नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दूसरे चरण के लिए बुधवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिशानिर्देशों में साफ तौर पर बताया गया है कि लॉकडाउन के दौरान किन गतिविधियों, सेवाओं पर बंदिशें बरकरार रहेंगी और किन्हें छूट मिलेगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योगों को छूट
दिशा निर्देश के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियों को सीमित दायरे में इजाजत दी गई है। दिशा निर्देश के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में इंडस्ट्री को मुक्त रखा गया है, लेकिन शर्त यह है कि वह शहरी एमसीडी के क्षेत्र में नहीं आता हो। जिन क्षेत्रों को रियायत दी गई है उसमें स्पेशल इकॉनमिक जोन भी शामिल हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में सामाजिक दूरी बनाए रखना होगा। - आईटी हार्डवेयर, सड़क निर्माणा, कोयला उद्योग को भी छूट
खाद्य प्रसंस्करण, आईटी हार्डवेयर, कोयला उद्योग, खान उद्योग, तेल रिफाइनरी इंडस्ट्री, पैकेजिंग इंडस्ट्री और जूट उद्योग को राहत दी गई है। ये उद्योग 20 अप्रैल से काम कर सकेंगे। इसके साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में ईंट भट्ठे चलाने को भी इजाजत दी गई है। सड़क निर्माण, सिंचाई प्रोजेक्ट और बिल्डिंग निर्माण कार्य को भी प्रतिबंध के दायरे से मुक्त कर दिया गया है। - घर बुला सकेंगे इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कारपेंटर
सरकार ने आम लोगों को यह बहुत बड़ी राहत दी है। अब आप बिजली के सामान को ठीक करने के लिए इलेक्ट्रिशियन, टीवी आदि खराब होने पर रिपेयरिंग वाले को घर बुला सकते हैं। इतना ही नहीं प्लंबर, कारपेंटर भी बुलाया जा सकता है। मोटर मकेनिक को भी छूट। - कंस्ट्रक्शन की छूट
निर्माण कार्यों की सीमित छूट दी गई है। इसके तहत फ्लैट, या सड़क मरम्मत आदि का काम किया जा सकता है। लेकिन शर्त यह है कि यह भीड़भाड़ वाले इलाके में नहीं होना चाहिए। ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण की भी छूट मिलेगी। खाद्य प्रसंस्करण, आईटी हार्डवेयर, कोयला उद्योग, खान उद्योग, तेल रिफाइनरी इंडस्ट्री, पैकेजिंग इंडस्ट्री और जूट उद्योग को राहत दी गई है। ये उद्योग 20 अप्रैल से काम कर सकेंगे। इसके साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में ईंट भट्ठे चलाने को भी इजाजत दी गई है। सड़क निर्माण, सिंचाई प्रोजेक्ट और बिल्डिंग निर्माण कार्य को भी प्रतिबंध के दायरे से मुक्त कर दिया गया है। - हाईवे पर ढाबे और ट्रक रिपेयर की दुकान
सरकार के आदेश के मुताबिक, हाईवे पर मौजूद ट्रक ठीक करने की दुकान और ढाबे भी खुल सकते हैं। लेकिन सोशल डिस्टेंस का खास ख्याल रखना होगा। - ग्रामीण क्षेत्रों को छूट
दिशा निर्देश के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसायिक गतिविधियों को सीमित दायरे में इजाजत दी गई है। दिशा निर्देश के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में इंडस्ट्री को मुक्त रखा गया है, लेकिन शर्त यह है कि वह शहरी एमसीडी के क्षेत्र में नहीं आता हो। जिन क्षेत्रों को रियायत दी गई है उसमें स्पेशल इकॉनमिक जोन भी शामिल हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में सामाजिक दूरी बनाए रखना होगा। - कृषि और पशुपालन उद्योग को छूट
खेती-किसानी से जुड़े कामकाज चलते रहेंगे। किसानों और कृषि मजदूरों को हार्वेस्टिंग से जुड़े काम करने की छूट रहेगी। कृषि उपकरणों की दुकानें, उनके मरम्मत और स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खुली रहेंगी। खाद, बीज, कीटनाशकों के निर्माण और वितरण की गतिविधियां चालू रहेंगी, इनकी दुकानें भी खुली रहेंगी। कटाई से जुड़ी मशीनों (कंपाइन) के एक राज्य से दूसरे राज्य में मूवमेंट पर कोई रोक नहीं रहेगी। - हेल्थ सर्विस से जुड़ी चीजें खुली रहेंगी
सरकार ने लॉकडाउन 2.0 के दौरान भी हॉस्पिटल, नर्सिंग होम, क्लीनिक खोले रखने का फैसला किया है। डिस्पेंसिरी, केमिस्ट शॉप या अन्य किसी भी तरह की दवाई की दुकान खुली रहेगी। हॉस्पिटल, पैथ लैब आदि भी काम करते रहेंगे। ऐम्बुलेंस, मेडिकल स्टाफ को इधर से उधर जाने की भी छूट। - इन चीजों की दुकानें खुली रहेंगी
