नयी दिल्ली। नागरिकता कानून, एनआरसी और मौजूदा राजनीतिक हालात पर सोमवार को विपक्षी पार्टियों की बैठक में केंद्र सरकार के खिलाफ सामूहिक अभियान की रणनीति बनी। संसद की एनेक्सी में आयोजित बैठक में 20 पार्टियों के नेता शामिल हुए। झारखंड में विगत 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण के बाद यह दूसरा मौका था, जब विपक्षी दलों ने एकजुटता प्रदर्शित की। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शिवसेना के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, बसपा प्रमुख मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बैठक से दूर रहे। सपा और डीएमके भी बैठक में शामिल नहीं हो सके।
बैठक के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला और कहा कि मोदी और शाह लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों पर अत्याचार कर रही है, घृणा फैला रही है। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार लोगों को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है और संविधान को ताक पर रख कर उथल-पुथल की जा रही है। सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि वे (पीएम मोदी और अमित शाह) अपनी ही बात से मुकर गये हैं।
प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई का विरोध
जेएनयू, बीएचयू और जामिया का जिक्र करते हुए सोनिया ने कहा कि लोगों ने उनका ‘आतंक’ देखा है। मोदी-शाह की सरकार लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है। बैठक के बाद सोनिया गांधी ने दावा किया कि देशभर में लोगों ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि इन प्रदर्शनों के बाद सरकार का गुस्सा फूट पड़ा और वह अब खुल कर सामने आ गया है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पुलिस की कार्रवाई बहुत ही अजीब है। उन्होंने कहा कि सरकार दमन चक्र चला रही है। लोगों के बीच नफरत फैलायी जा रही है। उन्हें समुदाय के आधार पर बांटने की कोशिश हो रही है।
असम में एनआरसी फेल, अब देश पर थोपने की कोशिश
सोनिया ने कहा: असम में एनआरसी फेल हो गयी तो इसे पूरे देश पर थोपने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में आतंक का माहौल बनाया जा रहा है। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार, लेफ्ट के नेता सीताराा येचुरी, डी राजा, झारखंड मुक्ति मोरचा के कार्यकारी अध्यक्ष और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एलजेडी चीफ शरद यादव, आलोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा, आरजेडी नेता मनोज झा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी भी शामिल हुए। बताया गया कि बैठक में 20 पार्टियों के नेता शामिल हुए।
युवाओं को अंधकारमय नजर आ रहा भविष्य : राहुल
विजन देने में फेल, देश को बांटने की कोशिश कर रहे मोदी
राहुल गांधी ने कहा कि जो आर्थिक स्थिति है और जो बेरोजगारी की समस्या है, उससे देश में, युवाओं में गुस्सा है, डर है, क्योंकि उनको अपना भविष्य अंधकारमय दिख रहा है। सरकार का काम देश को विजन देने का होता है, रास्ता दिखाने का होता है। इस काम को करने में सरकार बिल्कुल फेल हो गयी है और इसलिए यूनिवर्सिटीज में, युवाओं में, किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। उसको ऐड्रेस करने की बजाय नरेंद्र मोदी देश को डिस्ट्रेक्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। मगर देश की जनता समझती है कि नरेंद्र मोदी जी इकॉनमी पर, रोजगार पर, हिंदुस्तान के भविष्य (सुरक्षित करने के मामले) पर फेल हो गये हैं। राहुल गांधी ने कहा कि बैठक में येचुरी जी, आजाद जी और बाकी पार्टी के नेता भी शामिल रहे हैं। यह प्रस्ताव पारित हुआ कि आज जो युवाओं की आवाज उठ रही है, वो बिल्कुल जायज है। उसको दबाया नहीं जाना चाहिए, सरकार को उस आवाज को सुनना चाहिए। देश के भविष्य के बारे में, युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगा इस बारे में, हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था कैसे एक बार फिर पटरी पर आयेगी, उसके बारे में प्रधानमंत्री जी को जवाब देना चाहिए।