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    Home»देश»गुजरात का औद्योगिकरण कांग्रेस की देन: जयराम रमेश
    देश

    गुजरात का औद्योगिकरण कांग्रेस की देन: जयराम रमेश

    shivam kumarBy shivam kumarApril 9, 2025Updated:April 9, 2025No Comments3 Mins Read
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    अहमदाबाद। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में यह पहली बार हुआ है कि किसी राज्य को लेकर प्रस्ताव पेश कर उस पर चर्चा की गई। कांग्रेस के अधिवेशन में बुधवार को दो प्रस्ताव पारित किए हैं। इनमें से एक गुजरात के संबंध में है। रमेश ने कहा कि गुजरात में औद्योगिकरण विकास की नींव जो 1960 से 1990 के बीच कांग्रेस ने गुजरात में रखी थी, उसे कमजोर किया गया है।

    कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश यहां कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने के बाद पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे।कांग्रेस नेता रमेश ने अधिवेशन के संबंध में पत्रकारों को बताया कि कांग्रेस के अधिवेशन में बुधवार को दो प्रस्ताव रखे गए हैं। इसमें पहला प्रस्ताव न्याय पथ, संकल्प, समर्पण और संघर्ष रखा गया, जिस पर सदस्यों ने चर्चा की। दूसरा प्रस्ताव गुजरात में कांग्रेस क्यों यानी गुजरात में कांग्रेस की क्यों जरूरत है। इस पर चर्चा की गई है। यह दोनों प्रस्ताव को पारित किया गया है। उन्हाेंने कहा कि गुजरात की दशा और दिशा दोनों को देखकर कांग्रेस एक विशेष प्रस्ताव लायी है। कांग्रेस के नीतिगत

    एजेंडे में गुजरात के संबंध में रणनीति, मुद्दे, आर्थिक नीति, शिक्षा नीति, श्रमिकों-मध्यवर्ग, उद्योगपतियों काे शामिल किया गया है। उन्होंने किहा कि गुजरात में औद्योगिकरण हुआ है, वह सब कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ था। गुजरात में स्टेनलेस स्टील उद्योग देश के स्टेनलेस स्टील उद्योग का 80 फीसदी है, लेकिन इसका एक तिहाई आज बंद है। इसका मुख्य कारण है कि चीन से आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक क्षेत्र के आंकड़े, स्वास्थ्य, शिक्षा के आंकड़े देखे तो गुजरात नीचे की श्रेणी में है। यह देश के कई राज्यों से काफी नीचे है।

    डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट का करेंगे विरोध
    कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री जयराम रमेश ने कहा कि इंडिया गठबंधन की पार्टियां गुरुवार को दिल्ली में इकट्ठा होंगी। सभी मिलकर डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट वर्ष 2023 का विरोध करेंगी। इस एक्ट का नतीजा है कि ऐतिहासिक, क्रांतिकारी आरटीआई कानून खत्म हो जाएगा। इसे लेकर इंडिया पार्टियां चिंतित है। इस संबंध में केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र भी लिखा गया है। उन्हाेंने कहा कि देश में 20 साल से आरटीआई से चल रहा पारदर्शिता और जवाबदेही का कल्चर विकसित हुआ है, इसे समाप्त करने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसे लोकसभा में उठाएगी। यह एक गंभीर मुद्दा है, इंडिया गठबंधन इसका विरोध करेगी। इस कानून के जरिए सरकार आरटीआई को खत्म करना चाहती है।

    कांग्रेस चाहती है जातीय जनगणना
    जयराम रमेश ने कहा कि हम जातीय जनगणना चाहते हैं। संविधान में मौजूदा प्रावधान काे लागू करना जरूरी है। पिछले 10 साल में यह लागू नहीं हुए हैं। रमेश ने कहा कि राहुल गांधी भी इस बारे में बार बार कहते हैं कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए जो 50 फीसदी की सीमा है, खास कर शैक्षिणक संस्थानों में आरक्षण के संबंध में कांग्रेस हटाने के पक्ष है। इसके लिए संविधान में संशोधन चाहते हैं।

    विकास का दर घटा है
    सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय और राजनीतिक न्याय की हम बार-बार बात करते हैं। राजनीतिक न्याय खतरे में है क्योंकि चुनाव आयोग के कार्यालय को प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के कार्यालय से अटैच बनाया गया है। सामाजिक न्याय खतरे में है। आर्थिक न्याय इसलिए खतरे में है कि पिछले 10 साल की आर्थिक नीतियां एक या दो उद्योगपतियों के लिए बनाई गई हैं।

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