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    Home»Breaking News»बंगाल के राज्यपाल ने कहा‌- ‘संविधान को नहीं मानतीं ममता ‘
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    बंगाल के राज्यपाल ने कहा‌- ‘संविधान को नहीं मानतीं ममता ‘

    azad sipahiBy azad sipahiMay 13, 2021No Comments3 Mins Read
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    कोलकाता । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्ति के बावजूद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आज कूचबिहार पहुंच कर हिंसा पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उनकी स्थिति की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार औ ममता गांधी पर कड़े जुबानी प्रहार किए।
    गुरुवार को बीएसएफ के हेलीकॉप्टर से राज्यपाल जगदीप धनखड़ कूचबिहार पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने चुनाव परिणाम आने के बाद हिंसा पीड़ितों से मिले। इस मौके पर राज्यपाल धनखड़ ने ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रशासनिक आदेश का हवाला देकर उन्हें संवैधानिक कर्तव्य के पालन से रोकने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन करते रहेंगे। राज्यपाल ने कहा कि चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद आगजनी और लूट हो रही है है। यह प्रजातंत्र के लिए ठीक नहीं है। 03 मई के बाद मुख्यमंत्री के पास विधिसम्मत अधिकार हैं। उनके शपथ लेने के बाद अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एक भी दोषी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है।”
    राज्यपाल ने कहा कि मैंने हिंसा पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है। संविधान के तहत यह मेरी ड्यूटी है। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री के दुर्भाग्यपूर्ण आचरण से यह घटनाएं हुई हैं। ममता ने कहा था कि सेंट्रल फोर्स बंगाल में सदा नहीं रहेगी, हम सभी को देख लेंगे। इस प्रकार की चुनौती देने के लिए संविधान इजाजत नहीं देता है। यह कैसा आचरण है ? यह कैसे स्वीकार हो सकता है।
    उन्होंने कहा, “मैने पुलिस अधिकारियों को अगाह किया। डीजीपी और गृह सचिव को बुलाया। रिपोर्ट डीजीपी से 03 मई को मांगी थी, लेकिन आज तक नहीं मिली है। डर से पीड़ितों ने गांव के गांव खाली कर दिए। ऐसी स्थिति में खुद की पीठ थपथपाना अच्छा नहीं है।
    राज्यपाल ने बताया कि कहा जा रहा है कि हाई कोर्ट ने कलकत्ता को क्लीट चिट दी है। मुझे कहीं दिखाई नहीं दी है। हाई कोर्ट का मैं सम्मान करता हूं। जब भी निर्णय आएगा तो सामने आएगा।” राज्यपाल ने कहा,” मैंने मुख्यमंत्री के पत्र का जवाब दिया। संविधान के बाहर कोई नहीं जा सकता है। कोई प्रशासनिक आदेश संविधान को अवरुद्ध नहीं कर सकता है। मुझे कहते हुए बड़ा संकोच हो रहा है। पश्चिम बंगाल में कहां और क्या कुछ नहीं हो रहा है? कहां है मानवाधिकार बचाने वाली संस्थाएं?, कहां है मीडिया?, रक्त रंजित वातावरण को कुंठित करने के लिए यह समय टक्कर और टकराव का नहीं है, सहभागिता का है। अधिकारियों का अपने मुट्ठी में नहीं रख सकते।”
    उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि कूचबिहार में नरसंहार हुआ। केवल राजनीतिक लक्ष्य के लिए कोई संविधान को तार-तार नहीं कर सकता। अत्यंत विवशता में मैंने कठोर निर्णय लियाख् वो भी संविधान की रक्षा करने के लिए। कोई भी बाधा मुझे प्रभावित नहीं कर सकती। मैं अपनी संविधानिक ड्यूटी का पालन करूंगा। प्रजातंत्र की मूल भावना पर कुठराघात नहीं होने दूंगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को हर उस व्यक्ति को दंडित करना चाहिए, जिसने बंगाल में हिंसा में भाग लिया हो। लेकिन अभी तक राज्य सरकार की कोई कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। केवल राजभवन तक राज्यपाल की भूमिका मु्झे स्वीकार नहीं है। राज्यपाल को मुट्ठी में नहीं रखा जा सकता है। राज्य के प्रथम सेवक के नाते मैं अपनी ड्यूटी निभाऊंगा।
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