लॉकडाउन में वैसे ज्यादातर दुकानें बंद हैं। लेकिन पीडीएस राशन विक्रेता, किराना स्टोर, सब्जी, फल बेचनेवालों को छूट। डेयरी उत्पाद, दूध की दुकान, मीट और मछली की दुकान। जानवरों के चारे की दुकान खुली रहेंगी। - होम डिलिवरी को छूट
खाना, दवाई और चिकित्सा उपकरण आप ई-कॉमर्स वेबसाइट से मंगाना जारी रख सकेंगे। कूरियर सर्विस भी शुरू होंगी। - बैंक, एटीएम खुले रहेंगे
पिछले लॉकडाउन की तरह इसबार भी बैंक और एटीएम खुले रहेंगे। बीमा सर्विस भी चालू रहेगी। इसे जरूरी सेवाओं में रखा गया है। - लॉकडाउन की बंदिशों से कृषि क्षेत्र मुक्त
लोगों को कम से कम असुविधा हो इसीलिए सीमित गतिविधि की इजाजत दी गई है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन किया जाने की शर्त पर। सभी प्रकार की हेल्थ सर्विसेस को छूट दी गई है। दवाइयों के मैन्युफैक्चरिंग और पैकेजिंग को इजाजत दी गई है। सभी तरह की खेती बारी को मुक्त रखा गया है। मंडियों को इस से रियायत दी गई है। कृषि क्षेत्र से सम्बंधित दुकानों को खुलने की इजाजत दी गयी है। कृषि से संबंधित मशीन और कलपुर्जे की दुकानों को खोलने की इजाजत दी गई है। बागबानी गतिविधियों को भी छूट। - मछली पालन और पशु पालन को छूट
मछ्ली पालन को पूरी तरह छूट दी गई हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जाने वाला मनरेगा को पूरी तरह छूट दी गई है। नई गाइडलाइन के मुताबिक गैस, तेल ,एलपीजी, पीएनजी के उत्पादन और वितरण को छूट दी गई है। पावर सेक्टर को पूरी तरह से मुक्त रखा गया है। - रेल और सड़क मार्ग से माल ढुलाई को छूट
पोस्टल सर्विसेस को बंदिशों से मुक्त रखा गया है। रेलवे ट्रांसपोर्टेशन, रोड ट्रांसपोर्टेशन को इजाजत दी गई है। - प्लंबर, मकैनिक्स को भी छूट
इसके साथ साथ इलेक्ट्रिक, आईटी, मोटर मैकेनिक, प्लंबर, कारपेंटर इन सब को छूट दी गई है। ये लोग 20 अप्रैल के बाद सामाजिक दूरी बनाते हुए अपना काम जारी रख सकते हैं। - हाईवेज पर ढाबों को इजाजत
इस बार लॉकडाउन के दौरान हाईवेज पर चलने वाले ‘ढाबे’ खुले रहेंगे। इसके अलावा ट्रक मरम्मत की दुकानें भी खुली रहेंगी। लॉकडाउन के पहले चरण में इन्हें छूट नहीं थी इस वजह से ट्रकर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। हालत यह हुई कि एनएचआईए को टोल प्लाजों पर ट्रक ड्राइवरों और उनके हेल्परों के लिए खाने-पीने का इंतजाम करना पड़ा। - किराने की दुकानों के साथ इनको भी भी छूट
बंद के दौरान किराने की दुकान, फल, सब्जियों की दुकानें/ठेले, दूध के बूथ, अंडे, मांस तथा मछली की दुकान खुली रहेंगी। - दवा, मेडिकल डिवाइसेज बनाने वाले यूनिट्स को छूट
दवा, चिकित्सा उपकरण बनाने वाले यूनिट्स 20 अप्रैल से खुलेंगे। साथ ही ऐम्बुलेंस खरीदने समेत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कार्य भी तभी से शुरू होगा। - केंद्र के ये विभाग बिना पाबंदी के करेंगे काम
रक्षा, अर्द्धसैन्य बल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आपदा प्रबंधन, एनआईसी, एफसीआई, एनसीसी, नेहरू युवा केंद्र और सीमाशुल्क कार्यालय बिना किसी पाबंदी के काम करेंगे। - सीनियर अफसरों की 100 फीसदी हाजिरी जरूरी
अन्य मंत्रालय और विभाग उप सचिव और उससे ऊपर के पद के अधिकारियों के साथ ‘100 फीसदी हाजिरी’ के साथ काम करेंगे। इसमें कहा गया है, ‘बाकी के अधिकारी और कर्मचारी आवश्यकता के अनुसार 33 प्रतिशत तक की उपस्थिति के साथ काम करेंगे।’ - राज्य सरकारों के दफ्तर एक तिहाई स्टाफ के साथ खुलेंगे
सरकार ने साफ-साफ कहा है कि सभी केंद्रीय कार्यालयों में डेप्युटी सेक्रेटरी से ऊपर के अधिकारी की सौ फीसदी उपस्थिति रहेगी, जबकि अवर सचिव से नीचे के कर्मचारी की उपस्थिति जरूरत के हिसाब से 33 प्रतिशत के आस-पास होनी चाहिए। उधर राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों को भी निर्देश दिया गया है कि ग्रुप ए और बी सर्विसेस को छोड़कर नीचे के कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार 33 फीसदी तक ही बुलाएं।