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    Home»Jharkhand Top News»प्रशासन की लापरवाही से यूरिया खाद के लिए तरस रहे हैं किसान
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    प्रशासन की लापरवाही से यूरिया खाद के लिए तरस रहे हैं किसान

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 15, 2025Updated:September 15, 2025No Comments4 Mins Read
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    खाद के लिए सुबह से शाम तक लाइन लगाकर खड़े हो रहे हैं किसान, फिर भी मयस्सर नहीं
    अरुण कुमार चौबे
    कांडी (आजाद सिपाही)। प्रखंड क्षेत्र में बीते कई दिनों से हुई भारी बारिश से किसानों की खरीफ फसल को काफी बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हुआ है। इधर किसी तरह किसानों ने ऊंचे दर पर कर्ज लेकर धान की रोपायी तो कर दी, उसके बाद धान की फसल के लिए बारिश भी अच्छी खासी हुई पर किसानों के मंसूबे पर तब पानी फिरने लगा, जब पूरे क्षेत्र में किसान यूरिया खाद की किल्लत से जूझने लगे। कुछ जगहों पर 400 से 500 प्रति रुपये बैग के हिसाब से खाद मिल रहा था, पर प्रशासन की लापरवाही की वजह से यूरिया खाद की किल्लत हो गयी। अब हाल यह है कि किसान अहले सुबह से रात्रि तक दुकान में लाइन लगा कर बैठे हैं पर खाद नसीब नहीं हो रहा है। शनिवार को किसानों का और मजाक उड़ाया : प्रखंड क्षेत्र स्थित किसान खाद बीज एवं कीटनाशक भंडार के संचालक ने। किसानों को भोर से ही दुकान के सामने आने को कहकर पूरे दिन इंतजार करवाया और भूखे प्यासे किसान इंतजार करते रहे पर उनकी बेबसी पर संचालक को तनिक भी दया नहीं आयी। क्षेत्र में खाद की बिक्री की किल्लत को और कालाबाजारी की जांच करने के लिए आजाद सिपाही की टीम ने शुक्रवार की रात्रि तक निगरानी किया, उसके पश्चात शुक्रवार – शनिवार की मध्य रात्रि से ही ग्राहक बनकर बैठे रहे और संचालक से बार-बार पूछते की खाद कब मिलेगा, तो उन्हें आश्वासन देकर बैठा दिया जाता।

    रोजगार सेवक चार वर्षों से एक ही पंचायत में कार्यरत है : विदित हो कि दुकान के संचालक राजेश शुक्ला प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मझिगावां पंचायत में चार वर्षों से रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत हैं। खाद दुकान अपने पिता के नाम पर रजिस्ट्रेशन करा दिये हैं जबकि वास्तविक सच्चाई यह है कि इनके पिता खाद भंडार पर आते ही नहीं हैं सारा देख रेख रोजगार सेवक राजेश शुक्ला ही करते हैं। यह बड़े ही ताजूब की बात है की एक रोजगार सेवक किसी एक पंचायत में चार वर्षों से एक ही पंचायत में कैसे कार्यरत हैं। वहीं मौके पर उपस्थित किसान रामेश्वर रजवार, उदेश्वर रजवार, जगदीश पासवान, रामपुकार राम, ने यह आरोप लगाया कि उनके द्वारा पहले से ही खाद के लिए कई लोगों से एडवांस पैसे लेकर रख लिए गए थे उसके बाद किसानों को बरगलाने के लिए अन्य किसानों को 10 किलो खाद लॉलीपॉप देकर अपने चहेते को खाद दे दिया गया। अब ऐसा उनके द्वारा क्यों किया गया यह जांच का विषय है। परंतु आजाद सिपाही के टीम के सामने पूरा दिन किसान खाद मिलने का आस देखते रहे पर खाद उनके नसीब में नहीं मिला। इस संबंध में गढ़वा एसडीओ संजय कुमार पांडे ने कहा कि संबंधित दुकान के संचालक तथा रोजगार सेवक पर जांच कर दोषी पाए जाने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संबध में प्रखंड विकास पदाधिकारी कांडी राकेश सहाय ने कहा कि क्षेत्र में यूरिया खाद की किल्लत लगातार सुनने को मिल रही है जो काफी चिंता की विषय है। मैं उच्च स्तरीय अधिकारियों से बात करूंगा कि कांडी प्रखंड को पर्याप्त खाद मिल सके।

    आजाद सिपाही के संवाददाता ने ग्राहक बनकर दुकान संचालक को फोन किया तो तीन बजे भोर में बुलाया
    हद तो तब हो गयी जब आजाद सिपाही के संवाददाता ने ग्राहक बनकर दुकान संचालक से संपर्क किया। उन्हें बतौर ग्राहक भोर के 03 बजे बुलाया गया और रात के 03 बजे से लेकर समाचार लिखे जाने तक दुकान के पास लोगों की भीड़ लगी रही, परंतु किसानों का मजाक उड़ाते हुए प्रति किसान 10 किलो का यूरिया खाद दिया गया और यह बताया गया कि खाद की बोरी कम आया है। परंतु सवाल यह उठता है कि खाद की बोरी कम थी तो किसानों को बेवजह क्यों बुलाया गया था। आजाद सिपाही के प्रतिनिधि के साथ अन्य कई किसान भी बैठे रहे। अब सोचनीय विषय यह है की जब किसानों को बुलाया गया था तो उन्हें दस किलो खाद ही क्यों नहीं दिया गया। उन्हें बार-बार यह आश्वासन दिया गया कि आप लोगों को अब खाद मिलेगा, अब खाद मिलेगा और वहीं उसी दुकान पर दुकान के संचालक के चहेते लोगों को बारी-बारी से खाद दिया जाने लगा और बाकी लोग जो गरीब किसान थे। वह बैठकर खाद मिलने का राह देखते रहे, परंतु इस बात का असर उस दुकान के संचालक राजेश शुक्ला पर तनिक भी नहीं आया। वह बार-बार यही कहते रहे कि हम क्या करें, हमारे पास कम खाद उपलब्ध है। अब ताजुब की बात यह है कि जब उनके पास कम मात्रा में खाद उपलब्ध थी तो वह किसानों को पूरे दिन क्यों बैठाये रहे। बार-बार यही कहते रहे की थोड़ी देर बाद आप लोगों को मिलेगी।

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