दुमका। झारखंड की उपराजधानी दुमका के सौरभ सिन्हा ने यूपीएससी की परीक्षा में 49वां स्थान प्राप्त कर पूरे झारखंड का नाम रोशन किया है। चौथे प्रयास में सौरभ को यह सफलता मिली है। इसके पहले वह 2021 और 2022 में इंटरव्यू तक पहुंचे थे, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस कारण निराश होकर 2023 में सौरभ यूपीएससी की परीक्षा में नहीं बैठे थे। लेकिन लगातार कड़ी मेहनत से आखिरकार उन्होंने सफलता हासिल कर ली।
वहीं सौरभ की सफलता से उनके परिवार में खुशी का माहौल है। सभी एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं। सौरभ का परिवार दुमका के रेलवे स्टेशन रोड स्थित रसिकपुर मुहल्ले में एक छोटे से मकान में रहता है। वर्तमान में सौरभ सिन्हा लखनऊ स्थित आईआईटी के एक कोचिंग सेंटर में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं।
आईआईटी खड़गपुर से प्राप्त की है स्नातक और मास्टर डिग्री
सौरभ सिन्हा को यूपीएससी में मिली सफलता से उनके पिता प्रियव्रत सिन्हा और माता विभा सिन्हा काफी खुश हैं। पिता प्रियव्रत सिन्हा दुमका के वकालत खाना में लिपिक के पद पर कार्यरत हैं। सौरभ का एक छोटा भाई ऋषभ सिन्हा है, जो अभी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा है। पिता प्रियव्रत ने बताया कि बचपन से सौरभ मेधावी था और उसका सपना आईएएस बनने का था। उसने मैट्रिक और इंटरमीडिएट की पढ़ाई दुमका के ग्रीन माउंट स्कूल से की थी। बाद में उसका सेलेक्शन आईआईटी खड़कपुर में हो गया और वहां से उसने स्नातक और मास्टर डिग्री प्राप्त की। वर्तमान में वह लखनऊ स्थित नारायणा कोचिंग सेंटर में मैथ पढ़ाते हैं। फिलहाल सौरभ लखनऊ में ही हैं और फोन पर अपने पिता को अपनी सफलता की सूचना दी।
चौथे प्रयास में मिली सफलता
पिता ने बताया कि चौथे प्रयास में सौरभ यह सफलता मिली है। 2019 में सौरभ ने पहली बार परीक्षा दी थी, जिसमें सफलता नहीं मिल पाई। फिर 2021 और 2022 में वह इंटरव्यू तक पहुंच गए । इसके बावजूद जब फाइनल नहीं हुआ तो काफी निराशा हुई थी। 2023 में उन्होंने परीक्षा नहीं दी थी। 2024 में फिर से कड़ी मेहनत की और उसका परिणाम यह हुआ कि पूरे देश में उसने 49वां स्थान प्राप्त किया है। उनकी मां ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत ही गौरव का क्षण है। वह बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज था। दिन भर एक कमरे में पढ़ाई करते रहता था। अगर कोई सगे-संबंधी भी आते तो बहुत कम समय के लिए उससे मिलकर फिर से पढ़ने बैठ जाता था।