Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Monday, May 19
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»विधायकों ने दल-बदल नहीं, विलय किया : स्पीकर कोर्ट
    Breaking News

    विधायकों ने दल-बदल नहीं, विलय किया : स्पीकर कोर्ट

    azad sipahiBy azad sipahiFebruary 20, 2019No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    रांची। झाविमो के छह बागी विधायकों पर चार साल बाद बुधवार को फैसला आया। विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव ने फैसला सुनाते हुए सभी छह विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग को अमान्य ठहराया। साथ ही झाविमो के भाजपा में विलय की बात को सही ठहराया है। इसके साथ ही झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव की याचिका खारिज कर दी। इधर, स्पीकर कोर्ट का यह फैसला झाविमो के गले नहीं उतर रहा है। पार्टी ने हाइकोर्ट से न्याय की उम्मीद जतायी है। बाबूलाल मरांडी के वकील राजवर्धन सहाय ने फैसले के बाद कहा कि जजमेंट को देखेंगे। इसके बाद आगे हाइकोर्ट में रिट दायर करेंगे।
    फैसला सुनाते हुए स्पीकर ने कहा कि दोनों पक्षों को अपना तर्क और सबूत रखने के लिए पर्याप्त समय दिया गया। सारी सुनवाई खुली इजलास में हुई। 12 दिसंबर 2018 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। आदेश की प्रति दोनों पक्षों को शीघ्र उपलब्ध करा दी जायेगी। सारे तथ्य पर सम्यक विचारोपरांत न्यायाधिकरण इस निर्णय पर पहुंचा है कि 12 फरवरी 2015 को दसवीं अनुसूची की धारा चार के खंड दो के तहत प्रथम दृष्टया झाविमो के विधायकों का भाजपा में विलय को वैध मानते हुए सहमति प्रदान की गयी थी। न्यायाधिकरण इस निर्णय पर पहुंचा है कि 12 फरवरी 2015 का निर्णय वैध है। बाबूलाल मरांडी और प्रदीप यादव से प्राप्त आवेदन, जिसमें छह विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण सदस्यता समाप्त करने की मांग की गयी थी, उसे अमान्य करार दिया जाता है।
    इस तरह इस याचिका को निष्पादित किया जाता है।

    इन विधायकों पर था दल-बदल का आरोप
    अमर कुमार बाउरी: चंदनकियारी से 2014 में पहली बार चुनाव जीते। इससे पहले वह 2009 में भी झाविमो के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन आजसू पार्टी के प्रत्याशी से हार गये थे। 2014 में उन्होंने पूर्व मंत्री उमाकांत रजक को हराया।

    रणधीर सिंह: सारठ से विधायक और वर्तमान में कृषि मंत्री रणधीर सिंह भी 2014 में पहली दफा चुनाव जीते। इससे पहले 2009 के चुनाव में वह सारठ विधानसभा क्षेत्र से लोकतांत्रिक समता दल से चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में झामुमो के शशांक शेखर भोक्ता को जीत मिली थी।

    नवीन जयसवाल:नवीन जायसवाल ने आजसू पार्टी से राजनीति की शुरुआत की। 2009 में हटिया विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर थे। कांग्रेस के विधायक गोपाल शरण नाथ शाहदेव के निधन के बाद हटिया की रिक्त सीट पर 2012 में हुए उपचुनाव में नवीन जयसवाल आजसू पार्टी से चुनाव जीते। 2014 में नवीन जयसवाल ने झाविमो का दामन थामा और चुनाव लड़े। नवीन ने भाजपा की सीमा शर्मा को हराकर दोबारा इस सीट पर जीत हासिल की।

    जानकी यादव: बरकट्ठा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते। 2005 के चुनाव में वह राजद के टिकट से चुनाव लड़े थे। 2009 के चुनाव में भी वह झाविमो के टिकट पर चुनाव लड़े और वह दूसरे नंबर पर थे। 2014 में झाविमो ने जानकी यादव को फिर चुनाव लड़ाया। इस बार जीत हासिल की।

    गणेश गंझू: सिमरिया विधानसभा क्षेत्र से गणेश गंझू 2014 में पहली बार झाविमो के टिकट से चुनाव जीते। 2009 में गणेश गंझू झामुमो के टिकट से चुनाव लड़े थे और वह दूसरे नंबर पर थे।
    आलोक चौरसिया: आलोक चौरसिया भी पहली बार चुनाव जीतनेवालों में शामिल हैं। 2014 में झाविमो के टिकट से चुनाव लड़कर उन्होंने कांग्रेस के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी को हराया।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleयुवाओं को सही मार्गदर्शन देकर मुख्यधारा में लायें: रघुवर 
    Next Article आ गया सैमसंग का फोल्डेबल फोन Galaxy Fold
    azad sipahi

      Related Posts

      सीएम हेमंत से जेएससीए की नयी कमेटी ने की मुलाकात, राज्य में क्रिकेट को नयी ऊंचाई देने पर हुई चर्चा

      May 19, 2025

      सिर्फ घुसपैठिए नहीं, आइएएस और कांग्रेस विधायक भी बनवा रहे फर्जी दस्तावेज : बाबूलाल

      May 19, 2025

      भाजपा की अंकिता वर्मा सहित कई महिलाएं झामुमो में शामिल

      May 19, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • 236 करोड़ से तैयार होगा यूपी का चौथा इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम
      • बांग्लादेश से भारत में घुसे तीन घुसपैठिए गिरफ्तार
      • मुख्यमंत्री ने 315 नवनियुक्त प्रखंड उद्यान पदाधिकारियों को दिया नियुक्ति पत्र
      • सिरसा: अंडर-19 क्रिकेट टीम में देश का प्रतिनिधित्व करेगा कनिष्क चौहान
      • खेलो इंडिया बीच गेम्स की शुरुआत दीव के घोघला बीच पर बीच सॉकर ग्रुप मैचों के साथ हुई
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version