Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, June 8
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»अन्य खबर»प्रयागराज में लिखी गई थी राम मंदिर आंदोलन की पटकथा, महावीर भवन था मुख्य केंद्र
    अन्य खबर

    प्रयागराज में लिखी गई थी राम मंदिर आंदोलन की पटकथा, महावीर भवन था मुख्य केंद्र

    sonu kumarBy sonu kumarAugust 2, 2020No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email
    लम्बी लड़ाई एवं न्यायिक प्रक्रिया के बाद राम नगरी अयोध्याधाम में भगवान श्रीराम का दिव्य और भव्य मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को भूमि पूजन करेंगे। इस शुभ मुहूर्त को लेकर जहां दुनिया भर के राम भक्त उत्साहित हैं, वहीं तीर्थराज प्रयाग स्थित महावीर भवन भी गर्व से आह्लादित है। दरअसल राम मंदिर आंदोलन की पूरी पटकथा इसी भवन से लिखी गई थी।
    तीर्थराज प्रयाग में महर्षि भरद्वाज आश्रम के पास स्थित महावीर भवन राम मंदिर आंदोलन के महानायक रहे अशोक सिंहल का निवास रहा है। स्वर्गीय सिंहल विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे और विहिप ने वर्ष 1984 में श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण का मुद्दा उठाया था। इसी के बाद से महावीर भवन मंदिर आंदोलन का मुख्य केंद्र बन गया। आंदोलन को लेकर सारे निर्णय यहीं से लिए जाते थे।
    स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्ष 1984 के बाद राम मंदिर आंदोलन से जुड़े तमाम संत, शंकराचार्य, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के चैथे सरसंघ चालक प्रो. राजेंद्र सिंह ‘रज्जू भैया’ वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, साध्वी उमा भारती, साध्वी ऋतंधरा और विनय कटियार जैसे लोग इसी महावीर भवन में ही जुटने लगे। यहीं से राम मंदिर आंदोलन का पूरा ताना-बाना बुना जाने लगा।
    राम मंदिर निर्माण को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने वर्ष 1990 में जब गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक की रथयात्रा प्रारम्भ की तो उन्हें अशोक सिंहल ने पूरा सहयोग दिया था। वह कहते थे कि अगर अयोध्या में जन्मभूमि पर राम का मंदिर नहीं बनेगा, तो इस देश में हिंदू समाज और उसकी पहचान भी नहीं बचेगी।
    इसके बाद इसी महावीर भवन से 1990 व 1992 की कारसेवा का खाका खींचा गया। हालांकि आडवाणी की रथ यात्रा अयोध्या नहीं पहुंच पाई थी। बिहार पहुंचते ही वहां के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव ने आडवाणी को गिरफ्तार करवा लिया था। लेकिन, अशोक सिंह और महंत नृत्य गोपालदास के नेतृत्व में अयोध्या में कारसेवक भारी संख्या में इकट्ठा होने लगे थे। उस समय उप्र के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने गोली चलाने की आज्ञा दे दी, जिससे कई कारसेवक मारे गये।
    भूमि पूजन में प्रयुक्त होगी प्रयागराज की मिट्टी और गंगाजल
    अयोध्या आंदोलन के मुख्य शिल्पी रहे अशोक सिंह की इच्छा थी कि जब भी राम मंदिर बने तो भूमि पूजन में प्रयागराज की मिट्टी और गंगाजल का प्रयोग अवश्य हो। उनकी इस इच्छा की पूर्ति के लिए विहिप के नेताओं ने पवित्र संगम की मिट्टी और गंगाजल लेकर अयोध्या गये हैं। राम नगरी जाने से पहले विहिप नेताओं ने मिट्टी और गंगाजल को लेकर महावीर भवन की परिक्रमा की और उसे अशोक सिंघल की तस्वीर के सामने रखकर उन्हें श्रद्धाजलि भी अर्पित की। विहिप नेता संगम की मिट्टी और गंगाजल लेकर महावीर भवन से करीब दो किमी दूर स्थित केसर भवन भी गये। केसर भवन विहिप का प्रांतीय कार्यालय है। राम मंदिर आंदोलन में इसका भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
    विहिप नेताओं का कहना है कि राम मंदिर के लिए भूमि पूजन के दिन महावीर भवन को दीपों से भव्य रुप से सजाया जाएगा। अशोक सिंह के करीबी रहे डॉ. चंद्रप्रकाश सिंह का कहना है कि इससे स्वर्गीय अशोक सिंहल की आत्मा खुश होगी। गौरतलब है कि 17 नवम्बर 2015 में अशोक सिंहल का निधन हो गया था।
    महावीर भवन में अब अरुंधती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ का मुख्यालय
    अशोक सिंहल ने अपने जीवन काल में ही महावीर भवन को अरुंधति वशिष्ठ अनुसंधान पीठ और भारत संस्कृत परिषद को दान कर दिया था। राम मंदिर आंदोलन से बुद्धिजीवियों को जोड़ने के लिए उन्होंने वर्ष 2007 में अरुंधति वशिष्ठ अनुसंधान पीठ की स्थापना की थी। बाद में उन्होंने अपने निवास महावीर भवन को ही पीठ का मुख्यालय बना दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी पीठ के पहले अध्यक्ष थे। वर्तमान में राज्यसभा सदस्य डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी इसके अध्यक्ष हैं।
    पीठ के निदेशक डॉ. चंद्रप्रकाश सिंह बताते हैं कि इसकी स्थापना राम मंदिर के अलावा भारतीय संस्कृति और परंपरा पर शोध करके उसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए हुई है। पीठ की तरफ से श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर होने के पुरातात्विक, विधिक एवं ऐतिहासिक साक्ष्यों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया है। अब तक यहां से 30 पुस्तकों का प्रकाशन कराया गया है। साथ ही विभिन्न विषयों पर अब तक 150 से अधिक सेमिनार व कार्यशालाएं भी पीठ द्वारा आयोजित कराए जा चुके हैं।
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleजाह्नवी कपूर की फिल्म ‘गुंजन सक्सेना: द कारगिल गर्ल’ का ट्रेलर रिलीज, दिखी युद्ध क्षेत्र में पायलट के संघर्ष की झलक
    Next Article भाजपा के उत्थान में अयोध्या का योगदान
    sonu kumar

      Related Posts

      इतिहास के पन्नों में 25 दिसंबरः रूसी टेलीविजन पर हुई थी नाटकीय घोषणा- सोवियत संघ अस्तित्व में नहीं रहा

      December 24, 2024

      इतिहास के पन्नों में 23 दिसंबरः उस दिन को याद कर आज भी सिहर उठते हैं लोग जब देखते-देखते जिंदा जल गए 442 लोग

      December 22, 2024

      इतिहास के पन्नों में 22 दिसंबरः रुड़की-पिरान कलियर तक चली थी भारत की पहली मालगाड़ी

      December 21, 2024
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • झारखंड में आदिवासी लड़कियों के साथ छेड़छाड़, बाबूलाल ने उठाए सवाल
      • पूर्व मुख्यमंत्री ने दुमका में राज्य सरकार पर साधा निशाना, झारखंड को नागालैंड-मिजोरम बनने में देर नहीं : रघुवर दास
      • गुरुजी से गुरूर, हेमंत से हिम्मत, बसंत से बहार- झामुमो के पोस्टर में दिखी नयी ऊर्जा
      • अब गरीब कैदियों को केंद्रीय कोष से जमानत या रिहाई पाने में मिलेगी मदद
      • विकसित खेती और समृद्ध किसान ही हमारा संकल्प : शिवराज सिंह
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version