नई दिल्ली: राफेल डील को लेकर लगातार खुलासे का दावा करने वाले अखबार की अब एक नई रिपोर्ट पर घमासान छिड़ा है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार ने समझौते पर दस्तखत से कुछ दिन पहले ही मानक रक्षा खरीद प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के खिलाफ पेनल्टी से जुड़े अहम प्रावधानों को हटाया था। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने सितंबर 2016 में इन्टर-गवर्नमेंटल अग्रीमेंट, सप्लाइ प्रोटोकॉल्स, ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट्स और ऑफसेट शेड्यूल में 9 बदलावों को मंजूरी दी। वहीं, एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में आधिकारिक सूत्रों के हवाले से इसे खारिज किया गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूपीए सरकार ने ही नियम बनाया था कि मित्र देशों के साथ इंटर-गवर्नमेंटल अग्रीमेंट के दौरान स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रसीजर में मामले में कुछ शर्तों से छूट ली जा सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी सरकार ने यूपीए सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का ही पालन किया है।
‘सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ पेनल्टी का प्रावधान हटाया’
रिपोर्ट में दावा किया है कि सरकार ने राफेल डील पर दस्तखत होने से चंद रोज पहले स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया में कुछ अहम बदलाव किए। रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने प्रभाव के बेजा इस्तेमाल पर जुर्माना, एजेंट या एजेंसियों के कमिशन से जुड़े प्रावधानों समेत कई बदलाव किए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस रिपोर्ट को आधार बनाकर सोमवार को मोदी सरकार पर फिर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार ने जानबूझकर डील से क्लॉज को हटाया।