Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Tuesday, July 1
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»राज्य»उत्तर प्रदेश»आगरा में सड़क पर जन्मीं तीन बेटियां
    उत्तर प्रदेश

    आगरा में सड़क पर जन्मीं तीन बेटियां

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskMay 10, 2020No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    आगरा के 132 साल पुराने लेडी लॉयल अस्पताल के दरवाजे शनिवार की सुबह गर्भवती महिलाओं के लिए नहीं खुले। कराहती, चिल्लाती और बार-बार दर्द से बेसुध होती महिलाएं सड़क पर थीं। भगवान-भरोसे थीं। टूटती उम्मीदों के बीच सात-आठ महिलाएं देवदूत बनकर आई, अपनी और कपड़ों की आड़ बनाई और देखते ही देखते बमुश्किल 30 मिनट के अंतराल में तीन गर्भवती महिलाओं के प्रसव करा दिया। मातृशक्ति का अद्भुत संयोग देखिए, तीनों ही प्रसूताओं ने स्वस्थ बच्चियों का जन्म दिया।

    शनिवार की सुबह साढ़े पांच बजे नूरी दरवाजा निवासी प्रीति तीव्र प्रसव पीड़ा से गुजरी, तो वह अपने पति साथ बाइक पर बैठकर लेडी लॉयल अस्पताल पहुंची। दरवाजे पर गार्ड ने रोक दिया। कहा- बिना थर्मल स्क्रीनिंग अस्पताल में प्रवेश संभव नहीं। असहनीय दर्द से गुजरती नीलम गेट के पास ही सड़क किनारे बैठ गई। लगभग 15 मिनट बाद ही केके नगर, सिकंदरा से बाइक पर अपने देवर के साथ आई रीना को भी थर्मल स्क्रीनिंग न होने से अस्पताल में नहीं जाने दिया गया। इस परिवार के पास भी कोई रास्ता नहीं था सिवाय सड़क पर बैठकर कराहने, इंतजार करने और सिस्टम को कोसने के।

    लेडी लॉयल अस्पताल से नूरी दरवाजा की दूरी बमुश्किल एक किलोमीटर है, इसलिए प्रीति के पति ने घर पर सूचना दी तो घर की तीन चार महिलाएं अस्पताल की ओर दौड़ पड़ी। एक मां ही दूसरी मां की पीड़ा समझती है। आसपास मौजूद चार-पांच महिलाएं भी प्रसव की कठिनतम वेदना से गुजर रहीं गर्भवतियों के पास आ गईं। संख्या आठ हो गई तो महिलाओं ने खुद ही एक घेरा बनाया। घेरे को कपड़ों से ढक दिया। पहले प्रीति का प्रसव कराया और फिर रीना का। संयोगवश कुछ ही मिनट बाद ही शीतला गली निवासी नीलम अपने पति के साथ रिक्शे से लेडी लॉयल अस्पताल पहुंच गई। थर्मल स्क्रीनिंग न होने की वजह से उसे गेट के लौटा दिया गया। वापसी में अस्पताल से सौ मीटर की दूरी पर उसे तेज प्रसव पीड़ा हुई। पति घबरा गया। चीख देवदूत बनी महिलाओं तक पहुंची, तो वह दौड़ी और जुट गईं नीलम का प्रसव कराने में। तरीका वही, अंदाज वही। नतीजा महज 30 मिनट के अंतराल में तीन स्वस्थ बच्चियों का जन्म और सुकून देती किलकारियां। तीनों जच्चा-बच्चा अब स्वस्थ हैं।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleमदर्स डे को क्यों मई के दूसरे रविवार को क्यों मनाते हैं
    Next Article आतंकी सलाउद्दीन बोला, अभी बहुत भारी है भारत का पलड़ा
    azad sipahi desk

      Related Posts

      अमृतसर में साठ किलो हेरोइन बरामद

      June 30, 2025

      मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत को बड़ी जिम्मेदारी, मिलेगी करोड़ों की सैलरी

      June 29, 2025

      हिमाचल में मानसून का कहर, 8 दिनों में 34 लोगों की मौत, 74 जख्मी

      June 29, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • प्रधानमंत्री बुधवार से पांच देशों की यात्रा पर, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग
      • हूल दिवस पर भाकपा ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
      • शराब घोटाला में आरोपित विनय सिंह को फिलहाल कोर्ट से राहत नहीं
      • राज्य सरकार लूट रही है संपदाएं, बाहरी तत्वों के खिलाफ जारी रहेगा संघर्ष : जेएलकेएम
      • जल, जंगल और जमीन को बचाने की सबसे बड़ी लड़ाई थी हूल क्रांति : रंजन
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version