Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Monday, August 4
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»कांग्रेस के दावे से झामुमो चौकन्ना
    Top Story

    कांग्रेस के दावे से झामुमो चौकन्ना

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskAugust 1, 2019No Comments5 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    40 सीटों की मांग दूसरे दलों को मंजूर नहीं, अब वामपंथियों ने भी बनायी दूरी

    कांग्रेस को औकात बताने के मूड में वामदल
    बीते मंगलवार को भाकपा नेता भुवनेश्वर मेहता ने घोषणा की कि वामदल झामुमो के साथ मिलकर झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ेगा। इतना ही नहीं प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने कहा कि वे हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनाव लड़ने को तैयार हैं। तमाम विपक्षी दल हेमंत सोरेन के साथ जायेंगे। कांग्रेस को आना हो तो आये या न आये, फर्क नहीं पड़ता। यह घोषणा कर उन्होंने लगभग सभी विपक्षी दलों को मैसेज दे दिया कि अब कांग्रेस को पायलट सीट तो क्या, वे साथ लेकर भी चलने को तैयार नहीं हैं। दरअसल, वामदल अब भी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा दी गयी उस चोट से उबर नहीं सका है। यदि लोकसभा चुनाव पर गौर करें, तो याद होगा कि झामुमो ने हमेशा ही वकालत की कि वामदलों को साथ लेना चाहिए। वामदलों को कम से कम एक सीट तो दी ही जानी चाहिए। पर कांग्रेस ने स्पष्ट नकार दिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने साफ कहा कि वामदल साथ रहें न रहें फर्क नहीं पड़ता। यदि उन्हें साथ रहना है, तो रहें पर सीट नहीं दी जा सकती।
    पहले तो सबको यही लगा कि डॉ अजय पार्टी की नीतियों को लेकर बोल रहे हैं, क्योंकि पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस ने वामदलों के साथ समझौता नहीं किया था। पर बाद में बात खुली कि मामला कुछ और ही था। दरअसल डॉ अजय कुमार हजारीबाग से गोपाल साहू को टिकट दिलाने की फिराक में थे और झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह के साथ मिलकर उन्हें टिकट दिलवाने में सफल भी रहे। इसीलिए वह नहीं चाहते थे कि वामदलों के साथ समझौता हो। क्योंकि वामदल सिर्फ और सिर्फ एक सीट हजारीबाग की मांग पर ही अड़े थे। इस प्रकार डॉ अजय अपनी चाल में तो कामयाब हो गये पर गोपाल साहू को जीता नहीं सके। गोपाल साहू इतनी बुरी तरह हारे कि इसके लिए चारो ओर डॉ अजय की थू..थू होने लगी। हजारीबाग से वामदलों के उम्मीदवार भुवनेश्वर मेहता भी कांग्रेस की इस चालाकी और मक्कारी से काफी निराश रहे। इसी के मद्देनजर अब उन्होंने अपनी चाल चल दी है।
    झामुमो, वामदल, झाविमो और राजद का फार्मूला हो रहा सेट!
    कांग्रेस और वामदलों की इस लड़ाई में अब झामुमो भी अपनी चाल साधने में जुटा है। ऐसे में झामुमो, राजद, झाविमो और कांग्रेस सभी का साथ चलना मुश्किल दिख रहा है। झामुमो इस आकलन में जुटा है कि कांग्रेस उसकी बेहतर साथी होगी या अन्य दलों का साथ उसकी नैया पार लगायेगा। झामुमो की कोशिश है कि विधानसभा चुनाव में 30 के आंकड़े को पार करना। इसके लिए उसे हर हाल में झाविमो के साथ की जरूरत होगी, क्योंकि झाविमो की मदद से ही वह संथाल और कोल्हान छोड़ राज्य के अन्य इलाकों में बढ़त बना सकता है। संथाल परगना में भी अब पहले जैसे हालात नहीं हैं। भाजपा ने अपनी स्थिति में काफी सुधार किया है। इस बदले हालात में झामुमो की अकेले की राह टेढ़ी खीर से कम नहीं है। वहीं, झाविमो, राजद और वामदल कांग्रेस से दूरी बना रहे हैं। समय-समय पर कांग्रेस की पलटी मारने की आदत से भी सभी वाकिफ हो चुके हैं। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने भी 40 सीटों की मांग कर दूसरे दलों को मुखर बना दिया है। सभी जान रहे हैं कि कांग्रेस अगर 40 सीटों पर लड़ेगी, तो उनके लिए बचेगा ही क्या। झामुमो भी 41 सीटों पर दावा कर रहा है। यह प्रस्ताव तो पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में ही पारित करा लिया गया था। तो राज्य में झामुमो की स्थिति को देखते हुए अन्य विपक्षी दल भी झामुमो के साथ ही जाना पसंद करेंगे।
