राजीव
रांची। झारखंड में मैट्रिक-इंटर में फेल छात्रों को लेकर हंगामा बरपा है। इस बीच झारखंड एकेडेमिक कौंसिल ने जो संकेत दिया है, उससे साफ है कि मैट्रिक-इंटर में फेल हुए 51,890 विद्यार्थियों के भविष्य पर से ग्रहण छंटनेवाला नहीं है। जैक ने साफ कर दिया है कि अब पुनर्मूल्यांकन और रिजल्ट की गुंजाइश नहीं है। इस कारण कोरोना काल को देखते हुए सप्लीमेंट्री परीक्षा की व्यवस्था की गयी है। इसमें छात्र अपना रिजल्ट बेहतर करा सकते हैं। सचिव महिप कुमार सिंह कहते हैं कि कोरोना काल को देखते हुए ही सप्लीमेंट्री परीक्षा की व्यवस्था की गयी है। हां, इसमें अगर कोई सफल छात्र बैठता है, तो उस परीक्षा का रिजल्ट ही अंतिम माना जायेगा। पहले से जारी रिजल्ट को निरस्त कर दिया जायेगा। जैक सचिव ने कहा कि पूरी व्यवस्था पारदर्शी थी, छात्रों को पहले से सब कुछ पता था।
ग्रीवांस सेल में 6043 का आया आवेदन : महिप सिंह
जैक सचिव महिप सिंह कहते हैं कि फेल छात्रों के संदर्भ में ग्रीवांस सेल में आवेदन मंगाया गया था। इसमें 6043 ने आवेदन किया। इसमें तमाम प्रूफ के साथ उन्हें पर्सनल मेल पर जवाब भेजा जा रहा है। इसमें स्पष्ट है कि अब रिजल्ट में रिवाइज की गुंजाइश नहीं है। नौवीं और 11वीं के रिजल्ट के आधार पर रिजल्ट जारी किया गया है। इसमें जैक का कोई रोल नहीं है।
जैक अध्यक्ष जिम्मेवार : आलोक दुबे
रांची (आजाद सिपाही)। कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने जैक बोर्ड परीक्षाफल के बाद उत्पन्न असंतोष के लिए पूरी तरह से जैक अध्यक्ष अरविंद प्रसाद को जिम्मेवार ठहराया है। कहा कि जैक बोर्ड के अध्यक्ष ने जानबूझ कर सरकार को बदनाम करने और विद्यार्थियों-अभिभावकों के समक्ष मुश्किल खड़ा करने के लिए इस तरह का रिजल्ट जारी किया, ताकि सभी उ़द्वेलित हो जायें। उन्होंने कहा कि जैक अध्यक्ष अरविंद प्रसाद की पृष्ठभूमि हार्डकोर आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में रही है और उन्होंने अपने कार्यकाल में झारखंड के गरीब, आदिवासी और कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं की करीब 300 करोड़ की राशि पूर्व की सरकार को दे दी। कहा कि पार्टी धनबाद में छात्राओं पर लाठीचार्ज की निंदा करती है। डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि जब कोरोना संक्रमण काल में 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा हुई ही नहीं, इसके बावजूद पूर्व की परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने वाले विद्यार्थियों को फेल कर दिये जाने से पूरी व्यवस्था और कार्य प्रणाली पर सवाल उठते हैं। जैक बोर्ड अध्यक्ष इस संबंध में अभिभावकों से बातचीत कर उनकी समस्याओं का समाधान करें।