अजय शर्मा
रांची। झारखंड में होमगार्ड जवानों को जितने दिन की ड्यूटी रहती है, उतने ही दिन का मानदेय मिलता है। इसके लिए भी अधिकारियों को घूस देनी पड़ती है। बिना पैसा दिये उनकी ड्यूटी नहीं लगायी जाती। अभी चार दिन पहले आजाद सिपाही ने धनबाद में नियुक्ति के नाम पर पैसा वसूली के खेल का खुलासा किया था। अब आजाद सिपाही के पास एक नया वीडियो है, जिसमें ड्यूटी के नाम पर वसूली करते अधिकारी दिख रहे हैं। जो अधिकारी कैमरे में कैद हुए, वह कंपनी कमांडर हैं। तीन अलग-अलग वीडियो में वह जवानों से पैसा लेते दिखाई पड़ रहे कंपनी कमांडर धीरज कुमार एक जवान से कह रहे हैं कि कहां जाओगे, फ्री कहीं नहीं जा सकते।
फिर पूछते हैं कि कहां जाना है, वह बोलता है सरिया के वन विभाग में। उसे पैसा देने का निर्देश दिया जाता है। कुछ देर बाद होमगार्ड का जवान एटीएम से 20 हजार रुपये निकालता है और अधिकारी के करीबी को देता है। अधिकारी पैसा गिनते हैं और बोलते हैं कि कम है। धीरज पहले गिरिडीह में थे। अभी देवघर में हैं। नोट गिनते जो दिख रहा है, उसका नाम शिवनंद राय है। इस वीडियो से साफ है कि बिना पैसा दिये होमगार्ड में ड्यूटी नहीं मिलती। जवानों को पूरे राज्य में अपने अधिकारियों को पैसा देना पड़ता है। होमगार्ड के कमांडेंट और कंपनी कमांडर को यह पता होता है कि जवानों से कितने पैसे की वसूली हुई। उनके कहने पर ही दलाल किस्म के जवान पैसे की वसूली करते हैं। वीडियो में नोट गिनने के बाद ड्यूटी मांगने गया जवान कहता है कि 10 हजार बिरनी के लिए है। यानी बिरनी ब्लॉक में जो होमगार्ड के जवान काम कर रहे हैं, उन लोगों ने पैसा भेजा था।
पैसा वसूलनेवाला जवान गया जेल
धनबाद में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से पैसा वसूलनेवाला जवान धर्मेंद्र कुमार सिंह को वहां की सदर थाना पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया। उसने पूछताछ के क्रम में एक करोड़ की वसूली के अलावा इसमें तीन अधिकारियों के शामिल होने की जानकारी पुलिस को दी है। राजेंद्र रविदास नो अपने बेटे को होमगार्ड में नौकरी के लिए तीन लाख रुपये दिये थे, उन्ही के बयान पर केस हुआ है।