    इसलिए अब सभी कांग्रेस से किनारा करने लगे हैं। अब झामुमो यदि उनकी बातें सुनता है, तो वह भी स्वत: ही कांग्रेस से दूर होता जायेगा और कांग्रेस अलग-थलग पड़ सकती है।
    कांग्रेस का हाल बेहाल
    झारखंड में कांग्रेस के इस हाल पर अंदर-बाहर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोकसभा चुनावों के नतीजे ने झारखंड में कांग्रेस के अंदर-बाहर की स्थिति काफी कमजोर कर दी है। हालांकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को एक सीट मिली है, पर उस जीत का हकदार कांग्रेस से कहीं ज्यादा झामुमो को ही लोग मान रहे हैं। झारखंड कांग्रेस के हालात सुधरने की बजाय और बिगड़ते ही जा रहे हैं। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या पार्टी विधानसभा चुनाव भी जैसे-तैसे हाल में लड़ेगी। कांग्रेस का यह हाल उस दौर में है जब बीजेपी-आजसू ने लोकसभा चुनाव में राज्य की 14 में से 12 सीटों पर जीत दर्ज की है और 63 विधानसभा क्षेत्रों में उन्होंने विपक्षी दलों से बढ़त ली है। बीजेपी को मिले वोट ने कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों को सकते में डाल रखा है। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद झारखंड में कांग्रेस की गतिविधियों पर गौर करें, तो बिन पतवार की नाव की तरह वह दिख रही है। मीडिया कमेटी पहले की तरह सक्रिय जरूर है। कांग्रेस के प्रवक्ता बीच-बीच में प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार का निर्देश व्हाट्सएप पर आगे-पीछे जरूर करते रहे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि मीडिया कमेटी ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी। जमीन पर नहीं पार्टी दफ्तर में बैठकर और बयानों के जरिये। जबकि जनता यह देखती और परखती है कि किसी भी पार्टी का नजरिया क्या है, कितनी एका है। नेता कितने संघर्षशील हैं और जमीनी पैठ कितनी है। कांग्रेस शायद इस बात से बेफिक्र है कि वक्त कम है और बीजेपी की चुनावी तैयारियां रणनीति के साथ सिर चढ़ती जा रही हैं। मामले में कांग्रेस विधायकों की राय भी कुछ अलग नहीं है।
    विधायक इरफान अंसारी मौजूदा हालात पर कहते हैं, हमें अब कुछ नहीं कहना। अपना क्षेत्र संभाल रहे हैं। सच बोलने से पार्टी में लोगों को तीता लगता है, तो चुप ही रहना अच्छा है।

    JMM from Congress claims
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleअफगानिस्तान: कंधार में बम धमाका, 34 लोगों की मौत
    Next Article पुरुषों की बराबरी कर रही हैं महिलाएं
    azad sipahi desk

      Related Posts

      झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

      August 4, 2025

      झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में ली अंतिम सांस, तीन दिन का राजकीय शोक घोषित

      August 4, 2025

      जिला व्यवहार न्यायालय में वकीलों ने दी दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि

      August 4, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड के राज्यपाल और नेता प्रतिपक्ष ने जताया शोक
      • दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर कोड़ा दंपती ने जताया शोक
      • दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर समाहरणालय में शोकसभा आयोजित
      • झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
      • झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में ली अंतिम सांस, तीन दिन का राजकीय शोक घोषित
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version