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    Home»Breaking News»गलती करनेवाले को सजा मिली करवानेवाले को भी तो मिले
    Breaking News

    गलती करनेवाले को सजा मिली करवानेवाले को भी तो मिले

    azad sipahiBy azad sipahiJuly 24, 2021No Comments3 Mins Read
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    राकेश सिंह
    कहते हैं, ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती है। इसके लिए दो हाथों का होना जरूरी है। इसी तरह कहीं अतिक्रमण होता है, तो इसके लिए केवल अतिक्रमण करनेवाला ही जिम्मेदार नहीं होता है। अतिक्रमण करवानेवाला भी बराबर का जिम्मेदार होता है। जब अतिक्रमण करनेवालों को सजा मिल रही, तो करवानेवाले को नजरअंदाज क्यों किया जा रहा? क्या उन पर भी कार्रवाई के लिए प्रशासन का कदम बढ़ेगा? क्या भविष्य के लिए सावधानी बरती जायेगी? यह इन दिनों एक अहम सवाल बन कर सामने आ रहा है।

    दरअसल, झारखंड की राजधानी रांची में इन दिनों अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है। जिस बारिश में चिड़िया को भी अपने घोसले से बेदखल नहीं किया जाता, ऐसे समय में इंसानों को बेघर किया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने का आदेश कोर्ट का है। प्रशासन का कदम उठाना सही है। एक-एक कर के हर दिन घर तोड़े जा रहे हैं। गरीबों का दर्द हर कोई देख रहा। पैसा-पैसा जमा कर जमीन ली, घर बनाया। कुछ लोगों ने तो बैंक से कर्ज ले लिया। कोरोना संक्रमण ने तो नौकरी-चाकरी, रोजगार छीन ही लिया है, अब सिर छुपाने की जगह भी छिन गयी है। लोगों के सामने विकट स्थिति है। एक तरफ कोरोना की तीसरी लहर का खतरा। दूसरी तरफ बारिश और तीसरी रहने को घर नहीं। पहले से चरमरायी आर्थिक स्थिति ने इन गरीबों को खाने-खाने के लिए मोहताज कर दिया है। लोगों ने गलती की है, उसकी सजा उन्हें मिलनी चाहिए और मिल भी रही है, लेकिन गलती की ऐसी सजा कि वह आजीवन खड़ा ही नहीं हो पाये। उसके जख्म पर तो मलहल लगाया ही जा सकता है।

    लोगों ने अतिक्रमण किया, इसे सही कहीं से नहीं ठहराया जा सकता। हटाने का आदेश भी गलत नहीं है। पर क्या यह अतिक्रमण अचानक एक दिन में हो गया? जिस समय अवैध रूप से निर्माण शुरू हो रहा था, उस वक्त जिम्मेदार अधिकारी कहां थे? उस वक्त इन अधिकारियों ने देखा नहीं या किसी खास कारण से नजरअंदाज कर दिया? यह एक जांच का विषय है। कई लोगों ने अज्ञानतावश भी इस जगह पर दलाल के चुंगल में फंस कर जमीन ली और मकान बना लिया। अगर अवैध निर्माण था, तो बिजली, पानी, गैस आदि का कनेक्शन कैसे मिल गया? यह भी जांच का विषय है। जिन दलालों ने गरीबों को ठगा वे कौन हैं? इसकी भी जांच जरूरी है। जब कब्जाधारियों की तरह अतिक्रमण को नजरअंदाज करने वाले अधिकारियों, अतिक्रमण के बाद बिजली-पानी जैसी सुविधा मुहैया करानेवाले कर्मचारी, ठग कर जमीन देनेवाले दलाल, इन सभी को पकड़ने और सजा देने की पहल होगी, तो प्रशासन की वाहवाही होगी। अन्यथा हमेशा की तरह प्रशासन ही कटघरे में खड़ा रहेगा। लोगों की सहानुभूति गरीबों की तरफ जायेगी। प्रशासन केवल कोर्ट के आदेश पर ही नहीं, अपनी तरफ से भी दूसरे पहलू यानी जिम्मेदार अधिकारी और दलाल पर कार्रवाई करे, तो पीड़ित लोगों को भी थोड़ी संतुष्टि होगी। भविष्य में इस तरह के अतिक्रमण पर रोक भी लगेगी। नहीं तो ऐसे ही मकान बनेंगे, टूटेंगे, कुछ लोगों की जेब भरेंगी, कुछ गरीब मिट जायेंगे और प्रशासनिक व्यवस्था लोगों की नजर में खराब बनी रहेगी।

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