अजय शर्मा
रांची। राज्य के तीन चर्चित मामलों में सीआइडी ने अपना अनुसंधान पूरा कर लिया है। तीनों मामलों में बुधवार को चार्जशीट न्यायालय में दायर की गयी। राज्य की मुख्य सचिव जब राजबाला वर्मा थीं, तो उनका एक ट्विटर हैंडल किसी दूसरे व्यक्ति ने बना लिया था। वह उसके जरिये अधिकारियों को निर्देश भी देता था। इस संबंध में एक मामला दर्ज किया गया था। बाद में इसका अनुसंधान सीआइडी को सौंपा गया। सीआइडी ने इस मामले में हरिओम राय को दोषी पाया है और माना है कि वही पूर्व सीएस का फेक ट्विटर हैंडल चलाया करता था। हरिओम राय के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट सुपुर्द कर दी गयी है।
इ-मेल से रंगदारी
सीसीएल के डायरेक्टर फाइनांस को इ-मेल भेजकर रंगदारी की मांग की गयी थी। इस संबंध में भी एक मामला स्थानीय थाने में दर्ज हुआ। बाद में इसका अनुसंधान सीआइडी को सुपुर्द किया गया था। सीआइडी के अधिकारियों ने बड़ी मुश्किल से इ-मेल करनेवाले व्यक्ति का पता लगाया। इसके बाद बुधवार को इस मामले में बैजनाथ गंझू के विरुद्ध चार्जशीट की गयी है।
अनूप चावला पर फायरिंग करनेवाले पर चार्जशीट
शराब कारोबारी अनूप चावला पर की गयी फायरिंग का अनुसंधान भी सीआइडी ने पूरा कर लिया है। चावला पर दो साल पहले फायरिंग की गयी थी। इस मामले में चुटिया थाना में मामला दर्ज हुआ था। इस कांड का अनुसंधान भी सीआइडी ने पूरा कर लिया। फायरिंग करनेवाले चार लोगों के विरुद्ध चार्जशीट सुपुर्द कर दी गयी है। वहीं, एक व्यक्ति को इस मामले में फरार बताया गया है।
बदल गयी सीआइडी की छवि
झारखंड की सीआइडी की छवि बदल गयी है। अब सीआइडी अनुसंधान का मतलब पीड़ित को न्याय मिलना है। पहले छवि यह थी कि केस अगर सीआइडी में गया, तो दोषी पर कभी कार्रवाई नहीं होगी। अब राज्य की जनता में सरकार और सीआइडी के प्रति नजरिया बदला है। पुलिस से न्याय नहीं मिलने पर पीड़ित सीआइडी अनुसंधान की मांग कर रहे हैं। पहले गंभीर मामले के आरोपी खुद को बचाने के लिए केस सीआइडी में ट्रांसफर कराना चाहते थे।