कर्नाटक के सिरसी वानिकी महाविद्यालय में राष्ट्र निर्माण में वानिकी की भूमिका’ विषय पर हुआ कार्यक्रम
सिरसी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जलवायु परिवर्तन को वैश्विक संकट करार देते हुए कहा कि स्वस्थ वन स्वस्थ जीवन का आधार हैं। यदि किसी देश के वन अच्छी स्थिति में हैं तो उस देश के लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। हमें अपने वनों की रक्षा करने में हर संभव योगदान देने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक चुनौती है। वह सोमवार को कर्नाटक के सिरसी स्थित वानिकी महाविद्यालय में ‘राष्ट्र निर्माण में वानिकी की भूमिका’ विषय पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि हम प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन नहीं कर सकते। हमें खुद को सिर्फ़ न्यूनतम ज़रूरतों तक सीमित रखना चाहिए। हम सभी को इसके बारे में जागरूक होने की ज़रूरत है। कृषि हमारी जीवन रेखा जरूर है, लेकिन हमें वनों की भी आवश्यकता है, क्योंकि वे जलवायु को नियंत्रित करते हैं। साथ ही आपदाओं को कम करते हैं और आजीविका का सहयोग करते हैं । यह वन महाविद्यालय अपनी स्थानीय प्राकृतिक संपदा को संरक्षित कर रहा है और नई पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा दे रहा है। आज की पीढ़ी के लिए ऐसे संस्थानों की बहुत आवश्यकता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिमी घाट की कोमल गोद में फैले सिरसी वन महाविद्यालय ने अपनी अनूठी शिक्षा पद्धति, हरित पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण गतिविधियों के कारण न केवल राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। यह कोई कक्षा नहीं, बल्कि प्रकृति अध्ययन समूह है। बिना दीवारों वाली ये कक्षाएं विद्यार्थियों में उत्साह, संवेदनशीलता और प्रकृति के प्रति जागरूकता विकसित करती हैं।