सुदेश महतो ने जारी किया पार्टी का संकल्प पत्र
Author: azad sipahi desk
धनबाद। भाजपा छोड़कर झामुमो में आये सिंदरी विधायक फूलचंद मंडल को टिकट दिये जाने के खिलाफ झामुमो में बगावत से स्वर फूट पड़े हैं। झामुमो की धनबाद इकाई के नेता खुलकर फूलचंद मंडल का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि अगर फूलचंद मंडल को पार्टी टिकट देती है, तो वे लोग फूलचंद मंडल को हराने का काम करेंगे। पार्टी के बैनर तले बरवाअड्डा में झामुमो नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए फूलचंद मंडल को टिकट मिलने पर नाराजगी जाहिर की। बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के केंद्रीय सचिव पैगाम अली ने कहा कि सिंदरी से पांच…
चुनाव से पहले लगभग हरेक पार्टी के लिए टिकट का बंटवारा विकट परिस्थितियां उत्पन्न करता है। ऐसे नेता, जो पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों से इतर सिर्फ टिकट की आस में पार्टी में रहते हैं, टिकट के बंटवारे की घोषणा होते ही अपना नाम इस सूची से गायब देखकर पाला बदल लेते हैं और दूसरी पार्टियों की नैया में सवार हो जाते हैं। पर जो नेता अवसरवादी नहीं होते वे पार्टी के निर्णय को सर्वोपरि मानकर पार्टी में रह जाते हैं। आसन्न विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपने 10 विधायकों, शिवशंकर उरांव, विमला प्रधान, राधाकृष्ण किशोर, हरेकृष्ण सिंह, फूलचंद मंडल, जयप्रकाश सिंह भोक्ता, ताला मरांडी, गणेश गंझू, लक्ष्मण टुडू और गंगोत्री कुजूर का टिकट काट दिया है। इसके बाद तीन विधायक राधाकृष्ण किशोर, फूलचंद मंडल और ताला मरांडी बागी रुख अख्तियार कर चुके हैं और उन्होंने दूसरे दलों से चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी है। उनके अलावा दो विधायकों, कांके के डॉ जीतू चरण राम का टिकट पार्टी ने अब तक रोक रखा है। इसके कारण सरयू राय बगावत पर उतर आये हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास और जमशेदपुर पश्चिमी से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। कई अन्य नेता, जो टिकट की आस में पार्टी में थे, वे इसकी संभावना खत्म होते देख दूसरे दलों में जा चुके हैं। ऐसी स्थिति ने भाजपा के समक्ष आत्ममंथन का अवसर पैदा किया है। यह पार्टी के केंद्रीय और राज्य नेतृत्व के लिए सबक है। यह चेतावनी है कि वह जब भी किसी नेता को पार्टी में शामिल कराये, तो वह अवसरवादी है कि नहीं और उसकी निष्ठा पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों के प्रति है कि नहीं, इसका ध्यान रखे। भाजपा में बागी नेताओं की सियासत के बहाने पार्टी के लिए आत्ममंथन की जरूरत और भविष्य में ठोक-बजाकर दूसरे दलों से आये नेताओं को पार्टी में शामिल कराने की अहमियत पर बल देती दयानंद राय की रिपोर्ट।
नई दिल्ली: 70 साल तक चली कानूनी लड़ाई, 40 दिन तक लगातार मैराथन सुनवाई के बाद आज अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला आ गया है। राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति यानी 5-0 से ऐतिहासिक फैसला सुनाया। निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड को ही पक्षकार माना। टॉप कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवादित जमीन को तीन पक्षों में बांटने के फैसले को अतार्किक करार दिया। आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान…
नई दिल्ली/अमृतसर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जब करतारपुर गलियारे का उद्घाटन करने पंजाब पहुंचे तो सिख पगड़ी में दिखे। पूरे समय वह किसी सिख की तरह भगवा पग में ही रहे। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ उनकी एक दिलचस्प मुलाकात हुई, जिसकी तस्वीरें सामने आई हैं। यह तस्वीर अपने आपमें सब कुछ कह रही है। चुनाव प्रचार या आम दिनों में बीजेपी और कांग्रेस में भले ही वार-पलटवार का दौर चलता रहे पर यहां पीएम मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पूरी गर्मजोशी से मिले। दोनों ने बेहद खुशनुमा माहौल में हाथ मिलाया और सबसे…
भारत में सर्वधर्म समभाव है- उमा भारती
जैसलमेर में धारा-144 लागू की गई
दिल्ली: BJP ऑफिस में होने वाला दिवाली मिलन कार्यक्रम रद्द
राजस्थान: भरतपुर में कल सुबह 6 बजे तक के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद
अयोध्या मामला: 5 जजों की संवैधानिक पीठ आज सुनाएगी फैसला
New Delhi : देश के सबसे चर्चित केस राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाने वाला है। 5 सदस्यीय संविधान पीठ सुबह साढ़े 10 बजे से अपना फैसला पढ़ना शुरू करेगी। इस बेहद संवेदनशील मामले को देखते हुए देशभर में पुलिस अलर्ट पर है। हाइलाइट्स >>अयोध्या पर फैसले को देखते हुए एहतियातन दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के आसपास धारा-144 लगाई गई। (रिपोर्ट- विशाल आनंद शर्मा) >>अयोध्या विवाद पर फैसले के मद्देनजर राजस्थान के जैसलमेर में 30 नवंबर तक धारा-144 लगाई गई। >>विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और महासचिव मिलिंद परिंदे दोपहर…