यूपी में अब नौकरियों की बौछार, हर क्षेत्र में यूपी अग्रणी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों पर निशाना साधा और कहा कि आठ वर्ष पहले वे नियुक्ति पत्र वितरण के ऐसे इवेंट नहीं कर पाते थे। पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होती थी, क्योंकि हर प्रक्रिया में कोई न कोई ऐसा व्यवधान होता था, जिस पर न्यायालय द्वारा रोक लगा दी जाती थी। शिक्षक, पुलिस, अनुदेशक की भर्ती हो या किसी अन्य विभाग की, इतना पैसा ले लिया जाता था कि वे किसी अभ्यर्थी से आंख मिलाकर बात नहीं कर पाते थे। क्योंकि जब व्यक्ति बेईमानी और भ्रष्टाचार का सहारा लेता है तो उसका नैतिक पतन हो जाता है और वह चेहरा उठाकर बात नहीं कर पाता है।
2017 के पहले सरकार में बैठे लोगों ने यही स्थिति कर दी थी, जिससे यूपी का नौजवान हताश और निराश था। जब नौजवान हताश और निराश होगा तो अर्थव्यवस्था नीचे गिरेगी ही, लेकिन पिछले साढ़े 8 वर्ष में सामूहिक परिणाम हुए तो आज सरकारी व निजी क्षेत्र में नौकरी के साथ रोजगार भी है। यूपी में अब नौकरियों की बौछार है। उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा नवचयनित 1510 अनुदेशकों को रविवार को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया। मुख्यमंत्री ने लोकभवन में नवचयनित 11 अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। सीएम ने निष्पक्ष व पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से चयनित अनुदेशकों व अभिभावकों को बधाई दी। सीएम योगी ने कहा कि 8 वर्ष पहले यूपी में परंपरागत उद्यम के कलस्टर भी बंदी के कगार पर थे। 400 वर्ष पहले की बात करेंगे तो यूपी देश के सबसे समृद्ध राज्यों में था। यहां विदेशी आक्रांताओं के हमले भी हुए, अंग्रेजों ने भी लूटा। देश जब 1947 में स्वतंत्र हुआ, तब भी यूपी भारत की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। 1960 तक यूपी का योगदान भारत की अर्थव्यवस्था में 14 फीसदी था, लेकिन 1960 के बाद इसमें गिरावट प्रारंभ हुई। 2016 आते-आते यूपी का योगदान महज 8 फीसदी के आसपास रह गया। इन लोगों के कारनामों ने नंबर एक से नंबर आठ तक पहुंचा दिया। जब नीतियां स्वयं के स्वार्थ और वोटबैंक की चिंता करके, परिवार के हितों के संरक्षण को लेकर बनाई जाती हैं तो वह दुर्गति की तरफ लेकर जाती हैं।
यूपी में अब नौकरियों की बौछार सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार ने यूपी के नौजवानों के लिए साफ-सुथरा मंच दिया। चयनित अनुदेशकों को सिफारिश की नौबत नहीं आई होगी। जिसने तैयारी की, उसका चयन हुआ। जिसने नहीं की होगी, तैयारी करेगा, उसका आने वाले समय में होगा। अब नौकरियों की बौछार हो रही है। कानून व्यवस्था के माध्यम से सुरक्षा का माहौल तैयार किया गया है। दंगामुक्त, गुंडागर्दी, माफिया मुक्त की अवधारणा ने यूपी में बड़े-बडे निवेश को आमंत्रित किया है। इसका सर्वाधिक लाभ व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास व उद्यमिता से जुड़े नौजवानों को हुआ। 8 वर्ष में 60 लाख से अधिक ऐसे लोगों को नौकरी मिली। इसमें 14 लाख ऐसे नौजवान हैं, जिन्होंने यूपी कौशल विकास के माध्यम से प्रशिक्षण लिया। सीएम ने नियुक्ति पाने वाले युवाओं से कहा कि आवेदन से लेकर नियुक्ति पत्र मिलने तक सिफारिश या लेन-देन नहीं हुआ, इसलिए सरकार की भी अपेक्षा है कि जब अपनी आईटीआई में जाएं तो ईमानदारी के साथ छात्रों को गाइड करें। टाइमपास करने से तत्काल अपने मन को संतुष्ट कर लेंगे, लेकिन समय कभी माफ नहीं करता है। ईमानदारी से किया गया प्रयास परिणाम अवश्य लेकर आता है।
सीएम के हाथों 11 अनुदेशकों को मिला नियुक्ति पत्र सीएम के हाथों 11 अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र मिला। सीएम के हाथों रायबरेली की पल्लवी, उन्नाव की स्मृति दुबे, मीरजापुर की ममता वर्मा, मुजफ्फरनगर के संदीप, अयोध्या के सौरभ यादव, बस्ती की प्रियंका सिंह, देवरिया के अभिलाष सिंह, देवरिया के सुशील कुमार, जालौन के विवेक मिश्र, कानपुर नगर की पिंकी कुमारी, कन्नौज की ममता यादव को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया। लोकभवन में हुए मुख्य कार्यक्रम में 460 नवनियुक्ति अनुदेशक शामिल हुए। शेष अनुदेशकों को स्थानीय स्तर पर नियुक्ति पत्र वितरित किया गया।
इस दौरान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिलदेव अग्रवाल, विधायक डॉ. नीरज बोरा, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, लालजी प्रसाद निर्मल, रामचंद्र प्रधान, इंजी. अवनीश सिंह, प्रभारी मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रमुख सचिव हरिओम आदि मौजूद रहे।