रांची: हरियाणा के सूरजकुंड में चल रहे 5 दिवसीय मेले के दूसरे दिन झारखंड के संताल परगना के लोगों ने अपनी कला, संस्कृति, रहन-सहन, खान-पान के दृश्य को प्रदर्शित किया। 31वें सूरजकुंड मेले में इस साल झारखंड को थीम स्टेट के रूप में चुना गया है।
सूरजकुंड में आने वाले पर्यटकों ने मेला के दूसरे दिन संताल परगना और यहां के लोगों के बारे में जाना। संताल आदिवासी देश के तीन बड़े आदिवासी समुदाय में से एक हैं। सूरजकुंड के झारखंड पैवेलियन में असुर और बिरजिया आदिम जनजाति के कला की प्रदर्शनी भी लगायी गयी है। यह जनजाति पुराने जमाने में लोहा के औजार बनाने में माहिर होती थी। इस पद्धति को झारखंड सरकार और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों द्वारा संरक्षित किया गया है। अशोक स्तंभ और कोणार्क मंदिर के पीलर को भी इसी पद्धति से बनाया गया है। वहीं कार्यक्रम में झारखंड के नागपुरी करसा और अखरा नृत्य की प्रस्तुति हुई।
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