों के लिए लाइफ लाइन है यह सड़क, लेकिन यही सड़क अब लाइफ लाइन के बजाय लाइफ को खतरे में डालने वाली बन चुकी है। लोगों का जीना दूभर हो गया है। यह ऐसी सड़क है, जो यहां के ग्रामीणों को पटक कर ही मानती है। चाहे कोई मोटरसाइकिल से चले या फिर साइकिल से। इलाके में ऐसा कोई शख्स मिला नहीं, जो इस सड़क पर गिरा नहीं। तमाड़ विधानसभा क्षेत्र के तमाड़ प्रखंड के सलगाडीह से उलीलोहर, जामडीह तक 22 किलोमीटर की इस सड़क के इर्द-गिर्द पांच पंचायतें हैं। पेडाइडीह, जानुमपिडी, डींवुजरदा, उलीलोहर और कुरकुट्टा। इन पांच पंचायतों में और आसपास मिला कर लगभग एक लाख की आवादी निवास करती है। इन पंचायतों में सलगाडीह, दुबला, सालगा टोला, हारलालाता, सुंदरडीह सिंदवारडीह, चेनेआडीह, डुबुडीह, पेडाइडीह, रोलाबेड़ा, सिमर टांड़, भिनसाइडीह, बादला, पोड़लाही, चोगाडीह, नावाडीह, ऐदेलडीह, खेदवाडीह, दिदली, दुलमी, हाराडीह, सेरेंगडीह, भीठुडीह, जानुमपिडी, डींबुजरदा, सरमाली, उलीलोहर, जामडीह, डीमुडीह, कुड़माहातु, बारेडीह, कुरकुट्टा, गेरेडीह, लुपुंगडीह, चोडवाडीह नाम के गांव हैं।

    लड़कों की शादी नहीं हो रही है
    इन गांवों का हाल ऐसा है कि कोई भी अपनी लड़की यहां ब्याहना नहीं चाहता। यहां के लड़कों की शादी इस सड़क के कारण कई बार कट चुकी है। यहां के लोग बोलते हैं कि लड़की वाले आते हैं, घर देखते हैं, लड़का देखते हैं, परिवार देखते हैं, सब कुछ पसंद आने के बाद जब सड़क की बात आती है, तो वहीं पर रिश्ता तय नहीं हो पाता। अगर रिश्ता तय भी हो गया, तो एक-दो बार इस सड़क पर आने-जाने के क्रम में रिश्ता कैंसिल हो जाता है। यहां के युवा परेशान हैं। कुंवारों के लिए काल बन गयी है यह सड़क। एक व्यक्ति तो ऐसा मिला, जिसने कहा कि एक बार नहीं, चार-चार बार इस सड़क के कारण उसकी शादी कट गयी। फिलहाल उसकी शादी अब हो चुकी है। लेकिन अब उसका दोस्त भी इस सड़क का शिकार बन गया है। अब देखिये उसके दोस्त की शादी कब तय हो पाती है। तय होने के बाद शादी कब होती है। गांववालों का कहना है कि युवाओं की इतनी बड़ी पीड़ा यहां के विधायक विकास मुंडा को भी दिखाई नहीं पड़ती। उनके क्षेत्र के युवाओं की शादी एक सड़क के कारण कट रही है। आखिर क्यों नहीं विधायक सड़क बनवाने की पहल करते हैं। गांववाले कहते हैं, शिलान्यास तो दो-दो बार हो गया। सड़क कब बनेगी यह कोई नहीं जानता। इस सड़क के आसपास के गांववाले विधायक को बहुत याद कर रहे हैं। विधायक से उनकी आशा है। गांववाले कहते हैं, एक बार आप आइये और गांववालों से मिल कर उनका हालचाल ले आइये। गांववालों ने बताया कि विधायक जी सिर्फ यहां भोज खाने आते हैं, वह भी अपने चहेतों के यहां। वैसे पूर्व के सांसद अर्जुन से भी लोगों ने गुहार लगायी थी, लेकिन उन्होंने उनकी एक न सुनी। फिर आया चुनाव, तो जनता ने उनकी एक न सुनी। आज वह राजनीतिक हाशिये पर हैं। गांववाले कहते हैं कि अब फिर विधानसभा चुनाव आ रहा है। इस बार वे उसे ही वोट करेंगे, जो उनकी सड़क बनवायेगा।

