नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरायकेला में भीड़ की हिंसा में तबरेज की मौत को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। राज्यसभा में बुधवार को राष्टÑपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरायकेला की घटना से वह बहुत आहत हुए हैं, लेकिन इसके लिए पूरे राज्य को दोषी ठहराना गलत है। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह कहना कि झारखंड मॉब लिंचिंग का अड्डा बन गया है, ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि क्या झारखंड राज्य को दोषी बता देना सही है? जो बुरा हुआ है, उसे अलग करें। लेकिन सबको कठघरे में रख कर राजनीति तो कर लेंगे। पूरे झारखंड को बदनाम करने का हक हमें नहीं है। वहां भी सज्जनों की भरमार है। न्याय हो, इसके लिए कानूनी व्यवस्था है।
अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी पूरे तेवर में दिखे। लोकसभा में विपक्ष और कांग्रेस पर बरसने के एक दिन बाद उन्होंने राज्यसभा में भी कांग्रेस पर तीखे वार किये। प्रधानमंत्री ने अपने चिर-परिचित अंदाज में ‘जनादेश पर सवाल उठाने वालों’, हार का ठीकरा इवीएम पर फोड़ने वालों पर जम कर हमला बोला। गालिब के शेर ‘ताउम्र गालिब यह भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी, आइना साफ करता रहा’ के जरिये इवीएम की बहानेबाजी को लेकर विपक्ष पर तीखा तंज भी कसा।
कांग्रेस पर देश की जनता और मतदाता का अपमान का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इतना अहंकार ठीक नहीं कि कांग्रेस जीते, तो देश जीता और कांग्रेस हारी, तो देश हार गया। मोदी ने इसके साथ ही ‘एक देश, एक चुनाव’ के मुद्दे पर बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में न आने को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा।
चर्चा में खट्टापन, मीठापन, व्यंग्य, आक्रोश सब कुछ रहा
पीएम ने कहा कि पिछले दो दिन से जो चर्चा चल रही है, उसमें गुलाम नबी आजाद, दिग्विजय सिंह समेत करीब 50 सदस्यों ने हिस्सा लिया। सबने अपने-अपने तरीके से अपनी बात बतायी है। कहीं खट्टापन भी था, कहीं तीखापन भी था। कभी व्यंग्य भी था, कहीं आक्रोश भी था। कहीं पर रचनात्मक सुझाव भी थे, कहीं जनता जनार्दन का अभिवादन भी था। हर तरह के भाव यहां प्रकट हुए हैं। कुछ लोग वे भी थे, जिन्हें मैदान में जाने का मौका नहीं मिला, तो वहां जो गुस्सा निकालना था, उसे यहां निकाला।
दशकों बाद दोबारा एक पूर्ण बहुमतवाली सरकार बनी
पीएम ने कहा, यह चुनाव बहुत खास रहा। कई दशकों के बाद दोबारा एक पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनना भारत के मतदाताओं के मन में राजनीतिक स्थिरता का महत्व क्या है और एक परिपक्व मतदाता क्या चाहता है, इसकी सुगंध महसूस हो रही है। यह सिर्फ इस चुनाव की बात नहीं है।
आप चुनाव जीत गये, लेकिन देश हार गया कहना जनता का अपमान
पीएम मोदी ने कहा, मेरा सौभाग्य है कि मुझे देश के कोने-कोने में जनता जनार्दन का दर्शन करने का मौका मिला। लेकिन भारत का एक परिपक्व लोकतंत्र हो, दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हो, यह सभी की कामना है। चुनाव की ग्लोबल वैल्यू होती है। उस समय अपनी सोच की मर्यादाओं के कारण, विचारों में पनपी हुई विकृति के कारण इतने बड़े जनादेश को हम यह कह दें कि आप तो चुनाव जीत गये, लेकिन देश चुनाव हार गया, मैं समझता हूं कि इससे बड़ा भारत के लोकतंत्र का अपमान नहीं हो सकता। इससे बड़ा जनता-जनार्दन का अपमान नहीं हो सकता।
बिहार में चमकी बुखार सरकारों की सबसे बड़ी विफलता
अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के चमकी बुखार का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, यह बीमारी सरकारों की सबसे बड़ी विफलताओं में शामिल है। हम सबको इसको गंभीरता से लेना होगा। पूर्वी यूपी में अच्छी स्थिति नजर आ रही है, पर बड़ा क्लेम नहीं कर सकते हैं। मुझे विश्वास है कि जो यह दुखद स्थिति है, उससे जल्दी हम बाहर निकल जायेंगे। मैं राज्य सरकार से संपर्क में हूं। मैंने तुरंत अपने हेल्थ मिनिस्टर को वहां दौड़ाया। जितना जल्दी हो सके, इससे लोगों को निकालेंगे। पोषण, टीकाकरण, आयुष्मान के जरिये लोगों को बाहर निकालने की कोशिश करेंगे। ऐसी समस्याओं से लोगों को बचाने के लिए काम करना होगा।