रांची। पलामू में जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और पलामू के प्रभारी जिला जज पंकज कुमार द्वितीय के बीच के विवाद का असर मंगलवार को पूरे राज्य में दिखा। झारखंड स्टेट बार काउंसिल के आह्वान पर राज्य के 30 हजार अधिवक्ताओं ने मंगलवार को न्यायिक कार्य से खुद को अलग रखा। अधिवक्ताओं ने एक स्वर में पलामू व्यवहार न्यायालय के जिला न्यायाधीश पंकज कुमार के द्वारा पलामू जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरीय अधिवक्ता से दुर्व्यवहार किये जाने की घटना की निंदा की। साथ ही पलामू के प्रभारी जिला जज की बर्खास्तगी की मांग की। झारखंड हाइकोर्ट में जज निर्धारित समय में कोर्ट में बैठे, लेकिन कोई भी अधिवक्ता अपने केस की पैरवी के लिए नहीं पहुंचा। आम दिनों की अपेक्षा हाइकोर्ट में अधिवक्ताओं की संख्या कम रही। कोर्ट रूम जाने की बजाये अधिवक्ता अपने चेंबर और अधिवक्ता हॉल में बैठे रहे। जबकि कई अधिवक्ता पेन डाउन स्ट्राइक के कारण हाइकोर्ट नहीं पहुंचे।
इधर, रांची सिविल कोर्ट में भी पूरे दिन विरानी छायी रही। बार एसोसिएशन के नये भवन में अधिवक्ता अपने निर्धारित समय में पहुंचे, लेकिन वे कोर्ट रूम जाने की बजाये अपने सीट पर बैठकर काम निपटाते रहे। अदालत परिसर में मुवकिलों की संख्या काफी कम रही। रांची सिविल कोर्ट में वकीलों के पेन डाउन स्ट्राइक के कारण करीब दो हजार से ज्यादा मामले की सुनवाई नहीं हो पायी। उधर, इस मामले की जांच के लिए स्टेट बार काउंसिल की तीन सदस्यों अधिवक्ता हेमंत शिकरवार, रिंकू भगत तथा एके रसिदी की कमेटी मंगलवार को पलामू पहुंची। कमेटी ने पलामू जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं, एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिादानंद तिवारी एवं प्रभारी जिला जज पंकज कुमार से मिलकर मामले की पूरे मामले की जानकारी ली। कमेटी जल्द स्टेट बार काउंसिल को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद अधिवक्ता आगे की रणनीति तय करेंगे। बता दें कि 15 फरवरी को पलामू जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी ने जिला व्यवहार न्यायालय के प्रभारी जिला जज पंकज कुमार द्वितीय पर गाली-गलौज और हाथापाई का आरोप लगाया। इसके बाद ही पलामू सहित राज्यभर के अधिवक्ताओं में रोष है।