Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Monday, August 4
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»अन्य खबर»इतिहास के पन्नों में 20 सितंबरः बहादुरशाह जफर का आत्मसमर्पण
    अन्य खबर

    इतिहास के पन्नों में 20 सितंबरः बहादुरशाह जफर का आत्मसमर्पण

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 19, 2024No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    LEAD Technologies Inc. V1.01
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    20 सितंबर 1857, जब आखिरी मुगल बादशाह बहादुरशाह जफर ने ब्रिटिश हुकूमत के सामने आत्मसमर्पण किया। बहादुर शाह जफर को ब्रिटिश मेजर हॉसॉन ने पकड़ा था।

    दरअसल, मई 1857 में आजादी का पहला संग्राम शुरू हुआ, जिसके बाद अंग्रेजों ने मौजूदा पुरानी दिल्ली की तीन महीने तक घेराबंदी की थी। 14 सितंबर को ब्रिटिश फौजों की जीत हुई। 17 सितंबर को बहादुरशाह जफर को लालकिला छोड़ना पड़ा। 20 सितंबर को बहादुरशाह जफर ने आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद उन्हें कैदी बनाकर लाल किला लाया गया। इसके साथ अंग्रेजों ने दिल्ली पर फिर से कब्जा स्थापित किया। अंग्रेजों ने बहादुरशाह जफर के तीन बेटों को इसी दिन उन्हीं के आंखों के सामने गोली मार दी थी। 21 सितंबर को अंग्रेजों ने बहादुरशाह जफर के खिलाफ मुकदमा चलाया और उन्हें रंगून निर्वासित कर दिया गया, जहां बहादुरशाह जफर ने अंतिम सांसें लीं।

    अन्य अहम घटनाएंः

    1831- भाप से चलने वाली पहली बस बनाई गयी।

    1857- अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर का आत्मसमर्पण, कैदी बनाकर लाल किले लाए गए।

    1878- मद्रास (अब चेन्नई) के अखबार द हिंदू के साप्ताहिक संस्करण का प्रकाशन शुरू। जीएस अय्यर इसके संपादक थे।

    1983- एप्पल उपग्रह ने कार्य करना बंद किया।

    1995- संयुक्त राज्य महासभा का 50वाँ अधिवेशन प्रारम्भ।

    1999- रईसा गोर्बाच्योव का निधन।

    2000- क्लिंटन दम्पत्ति’व्हाइट वाटर कांड’के आरोपों से मुक्त।

    2001- अमेरिका ने 150 लड़ाकू विमान खाड़ी में उतारे।

    2003- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर इजराइल से यासिर अराफ़ात की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।

    2004- इंडोनेशिया में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान।

    2006- ब्रिटेन के रॉयल बॉटैनिक गार्डन्स के वैज्ञानिकों को 200 वर्ष पुराने बीज उगाने में कामयाबी मिली।

    2007- फ़्राँस की सबसे वृद्ध महिला सिमोन कैपोन की 113 की अवस्‍था में मृत्‍यु हो गई।

    2009- मराठी फ़िल्म ‘हरिशचन्द्राची फैक्ट्री’को आस्कर अवार्ड्स की विदेशी फ़िल्म कैटेगरी में भारत की एंट्री के तौर पर चुना गया।

    2012- भारत की राजभाषा हिंदी दुनिया में दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। बहुभाषी भारत के हिंदी भाषी राज्यों की आबादी 46 करोड़ से अधिक है।

    जन्म

    1547- फ़ैज़ी-मध्यकालीन भारत के फ़ारसी कवि।

    1897- नाना साहब परुलेकर- मराठी पत्रकार।

    1911- श्रीराम शर्मा आचार्य- भारतीय आध्यात्मिक गुरु।

    1921- अजीत राम वर्मा- पद् भूषण से सम्मानित भारतीय वैज्ञानिक थे।

    1924- ए. नागेश्वर राव – तेलुगु फ़िल्म अभिनेता और फ़िल्म निर्माता।

    1942- राजिंदर गोयल- भारतीय क्रिकेटर थे।

    1948- महेश भट्ट- प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता निर्देशक।

    1957- अनुपम श्याम- भारतीय फिल्म व टीवी कलाकार थे।

    1973- कैलाश चौधरी – भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं।

    निधन

    1928- नारायण गुरु- भारत के महान संत एवं समाज सुधारक।

    1933- एनी बेसेंट- भारत में होमरूल लीग की संस्थापिका।

    1942- कनक लता बरुआ- भारतीय महिला स्वतंत्रता सेनानी।

    1999- राजकुमारी- तमिल सिनेमा की स्वप्न सुंदरी नाम से विख्यात अभिनेत्री। उनकी फ़िल्म हरिदास 114 सप्ताह तक चेन्नई के सिनेमाघर में चलती रही थी।

    2009- प्रभा खेतान- हिन्दी भाषा की लब्ध प्रतिष्ठित उपन्यासकार, कवयित्री तथा नारीवादी चिंतक तथा समाज सेविका।

    2017- शकीला- हिन्दी सिनेमा में सन 1950-60 की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं।

    महत्त्वपूर्ण अवसर एवं उत्सव

    रेलवे सुरक्षा बल

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleराज्यपाल से इस्कॉन, एनएसयूआइ सहित अन्य संस्था के लोगों ने की मुलाकात
    Next Article पाकिस्तान के रक्षा मंत्री के बयान पर बोले अमित शाह- कांग्रेस और पाकिस्तान के इरादे और एजेंडा एक
    shivam kumar

      Related Posts

      अदाणी फॉउंडेशन के कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे 13 में से आठ ने पास की अग्निवीर की परीक्षा

      July 31, 2025

      इतिहास के पन्नों में 25 दिसंबरः रूसी टेलीविजन पर हुई थी नाटकीय घोषणा- सोवियत संघ अस्तित्व में नहीं रहा

      December 24, 2024

      इतिहास के पन्नों में 23 दिसंबरः उस दिन को याद कर आज भी सिहर उठते हैं लोग जब देखते-देखते जिंदा जल गए 442 लोग

      December 22, 2024
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड के राज्यपाल और नेता प्रतिपक्ष ने जताया शोक
      • दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर कोड़ा दंपती ने जताया शोक
      • दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर समाहरणालय में शोकसभा आयोजित
      • झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
      • झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में ली अंतिम सांस, तीन दिन का राजकीय शोक घोषित
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version