आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड कैडर के 1985 बैच के आइएएस रहे अमित खरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। मंगलवार को उनकी नियुक्ति का आदेश जारी किया गया। वह 30 सितंबर को उच्च शिक्षा सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने अमित खरे को पीएम मोदी का सलाहकार नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। पीएमओ में उनकी संविदा नियुक्ति भारत सरकार के सचिव की रैंक और स्कैल पर की गयी है, वह दो वर्ष तक इस पद पर रहेंगे। बता दें कि झारखंड में भी उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर दायित्व निभाया है। झारखंड में अमित खरे मुख्य सचिव के प्रमुख दावेदार थे, लेकिन मुख्य सचिव नहीं बनाये जाने के बाद वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये। केंद्र में वह सूचना प्रसारण एवं मानव संसाधन सचिव के पद पर रह चुके हैं।
बता दें कि अमित खरे झारखंड में जब चाइबासा के उपायुक्त थे, उस समय उन्होंने सबसे पहले चारा घोटाले को उजागर किया था। उस मामले में नामी राजनीतिज्ञ, वरीय अधिकारी और दर्जनों सप्लायर जेल की सजा काट रहे हैं। चाईबासा में उपायुक्त रहते हुए ही अमित खरे ने डायन-बिसाही के खिलाफ ग्रामीणों में जागरूकता फैलायी थी और इसके खिलाफ अभियान छेड़ा था।
केंद्र की नयी शिक्षा नीति के प्रारूप को बनाने में अमित खरे का महती योगदान रहा है। वे अपनी कर्तव्य परायणता और इमानदारी के कारण जाने जाते रहे हैं। आइएएस के अपने पूरे कार्यकाल में उनके ऊपर कभी कोई दाग नहीं लगा।
झारखंड में सेवाकाल के दौरान उनके बारे में आम लोगों में यह धारणा बन गयी थी कि फाइल अगर अमित खरे के पास है, तो उसमें छेड़छाड़ नहीं होगी। किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होगी।