    गर्भवती महिलाओं के लिए काल है यह सड़क
    इस सड़क का आतंक इतना है कि कोई भी अगर बीमार पड़ जाता है और उसे अस्पताल ले जाना है, तो एंबुलेंस का ड्राइवर पहले ही बीमार हो जाता है। हिम्मत करके वह इस सड़क के रास्ते गांव में प्रवेश कर भी गया, तो अस्पताल ले जाते-जाते डॉक्टर ‘आइ एम सॉरी’ बोल देता है, या फिर दो-तीन घंटे तो लगने ही हैं। अगर गड्ढों के कारण गाड़ी ज्यादा कूदी और उसमे अगर मरीज बुजुर्ग है, तो हड्डी या पसली टूटना या लचकना अनिवार्य है। बीमारी से साथ फ्रैक्चर फ्री मिलेगा रोगी को। ग्रामीणों ने तो यहां तक जानकारी दी कि कई बार सड़क के कारण मरीजों की मृत्यु भी हो चुकी है। टाइम पर अस्पताल नहीं पहुंच पाया मरीज। सबसे बड़ी परेशानी तो गर्भवती महिलाओं को होती है। वे डॉक्टर से रेगुलर चेकअप करवाने से डरती हैं, क्योंकि डॉक्टर के पास जाने से पहले उन्हें सड़क के गड्ढों से जो जंग लड़नी होती है। डिलीवरी के समय तो यह सड़क गर्भवती महिलाओं के लिए जानलेवा है। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि इस सड़क पर डिलीवरी भी हो चुकी है। गाड़ी इतनी बार कूदी कि बच्चा खुद ही बाहर आ गया। लेकिन सच में गर्भवती महिलाओं के लिए काल है यह सड़क। महिलाओं की इस बदहाली का जिम्मेदार कौन है। महिलाएं पूछ रही थीं।

    ऐसा कोई मिला नहीं, जो इस सड़क पर गिरा नहीं
    भ्रमण कार्यक्रम के दौरान इक्का-दुक्का को छोड़ ऐसा कोई शख्स नहीं मिला, जो इस सड़क पर नहीं गिरा हो। चाहे वह मोटरसाइकिल से गिरा हो या साइकिल से, लेकिन गिरा जरूर है। कइयों की हड्डी इस सड़क के कारण टूट चुकी है। कई तो कई-कई बार इस सड़क पर गिर चुके हैं। बुजुर्ग तो डरे-सहमे इस सड़क से गुजरते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि अगर बुढ़ापे में हड्डी टूटी, तो आसानी से जुड़ती नहीं। कई बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि वे कई बार इस सड़क पर गिर गयी हैं। मोटरसाइकिल से जाने के क्रम में गड्ढों के कारण गिरीं और शरीर छील गया। कई लोग तो सीधे पास में बहती नहर में जा गिरे। एक शख्स बता रहा था कि इस सड़क की बदहाली के कारण एक बस भी नहर में जा गिरी थी और उस बस में स्कूल की बच्चियां थीं। हमारी गाड़ी भी इस सड़क पर फंस गयी थी। बड़ी मुश्किल से गाड़ी निकली। इस सड़क पर आधा सफर तय करने के बाद तो लगा रास्ता कहां है। समझ में ही नहीं आ रहा था कि यहां से लोग जाते कैसे होंगे। सच में सड़क ही गायब हो गयी थी। जैसे-तैसे खेत के रास्ते हमने गाड़ी निकाली और आगे का सफर तय किया। सच में बहुत ही विचित्र स्थिति है यहां के जन प्रतिनिधियों की। शायद उनकी आंखों का पानी सूख गया है, जो उन्हें क्षेत्र की जनता का दर्द दिखाई नहीं पड़ रहा। अब यहां की जनता को भी जागरूक होना होगा कि कोई भी जन प्रतिनिधि उनके अधिकार के साथ खिलवाड़ नहीं कर सके। उन्हें जन प्रतिनिधियों को सबक सिखाना होगा कि अगर कोई भी जन प्रतिनिधि उनके अधिकार पर चोट करता है, तो जन प्रतिनिधियों को भी वोट की चोट के लिए तैयार रहना होगा। चाहे वह विधायक हो या फिर सांसद। इस स्टोरी का पूरा वीडियो आप यू ट्यूब पर आजाद सिपाही बोल टाइप कर देख सकते हैं। गांववालों की पीड़ा और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ उनका आक्रोश दिख जायेगा।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleबिहार विधान परिषद के सभापति बने अवधेश नारायण
    Next Article सावन के पहले सोमवार को बम भोले के उद्घोष से गूंज उठे शिवालय
    shivam kumar

      Related Posts

      ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अब ऑपरेशन घुसपैठिया भगाओ

      June 4, 2025

      झारखंड की स्कूली शिक्षा व्यवस्था पर रिजल्ट ने उठाये सवाल

      June 3, 2025

      अमित शाह की नीति ने तोड़ दी है नक्सलवाद की कमर

      June 1, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की गयी मंईयां सम्मान योजना की राशि
      • लैंड स्कैम : अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी बेल
      • राज्यपाल ने पर्यावरण दिवस व गंगा दशहरा की दी शुभकामनाएं
      • देश में कोरोना के सक्रिय मामले बढ़कर हुए 4866, पिछले 24 घंटे में 7 लोगों को मौत
      • प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित प्रमुख नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version