फिल्म ‘नायक’ के नायक अनिल कपूर की तर्ज पर झारखंड की तसवीर बदलने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन प्रशासनिक ढांचे को दुरुस्त करने में जुटे हैं। फरियादी अपनी शिकायत करने और समस्याओं को लेकर रांची भी पहुंच रहे हैं। साथ ही ट्विटर के जरिये भी शिकायतें रख रहे हैं। ट्विटर पर समस्या या शिकायतें मिलते ही सीएम हेमंत सोरेन तुरंत रि-ट्वीट कर अधिकारियों को निर्देश दे रहे हैं। इसका सुखद परिणाम भी सामने आ रहा है। आॅन द स्पॉट समस्याओं का समाधान हो रहा है। पद संभालते ही सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड की पिच पर चौके और छक्कों की बारिश कर दी है। नतीजा है कि अधिकारियों को भी खूब फिल्डिंग करनी पड़ रही है। सत्ता संभालने के बाद से ही सीएम हेमंत सोरेन का ट्विटर हैंडल सुपर एक्शन में है। समस्या आते ही तुरंत संबंधित अधिकारियों को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिया जा रहा है। इस पर एक्शन भी हो रहा है। चंद घंटे में एक्शन ने जनता का दिल भी जीत लिया है। सीएम हेमंत सोरेन यही नहीं रुके, फिल्म नायक के हीरो अनिल कपूर की तरह अधिकारियों को सीधे-सीधे दो टूक शब्दों में समझा दिया है कि मेरी सरकार में अगर जनता का कोई भी काम अटका, तो अधिकारियों की खैर नहीं। जनता के किसी भी प्रकार के कामों में टालमटोल रवैया बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मुख्यमंत्री द्वारा एक के बाद एक ट्वीट से जहां अधिकारियों में खलबली मच गयी है। वहीं दूसरी तरफ आम जनता के चेहरे पर खुशी जाहिर हो रही है। इस समय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चौकों-छक्कों की पूरे राज्य में सराहना हो रही है। इस पर प्रस्तुत है आजाद सिपाही के सिटी एडिटर राजीव की रिपोर्ट।
विगत 29 दिसंबर को सत्ता में आयी झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ट्विटर के माध्यम से ही जन समस्याओं का लगातार समाधान कर रही है। पदभार संभालने के बाद भले ही मंत्रिमंडल के विस्तार में एक माह का वक्त लगा हो, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्विटर पर संज्ञान में लायी गयी कई समस्याओं का समाधान ट्विटर पर ही आदेश देकर कर दिया था।
इसकी बानगी यह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रामगढ़ के प्रधान सामत मुंडा नामक व्यक्ति ने ट्विटर पर बताया कि रामगढ़ में सुदखोरों ने रिटायर सीसीएलकर्मी बीरू मांझी का पूरा पैसा हड़प लिया है। सदमे में बीरू की मौत हो गयी और उसका बेटा भी मौत के कगार पर है। दिव्यांग पत्नी भीख मांगकर अपना और बेटे का पेट चला रही है। मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए सीएम ने रामगढ़ के डीसी को आदेश दिया कि मामले की पूरी जांच कर दोषियों पर कड़ी करवाई करते हुए बीरू मांझी जी के परिवार को सहायता प्रदान करें। सीएम के आदेश पर डीसी ने भी तुरंत एक्शन लेते हुए कहा कि सर, प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम को पीड़ित परिवार से मिलकर जांच के लिए भेज दिया गया है। अविलंब आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। इसके चंद घंटे के बाद पीड़ित परिवार को बड़ी राहत भी मिल गयी।
इससे पहले भी हेमंत सोरेन ने चतरा के व्यक्ति के इलाज को लेकर आयी शिकायत का समाधान ट्विटर के माध्यम से ही किया। धनबाद की एक छात्रा को फॉर्म भरने में हो रही आर्थिक परेशानी को भी उनके निर्देश पर दूर किया गया था।