आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली के 100 सरकारी स्कूलों में 5600 से ज्यादा नए क्लासरूम का उदघाटन किया है. शिक्षा पर सबसे ज्यादा बजट खर्च करने वाली केजरीवाल सरकार ने करीब 18 हजार नए क्लासरूम बनाने का टारगेट रखा है. हालांकि हजारों क्लासरूम के बीच दिल्ली के सरकारी स्कूलों में स्टाफ और टीचर्स की भारी कमी अब भी बरकरार है.
दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली के 1000 सरकारी स्कूल में 16 लाख बच्चे पढ़ते हैं. अब से पहले सरकारी स्कूल में 30 हजार क्लासरूम ही थे. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि सरकार ने 18 हजार क्लासरूम बनाने का टारगेट था, जिसमे से करीब 5700 क्लासरूम तैयार हैं. साल के अंत तक 2500 अन्य क्लासरूम बनकर तैयार हो जाएंगे. इसके बाद 10 हजार क्लासरूम बनाने का प्लान तैयार किया जाएगा.
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के साथ पूर्वी दिल्ली के मंडावली में सरकारी स्कूल के नए क्लासरूम का दौरा किया. सिसोदिया का कहना है कि क्लास में कल तक 150 बच्चे बैठते थे, वहां अब 40 बच्चे बैठेंगे तो संतुष्टि मिलेगी, हालांकि उपलब्धि कमरे नही पढ़ाई हैं. नए क्लासरूम के ठीक सामने मौजूद पुराने क्लासरूम की तरफ इशारा करते हुए सिसोदिया बताते हैं कि बिल्डिंग का रखरखाव एक बड़ी परेशानी है, लेकिन पुराने कमरों के अंदर भी नए टाइल्स लगवाए जा रहे हैं.
आपको बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूल में स्टाफ और टीचर्स की भारी कमी है. स्टाफ और टीचर्स की कमी के सवाल पर जवाब देते हुए सिसोदिया कहते हैं, ‘नए क्लासरूम के प्लान के साथ-साथ 9 हजार टीचर्स की पोस्ट भी तैयार की थी, हालांकि हाइकोर्ट की रोक लगी है. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में सारे पक्ष सामने आने के बाद हाइकोर्ट की रोक हट जाएगी. अगर रोक हटती है तो क्लासरूम के साथ-साथ 9 हजार टीचर्स भी आ जाएंगे.’
हाल ही में रेयान इंटरनेशनल स्कूल में प्रद्युमन की मौत ने स्कूल के सुरक्षा इंतजाम पर बड़े सवाल खड़े किये थे. नए क्लासरूम की सुरक्षा का ब्यौरा देते हुए सिसोदिया बताते हैं कि स्कूलों की सुरक्षा बेहद ज़रूरी है. स्कूल में सीसीटीवी लगाने के अलावा कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कराया गया है. सिसोदिया का कहना है कि क्लासरूम, बॉलकनी और सीढ़ियों पर सीसीटीवी लगाकर भी सरकारी स्कूलों में नज़र रखी जाएगी.