रांची। विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को लोहरदगा हिंसा पर भाजपा विधायकों के हंगामे और नारेबाजी पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि सदन को मछली बाजार मत बनाइये। सदन में आम लोगों के हितों के लिए चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी ने सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने और भाजपा विधायकों के वेल में नहीं आने का आश्वासन दिया था।
ज्वलंत मुद्दे तो उठायेंगे ही : बाबूलाल
इस पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उन्होंने कहा था कि प्रतिपक्ष के नेता के मुद्दे पर भाजपा विधायक वेल में नहीं आयेंगे। यह नहीं कहा था कि वे कोई दूसरा मुद्दा नहीं उठा सकते हैं। मरांडी ने कहा कि किसी ज्वलंत मुद्दे पर भाजपा विधायक कैसे चुप बैठ सकते हैं। हमने लोहरदगा जाकर वहां की हकीकत देखी है कि किस प्रकार प्रशासन ने वहां काम किया है। सदन में तो यह मामला उठाया ही जायेगा। बाबूलाल ने कहा कि सभी चाहते हैं कि सदन चले। ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा हो। उन्होंने कहा कि स्पीकर नियमन दें कि एक दिन लोहरदगा और चाईबासा हिंसा पर चर्चा हो। स्पीकर ने कहा कि इस संबंध में विचार किया जायेगा। इसके बाद हंगामा शांत हुआ और प्रश्नकाल चला।
भाजपा विधायकों ने किया हंगामा, प्रदर्शन
इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने बैनर और तख्ती लेकर मुख्य द्वार के पास प्रदर्शन किया। सदस्यों ने लोहरदगा दंगे की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर हंगामा किया। सदन के अंदर भी उन्होंने नारेबाजी की। विधायक डॉ नीरा यादव ने लोहरदगा घटना की जांच हाइकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक कमिटी गठित कर कराने की मांग की। रणधीर सिंह की मांग थी कि लोहरदगा घटना के लिए जिम्मेदार पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाये।
बंधु तिर्की ने उठाया सीएए का मुद्दा
हंगामे के बीच बंधु तिर्की ने कहा कि सीएए-एनआरसी का मुद्दा कोरोना से अधिक खतरनाक है। सरकार इसे निरस्त करे। बंधु तिर्की ने इस पर चर्चा कराने की मांग की। बंधु के विरोध में भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। भानु प्रताप शाही ने कहा कि किसी भी कानून को वायरस कहना निंदनीय है। यह कानून संवैधानिक तौर पर पारित होकर देश में आया है। इसे वायरस कहना अपमानजनक है। इसके लिए बंधु तिर्की पर कार्रवाई हो। उन्हें सदन से निलंबित किया जाये। इस पर कांग्रेस विधायक अपनी सीट पर खड़े हो गये और सीएए-एनआरसी को निरस्त करने और चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने भानु प्रताप शाही की मांग का भी कड़ा विरोध किया।
विधानसभा की दर्शक दीर्घा बंद की गयी
कोरोना वायरस पर सतर्कता बरतते हुए विधानसभा की दर्शक दीर्घा को बंद कर दिया गया है। मंगलवार को दर्शक दीर्घा में किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। मुख्यमंत्री ने सोमवार को ही दर्शक दीर्घा में प्रवेश नहीं देने का निर्देश दिया था। मंगलवार को पत्रकारों के प्रवेश का रास्ता बदल दिया गया। हालांकि बाकी जगहों पर पूर्व की ही भांति सभी को प्रवेश की अनुमति थी।
खराब साउंड सिस्टम पर सीएम का तंज
झारखंड विधानसभा के नवनिर्मित विधानसभा में खराब साउंड सिस्टम का मामला मंगलवार को एक बार फिर सदन में उठा। प्रदीप यादव और प्रो स्टीफन मरांडी द्वारा वित्त रहित शिक्षा नीति पर उठाये गये सवाल का जवाब देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जैसे ही खड़े हुए, माइक बंद हो गया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि माइक काम नहीं कर रहा है। नये भवन का यह हाल है। बता दें कि इससे पहले निर्दलीय सरयू राय भी इस मामले को उठा चुके हैं। उन्होंने कई बार पूरे निर्माण कार्य की जांच की भी मांग उठायी है।
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