Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, June 8
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Top Story»SCO समिट: सामने बैठ थे इमरान खान, पीएम मोदी बोले- कट्टरता से लड़ना बड़ी चुनौती
    Top Story

    SCO समिट: सामने बैठ थे इमरान खान, पीएम मोदी बोले- कट्टरता से लड़ना बड़ी चुनौती

    sonu kumarBy sonu kumarSeptember 17, 2021No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिमी एशिया में बढ़ते उग्रवाद एवं मजहबी कट्टरवाद से मुकाबले के लिए एक समान रणनीतिक योजना बनाई जाए जो ना केवल क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है बल्कि नई पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SCO के 21वें समिट के मुख्य सत्र को वीडियो लिंक के माध्यम से नई दिल्ली से संबोधित करते हुए संगठन में नए सदस्य के रूप में शामिल हुए ईरान और संवाद साझीदार के रूप में सम्मिलित सऊदी अरब, मिस्र एवं क़तर का स्वागत किया तथा कहा कि उनके आने से SCO भी अधिक मजबूत और विश्वसनीय बनेगा।

    मोदी ने कहा कि SCO की 20वीं वर्षगांठ इस संस्था के भविष्य के बारे में सोचने का एक उपयुक्त अवसर है। उनका मानना है कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और परस्पर विश्वास के संकट से संबंधित हैं और इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ता हुआ मजहबी कट्टरवाद है। अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम ने इस चुनौती को और स्पष्ट कर दिया है। इस मुद्दे पर एससीओ को पहल करके कार्य करना चाहिए।उन्होंने कहा कि यदि इतिहास पर नज़र डालें, तो पाएंगे कि मध्य एशिया का क्षेत्र उदार और प्रगतिशील संस्कृतियों एवं मूल्यों का गढ़ रहा है।

    पीएम मोदी के संबोधन के प्रमुख अंश

    • अफगानिस्तान संकट दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है और SCO को मिलकर इस पर काम करना चाहिए।
    • भारत सहित एससीओ के लगभग सभी देशों में, इस्लाम से जुड़ी उदार, सहिष्णु और समावेशी संस्थाएं और परम्पराएं हैं। एससीओ को इनके बीच एक मजबूत नेटवर्क विकसित करने के लिए काम करना चाहिए।
    • कट्टरवाद के बढ़ने और असुरक्षा के कारण इस क्षेत्र का विशाल आर्थिक क्षमता का दोहन नहीं हो पाया। खनिज संपदा हो या एससीओ देशों के बीच व्यापार, इनका पूर्ण लाभ उठाने के लिए हमें आपसी कनेक्टिविटी पर जोर देना होगा। इतिहास में मध्य एशिया की भूमिका प्रमुख क्षेत्रीय बाजारों के बीच कनेक्टिविटी के लिए एक सेतु की रही है। यही इस क्षेत्र की समृद्धि का भी आधार था।
    • भारत मध्य एशिया के साथ अपनी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि चारों ओर भूमि से घिरे मध्य एशियाई देशों को भारत के विशाल बाज़ार से जुड़ कर अपार लाभ हो सकता है। ईरान के चाबहार बंदरगाह में हमारा निवेश और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे के लिए हमारा प्रयास, इसी वास्तविकता से प्रेरित है।
    • पिछले वर्षों में भारत ने अपनी विकास यात्रा में प्रौद्योगिकी का सफल सहारा लिया है। चाहे वित्तीय समावेशन बढ़ाने के लिए यूपीआई और रूपे कार्ड जैसी तकनीक हों या कोविड से लड़ाई में हमारे आरोग्य सेतु और कोविन जैसे डिजीटल प्लेटफॉर्म इन सभी को हमने स्वेच्छा से अन्य देशों के साथ भी साझा किया है। हमें एससीओ के साथी देशों के साथ भी इन ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी को साझा करने में और इसके लिए क्षमता निर्माण आयोजित करने में खुशी होगी।
    • एससीओ की सफलता का एक मुख्य कारण यह है कि इसका मूल फोकस क्षेत्र की प्राथमिकताओं पर रहा है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि कट्टरवाद, कनेक्टिविटी और जनता के बीच परस्पर संबंधों पर भारत के सुझाव एससीओ की इसी भूमिका को और सबल बनाएंगे
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleभगलपुर : बाढ़ पीड़ितों के लिए जिंदगी को पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती
    Next Article एक दिन में रिकॉर्ड टीकाकरण. लगाए गए 2.50 करोड़ टीके
    sonu kumar

      Related Posts

      झारखंड में आदिवासी लड़कियों के साथ छेड़छाड़, बाबूलाल ने उठाए सवाल

      June 7, 2025

      गुरुजी से गुरूर, हेमंत से हिम्मत, बसंत से बहार- झामुमो के पोस्टर में दिखी नयी ऊर्जा

      June 7, 2025

      अब गरीब कैदियों को केंद्रीय कोष से जमानत या रिहाई पाने में मिलेगी मदद

      June 7, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • झारखंड में आदिवासी लड़कियों के साथ छेड़छाड़, बाबूलाल ने उठाए सवाल
      • पूर्व मुख्यमंत्री ने दुमका में राज्य सरकार पर साधा निशाना, झारखंड को नागालैंड-मिजोरम बनने में देर नहीं : रघुवर दास
      • गुरुजी से गुरूर, हेमंत से हिम्मत, बसंत से बहार- झामुमो के पोस्टर में दिखी नयी ऊर्जा
      • अब गरीब कैदियों को केंद्रीय कोष से जमानत या रिहाई पाने में मिलेगी मदद
      • विकसित खेती और समृद्ध किसान ही हमारा संकल्प : शिवराज सिंह
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version