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधानसभा चुनाव के पूर्व ही ट्विटर पर सक्रिय हो गये थे। चुनाव जीतने और मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत सोरेन न केवल माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर अब और ज्यादा सक्रिय हो गये हैं, बल्कि अपनी सरकार में पारदर्शिता लाने के लिए इसका उपयोग भी कर रहे हैं। सत्ता संभालने के बाद ही सरकार में पारदर्शिता की बात करते हुए इसे आम जनता की सरकार बताया था। झारखंड के चाईबासा सदर अस्पताल में एक बच्ची को खाने में केवल भात परोसने का मामला ट्विटर पर सामने आने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उसे गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर ही उपायुक्त को जांच करने का आदेश दिया और इस मामले में दो कर्मचारियों को निलंबित तक कर दिया गया। इसके बाद तो मुख्यमंत्री को ट्विटर से शिकायतें भी मिलने लगीं और अपनी सरकार में पारदर्शिता लाने के लिए उन्होंने भी इसे औजार बना लिया है। कोडरमा की झामुमो कमेटी ने मुख्यमंत्री से ट्विटर पर ही जन वितरण प्रणाली की शिकायत अखबार पत्र की कटिंग के साथ की थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी ट्वीट कर उपायुक्त को निर्देश देते हुए कहा था कि मामले की पूरी जांच करें एवं संबंधित क्षेत्र की जनता को जल्द से जल्द राशन दिलवाने में सहायता करें। जांच के आधार पर दोषी पाये जाने पर संबंधित डीलर पर कार्रवाई की गयी। सुपर एक्शन मोड में सीएम के आने के बाद झामुमो नेता विनोद पांडेय कहते हैं कि सरकार पारदर्शिता के साथ चल रही है। झारखंड की जनता अपनी समस्याओं का त्वरित समाधान चाहती हैं और सरकार आज उन्हीं की समस्या दूर करने में लगी है। आम लोग भी मुख्यमंत्री की इस कार्यपद्घति की तारीफ कर रहे हैं। जैसे-जैसे लोगों की समस्याओं का समाधान हो रहा है, वैसे-वैसे ट्विटर पर समस्याएं तेजी से आ रही हैं। राशन कार्ड, पेयजल, सड़क, बेहतर इलाज जैसी मूलभूत समस्याओं को जनता सीएम तक पंहुचा रही है और मुख्यमंत्री उनका समाधान भी कर रहे हैं।
इधर, ताजा मामला देवघर और रांची का है। ट्विटर पर एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री को शिकायत करते हुए कहा कि वाहन चेकिंग के दौरान एक व्यक्ति के पास हेलमेट नहीं था और चेकिंग में लगे हवलदार ने उससे रिश्वत मांगी। इसका वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए देवघर उपायुक्त और देवघर पुलिस को मामले की जांच करने को कहा। इसके कुछ ही घंटों बाद देवघर उपायुक्त और देवघर पुलिस का रिप्लाई आया कि मामले में दोषी हवलदार को सस्पेंड कर दिया गया है। तो वहीं दूसरा मामला रांची का है, जहां बूटी मोड के पास शहर में जलापूर्ति की पाइप के फट जाने से सड़क पर काफी समय से बह रह था।
इसकी खबर और वीडियो भी आजाद सिपाही यूटयूब चैनल पर जैसे ही दिखाया गया, तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उपायुक्त रांची को निर्देश दिया कि फटे हुए पाइप को जल्द ठीक करें। सीएम के निर्देश के कुछ ही घंटे के बाद रांची उपायुक्त ने सीएम को रिप्लाई करते हुए फटी हुई पाइप की मरम्मत कर ठीक करने की जानकारी दी।
हेमंत मार रहे चौका-छक्का, अधिकारी भी खूब कर रहे फील्डिंग
आज के दौर में सोशल मीडिया ने सभी मीडिया नेटवर्क को पीछे छोड़ दिया है। क्या नेता, क्या अभिनेता हर कोई अपने आप को इसी पटल पर बिखेर रहा है। बेहतर संचरण और सुगमता से लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का इससे सटीक कोई माध्यम फिलहाल है भी नहीं। लेकिन झारखंड में सोशल मीडिया का एक और प्रयोग देखने को मिल रहा है। जी हां झारखंड की नवनिर्वाचित सरकार हेमंत सोरेन अपने सरकारी तंत्र को ट्विटर के माध्यम से निर्देशित कर रहे हैं। 42 दिन में लगभग 80 से ज्यादा मामलों में संबंधित अधिकारी को ट्विटर के माध्यम से निर्देश दे कर कार्य को धरातल पर लाने की पहल कर चुके हैं। 29 दिसंबर को झारखंड ने देखा एक नयी सरकार का सवेरा और इसी दिन से शुरू हुआ महागठबंधन सरकार का नया अध्याय। सत्ता संभालते ही सोरेन अपने पूरे जोश में दिखे ताबड़तोड़ निर्णय और फटाफट ट्वीट कर उन्होंने यह जता दिया है कि सरकार इस बार बेहतरीन पारी खेलने के मूड में है। लगभग सभी जिले के उपायुक्त को हेमंत सोरेन ने समस्याओं से अवगत कराते हुए जल्द निबटारा करने का निर्देश दिया है। सीएम ने ट्वीट कर के न सिर्फ निर्देश दिया, बल्कि इसके माध्यम से गरीबों को चिकित्सा मुहैया करायी।