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    Home»Top Story»पक्ष और विपक्ष के लिए वाटरलू बना पलामू
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    पक्ष और विपक्ष के लिए वाटरलू बना पलामू

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskNovember 25, 2019No Comments7 Mins Read
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    लोकसभा का प्रदर्शन विधानसभा मेें नहीं दुहरा पाती यहां भाजपा

    झारखंड में पहले चरण में जिन 13 सीटों पर चुनाव होना है, उनमें पलामू प्रमंडल की नौ सीटों ने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनोें के लिए यहां वाटरलू की स्थिति पैदा कर दी है। इस प्रमंडल में अपना दामन फैलाने के लिए भाजपा ने जहां पार्टी की ताकत के अलावा भानु प्रताप शाही और झाविमो से भाजपा में आये डालटनगंज सीट से विधायक और पार्टी के प्रत्याशी आलोक चौरसिया पर भरोसा जताया है, वहीं छतरपुर से पांच बार विधायक रहे राधाकृष्ण किशोर का टिकट काटकर अपने लिए मुसीबत पैदा कर ली है। टिकट कटने के बाद से राधाकृष्ण आजसू में चले गये हैं और भाजपा ने यहां मनोज भुर्इंया की पत्नी पुष्पा देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसी तरह पांकी सीट, जिस पर कांग्रेस के बिट्टू सिंह का कब्जा है, उसमें भाजपा का कमल खिलाने और हाथ से दो-दो हाथ करने की कमान पार्टी ने झामुमो से भाजपा में आये शशिभूषण मेहता को सौंपी है। शशिभूषण मेहता बीती दफा यहां बहुत कम मतों से हारे थे, इसलिए पार्टी को उम्मीद है कि इस बार वे कोई गुल खिला सकते हैं। इसी तरह विश्रामपुर सीट पर मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के दो दिग्गजों के बीच है। यहां कांग्रेस के टिकट पर चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे मैदान में हैं तो भाजपा के टिकट पर स्वास्थ्य मंत्री और इस क्षेत्र के सीटिंग विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी हैं। रामचंद्र चंद्रवंशी जहां चुनाव में अपने कार्यकाल की पांच साल की गठरी लिये फिर रहे हैं वहीं ददई दुबे अपने दिवंगत बेटे के नाम पर वोट मांग रहे हैं। भवनाथपुर सीट पर मुकाबला राजघराने से ताल्लुक रखनेवाले दो दिग्गजों के बीच में है। नौजवान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष से भानु अब भाजपा के सिपहसलार बन चुके हैं। उनका मुकाबला भाजपा छोड़कर मैदान में कूदे छोटे राजा अनंत प्रताप देव से है। भानु अपने भाषणों में कह चुके हैं कि पलामू प्रमंडल की सभी नौ सीटों पर कमल खिलाना उनकी प्राथमिकता है, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि छोटे राजा से वे कैसे मुकाबला करते हैं। भानु का प्लस प्वाइंट यह है कि भाजपा के कार्यकर्ताओं के अलावा उनके पास अपना एक खुद का संगठन भी है और अनंत प्रताप देव भले ही राजघराने से ताल्लुक रखते हैं पर हैं वे निर्दलीय और जनता उनपर कितना भरोसा करेगी यह अभी भविष्य के गर्भ में है। इधर बिशुनपुर सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी चमरा लिंडा और भाजपा के अशोक उरांव के बीच मुकाबला है। चमरा लिंडा की खूबी यह है कि वे साल के 365 में से 363 दिन बाहर रहते हैं और सिर्फ दो दिन में इतनी मेहनत करते हैं कि बीती दफा वे आसानी से चुनाव जीते थे। इस बार यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा के अशोक उरांव उन्हें कितनी टक्कर दे पाते हैं। या यहां झामुमो का तीर चलता है या फिर भाजपा का कमल खिलता है।

    लोहरदगा में चतुष्कोणीय मुकाबला
    पहले चरण के चुनाव में जिन 13 सीटों पर मुकाबला कांटे का है उनमें लोहरदगा सीट भी है। इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के दो दिग्गजों के साथ आजसू की नीरु शांति और बसपा के टिकट पर पूर्व मंत्री रहे सधनु भगत चतुष्कोणीय मुकाबले की जमीन तैयार कर चुके हैं। आजसू के टिकट से यहां से जीते कमल किशोर भगत को सजा हो जाने के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के सुखदेव भगत यहां से जीते थे। अब वे भाजपा के हो चुके हैं और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तथा यहां से प्रत्याशी डॉ रामेश्वर उरांव उन्हें हराने की राह ढूंढने में लगे हुए हैं। कमल किशोर भगत भी जेल से निकलने के बाद अपनी पत्नी की जीत की राह प्रशस्त करने के लिए एड़ी चोटी एक किये हुए हैं। सधनु भगत यहां भाजपा के वोट बैंक में ही सेंधमारी करेंगे इसलिए सुखदेव भगत के लिए मुकाबला टफ हो गया है।

