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    Home»Top Story»‘सपनों के महल’ दिखा आम्रपाली ने यूं लगाया चूना
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    ‘सपनों के महल’ दिखा आम्रपाली ने यूं लगाया चूना

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskSeptember 5, 2018Updated:September 5, 2018No Comments3 Mins Read
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    ग्रेटर नोएडा : आम्रपाली मामले को सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बड़ा फ्रॉड बताया है। वहीं, बायर्स का कहना है कि बिल्डर ने उनके साथ कदम-कदम पर धोखा किया। बिल्डर ने सपनों का महल बनाकर बेच डाला और जीवन भर की कमाई हड़प ली। इसके अलावा साजिश के तहत प्रॉजेक्ट के लिए दिया गया पैसा दूसरी जगह डायवर्ट कर दिया गया। इसी तरह से फ्लैक्सी प्लान और प्रॉजेक्ट्स में दुकानें बेच कर जालसाजी की गई है। बिल्डर को पता था कि वह प्रॉजेक्ट को पूरा नहीं कर पाएगा।

    आम्रपाली के ग्रेनो स्थित 6 प्रॉजेक्ट में 32 हजार और नोएडा में करीब 10 हजार बायर्स फंसे हैं। ग्रेनो वेस्ट के सभी प्रॉजेक्ट का काम बंद है। बायर्स को करीब 8 साल से पजेशन का इंतजार है। ये प्रॉजेक्ट 2010 के आसपास लॉन्च हुए थे। मामला कोर्ट में है। बायर्स की संस्था नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में नेफोवा व इससे जुड़े बायर्स भी पार्टी हैं।

    ग्रेनो वेस्ट में आम्रपाली का गोल्फ होम, लेजर वैली, ड्रीम वैली, सेंचुरियन पार्क और लेजर पार्क रेजिडेंशल है। वहीं, ग्रेनो वेस्ट में ही कमर्शल प्रॉजेक्ट टेक पार्क है। अभिषेक कुमार और ड्रीम वैली के बायर के. के. कौशल का कहना है कि बिल्डर ने पूरी साजिश के तहत बायर्स के साथ कदम-कदम पर फ्रॉड किया है। बायर्स के अनुसार, बिल्डर ने कागजों में शानदार प्रॉजेक्ट की तस्वीरें दिखाकर ठगा है। प्रॉजेक्ट के नाम पर पैसे लिए गए। फ्लैट पर कब्जा देने का समय दिया गया, लेकिन पैसे लेने के बाद काम बंद कर दिया। अब पता नहीं घर कब मिलेगा।

    ऐसे ठगे गए आम्रपाली के बायर्स
    आम्रपाली के खरीदारों का आरोप है कि बिल्डर ने पूरी प्लानिंग के साथ फ्लैक्सी प्लान बनाया। मसलन, 18 मंजिला इमारत में 15 मंजिल तक निर्माण होने पर 95 प्रतिशत पेमेंट की शर्त रखी गई। इसी आधार पर लोन भी हुए। बाद में साजिश के तहत इमारतों को 22 मंजिल तक बनाने का फैसला लिया, लेकिन फ्लैक्सी प्लान में बदलाव नहीं हुआ। नियम के अनुसार मंजिल बढ़ने पर प्लान में भी बदलाव होना चाहिए था।

    इस तरह 22 मंजिला इमारत होने के बावजूद 15 मंजिल पर ही 95 प्रतिशत पेमेंट ले ली। साथ ही ऊपर के फ्लैट पर हवा में बुकिंग कर भी लोगों को ठगते हुए निर्माण अधूरा छोड़ दिया। बिल्डर पर बायर्स के 2700 करोड़ रुपये डायवर्ट करने का आरोप है। निवेशकों का कहना है कि बिल्डर ने साजिश के तहत पैसे लिए।

    उन पैसों से कुछ काम करके दिखाया, जिससे पेमेंट आती रहे और नए लोग भी जाल में फंसते रहें। इसके साथ ही बायर्स से जिस प्रॉजेक्ट के लिए पैसे लिए गए, उनको दूसरे प्रॉजेक्ट लगाया। दूसरे प्रॉजेक्ट के बायर्स को भी ठगा और उनका पैसा दूसरे बिजनेस वाली अपनी कंपनियों में लगा दिया गया। इस तरह हर प्रॉजेक्ट के बायर ठगे जाते रहे। बाद में पैसे न होने की बात कहकर काम बंद कर दिया गया।

    अधूरे प्रॉजेक्ट में दुकानें भी बेची
    बायर केके कौशल ने बताया कि अभी भी कुछ ब्रोकर लोगों को ऐसे ऑफर दे रहे हैं, जिसमें साजिश की बू आ रही है। ये लोग कह रहे हैं किसी भी दूसरे बिल्डर के प्रॉजेक्ट में अधिक कीमत की प्रॉपर्टी खरीदने पर आम्रपाली में किए गए निवेश की रकम को उसमें अजेस्ट कर लेंगे। मसलन अगर अपने आम्रपाली में 20 लाख रुपये निवेश कर रखे हैं तो दूसरे प्रॉजेक्ट में 60 लाख की प्रॉपर्टी लेने पर आपको 40 लाख ही देने होंगे।

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