क्वेटा (बलोचिस्तान) पाकिस्तान। इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह ने क्वेटा में बलोचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल (बीएनपी) की रैली में हुए आत्मघाती बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में कम से कम 15 लोग मारे गए। और 30 से अधिक घायल हो गए। यह हमला सोमवार शाम शाहवानी स्टेडियम के बाहर बीएनपी की रैली समाप्त होने के कुछ ही देर बाद हुआ। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, घायलों में से पांच ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। 29 का इलाज चल रहा है। गंभीर रूप से घायलों को कराची स्थानांतरित किया जा सकता है।
द बलोचिस्तान पोस्ट की खबर के अनुसार, इस्लामिक स्टेट ने अपने सहयोगी अमाक और खिलाफत न्यूज को जारी बयान में आत्मघाती हमलावर का नाम अली अल-मुहाजिर बताया। बयान में कहा गया कि बीएनपी को उसकी राष्ट्रवादी और लोकतांत्रिक राजनीति शैली के कारण निशाना बनाया गया। द बलोचिस्तान पोस्ट के अनुसार, इस साल बीएनपी नेता सरदार अख्तर मेंगल को निशाना बनाने का यह दूसरा प्रयास था। मार्च में मस्तुंग में धरना-प्रदर्शन के दौरान उन पर हमला करने का प्रयास किया था।
बीएनपी नेता मेंगल ने आरोप लगाया है कि सरकार उन पर बार-बार हो रहे हमलों को रोकने में नाकाम रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने धमकियों को गंभीरता से नहीं लिया और उनकी सुरक्षा वापस ले ली। बीएनपी ने तीन दिन के शोक की घोषणा की है। मेंगल के गृहनगर वाध में बाजार बंद हैं। उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अलावा केच, ग्वादर और पंजगुर के बार एसोसिएशन ने अदालती कार्यवाही के बहिष्कार की घोषणा की है।
बलोच यकजेहती समिति (बीवाईसी) ने कहा है कि यह सुरक्षा में नाकामी का मामला नहीं, बल्कि दमन की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। बलोच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) के नेता डॉ. नसीम बलोच ने क्वेटा बम विस्फोट को “सरकारी हिंसा का एक सिलसिला” बताया है। पुलिस अधिकारियों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) हमजा शफकत ने कहा कि सुरक्षा चिंताओं के कारण बीएनपी आयोजकों को तीन बार रैली समाप्त करने के लिए कहा गय। उन्होंने कहा, “विस्फोट रैली समाप्त होने के 45 मिनट बाद कार्यक्रम स्थल से लगभग 500 मीटर की दूरी पर हुआ। अगर यह अंदर हुआ होता, तो हताहतों की संख्या कहीं अधिक होती।” उन्होंने पुष्टि की कि हमलावर 30 वर्ष से कम आयु का था। उसकी पहचान अभी तक नहीं हो सकी है।
शफकत ने कहा कि रैली में 120 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाली सभाओं पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएंगे, जिसमें शाम की नमाज के बाद राजनीतिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध भी शामिल है। बीएनपी नेताओं ने आधिकारिक स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया। पार्टी नेता सना बलोच ने प्रांतीय सरकार पर जानबूझकर लापरवाही का आरोप लगाया और कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह और खेल प्रतियोगिताओं जैसे हाल के राज्य प्रायोजित कार्यक्रमों के लिए भारी सुरक्षा संसाधन आवंटित किए गए थे, लेकिन एक शांतिपूर्ण राजनीतिक रैली को असुरक्षित छोड़ दिया गया।