    खरवार, चेरो और उरांव जाति के नेताओं ने पलामू में शासन किया है
    पलामू जिला 127 साल पहले अस्तित्व में आया था। इसका इतिहास 127 साल पुराना है। अंग्रेजी शासनकाल में एक जनवरी 1892 को पलामू जिला घोषित किया गया था। 1871 में परगना, जपला और बेलौजा को गया से पलामू स्थानांतरित कर दिया गया था। खरवार, चेरो और उरांव जाति के नेताओं ने पलामू में शासन किया है और चेरो राजा मेदिनी राय के नाम पर इसका नामकरण मेदिनीनगर हुआ। पलामू का जातीय गणित को देखें तो यहां अनुसूचित जाति की आबादी 5,36,382 और अनुसूचित जनजाति की आबादी 1,81,208 है। 2011 की जनगणना के अनुसार पलामू की आबादी 1,939,869 है। इनमें दस लाख से ज्यादा पुरुष और नौ लाख से ज्यादा महिलाएं हैं। इससे साफ है कि इस जनसंख्या का बड़ा वर्ग अनुसूचित जाति और जनजाति का है।

    स्टार प्रचारकों में भाजपा अव्वल कांग्रेस को है इंतजार
    भाजपा ने झारखंड में पहले चरण के चुनाव के लिए चालीस स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। इसी तर्ज पर कांग्रेस ने भी 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, ओम प्रकाश माथुर, नंदकिशोर यादव जैसे कद्दावर चेहरे शामिल हैं। सूची में जेपी नड्डा, नितिन गडकरी, बीएल संतोष और मुख्यमंत्री रघुवर दास भी हैं। सूची में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और अर्जुन मुंडा जैसे नेता शामिल हैं। वहीं कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पार्टी की चुनाव समिति के प्रमुख मुकुल वासनिक, आरपीएन सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया,तारिक अनवर और रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं लेकिन प्रथम चरण के चुनाव में एक भी बड़े नेता के आने की सूचना अभी नहीं है। वहीं अन्य दलों के स्टार प्रचारकों में झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, राजद के तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं के नाम शामिल हैं।
    झारखंड में पांच चरणों में 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में कुल 81 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने हैं। वर्ष 2019 का विधानसभा चुनाव कई अर्थों में अलग है। अलग इसलिए क्योंकि इस बार झामुमो ने सभी 81 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का साहस दिखाया है। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा भी राज्य में अब तक हुए चुनावी मुकाबले में सबसे अधिक 79 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी ने दो सीटें छोड़ दी हैं। सिल्ली सीट पर भाजपा ने प्रत्याशी नहीं देने का निर्णय लिया है वहीं हुसैनाबाद में पार्टी ने एक निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन दिया है। पलामू प्रमंडल में भाजपा के लिए खास यह है कि यहां लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन भाजपा नहीं दोहरा पाती। बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों ने यहां पलामू और चतरा सीट से विजय हासिल की थी। वहीं पहले चरण की 13 सीटों मेें से एक लोहरदगा संसदीय क्षेत्र से भी भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन भगत ने जीत हासिल की थी पर बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा यहां की नौ सीटों में से केवल चार सीटें जीतने में सफल रही थीं। इन सीटों में मनिका, विश्रामपुर, चतरा और गढ़वा सीट शामिल है।

    प्रचार में भाजपा डबल तो विपक्ष सिंगल इंजन
    झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रचार में भाजपा जहां डबल इंजन की सरकार की तरह ही डबल इंजन के हेलिकॉप्टर पर भरोसा कर रही है वहीं विपक्ष जिसमें कांग्रेस, झामुमो, झाविमो शामिल है वे सिंगल इंजन के हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है। चुनाव प्रचार के लिए भाजपा ने चार डबल इंजनवाले हेलिकॉप्टर मंगवाये हैं। वहीं आजसू, कांग्रेस, झाविमो और झामुमो ने सिंगल इंजनवाला एक-एक हेलिकॉप्टर मंगवाया है। भाजपा ने मुंबई के आॅपरेटर हेलिगो चार्टर्ड प्राइवेट लिमिटेड से डबल इंजन वाला एयरबस एच वन 145, बेली 412 डबल इंजन, एमडब्ल्यू 139 डबल इंजन और दिल्ली के सारथी एविएशन से एक बेली हेलिकॉप्टर मंगवाया है। वहीं झामुमो ने यूपी एयर प्राइवेट लिमिटेड का सिंगल इंजन वाला बी 3 और झाविमो ने दिल्ली के पिनाकल एयरवेज से सिंगल इंजन बेली हेलिकॉप्टर मंगवाया है। सिंगल इंजन हेलिकॉप्टर डबल इंजन की तुलना में सस्ता है और यही कारण है कि क्षेत्रीय पार्टियां इसे प्रीफरेंस दे रही हैं।

    Palamu becomes Waterloo for both sides and opposition
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