क्वेटा। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है। इस वजह से शिक्षा, ऑनलाइन व्यापार और मीडिया रिपोर्टिंग में व्यापक व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। संघीय सरकार ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए कहा कि इस कदम का उद्देश्य प्रांत में सक्रिय सशस्त्र समूहों के बीच संचार को रोकना है।
द बलूचिस्तान पोस्ट ने अधिकारियों के हवाले से खबर में कहा कि अगस्त में विशेष रूप से पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोह के आसपास बढ़े तनाव के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश पर यह निर्णय लिया गया है। पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) की अधिसूचना में पुष्टि की गई है कि 31 अगस्त तक पूरे बलूचिस्तान में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी।
सरकारी प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा कि सशस्त्र समूह अपनी गतिविधियों के समन्वय के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे थे। इंटरनेट पर रोक लगाने का उद्देश्य ऐसे संचार माध्यमों को बाधित करना है। संघीय सरकार के इस कदम की विद्यार्थियों, कारोबारियों, पत्रकारों और मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी आलोचना की है। ऑनलाइन कक्षाओं में नामांकित विद्यार्थी काफी परेशान है। वह असाइनमेंट जमा नहीं कर पा रहे। ग्रामीण इलाकों में स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
क्वेटा, तुर्बत, पंजगुर और खुजदार के स्वतंत्र पत्रकारों और उद्यमियों का कहना है कि उनकी आजीविका ठप हो गई है। एक व्यवसायी ने कहा, “हमारा पूरा काम इंटरनेट पर निर्भर है। इस बंद ने हमें आर्थिक रूप से बरबादी के कगार पर ला खड़ा किया है।” मीडिया संस्थानों पर भी इसका व्यापक असर पड़ा है। पत्रकारों का दावा है कि वे इस क्षेत्र से खबरों का प्रसारण नहीं कर पा रहे। कुछ लोग इसे “सूचना ब्लैकआउट” कह रहे हैं।
मानवाधिकार समूहों ने गंभीर चिंता व्यक्त की है और इंटरनेट शटडाउन को नागरिक स्वतंत्रता का उल्लंघन और नागरिकों के शिक्षा, आर्थिक गतिविधियों और सूचना तक पहुंच के मौलिक अधिकारों पर कुठाराघात बताया है। स्थानीय राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का तर्क है कि सुरक्षा बढ़ाने के बजाय, सरकार जनता पर सामूहिक दंड थोप रही है।