जेल से रिहा होने के बाद नेता के स्वागत में उमड़ी भीड़
Author: azad sipahi desk
रांची। सरदार वल्लभ भाई पटेल भारतीय राजनीति और इतिहास के वह पुरोधा हैं, जिन्हें युगों-युगों तक याद किया जायेगा। उनका व्यक्तित्व विराट था और उनके आदर्श एवं राष्ट्रभक्ति अनुकरणीय है। वह नवीन भारत के निर्माता के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता अखंडता के बेजोड़ शिल्पकार थे। उक्त बातें आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। इससे पहले आजसू सुप्रीमो सुदेश कुमार महतो ने झारखंड विधानसभा के सामने स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। श्री महतो ने कहा कि आजादी के लिए कड़ा संघर्ष करने वाले…
भाजपा के मुख्य फोकस में आदिवासीझारखंड में इस बार के विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों का बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है। खास कर सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यह चुनाव खास है, क्योंकि एक ओर उसे सत्ता में वापसी सुनिश्चित करनी है, तो दूसरी ओर रघुवर दास सरकार के कामकाज पर जनता की मुहर लगानी है। पार्टी ने 65 प्लस का लक्ष्य तय किया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कई टुकड़ों में बंटे विपक्ष के बावजूद यह लक्ष्य बहुत आसान नहीं है। अपने लक्ष्य को आसान बनाने के लिए भाजपा ने हर जतन शुरू कर दिया है। इसके साथ ही पार्टी ने अब यह भी साफ कर दिया है कि उसके मुख्य फोकस में 73 प्रतिशत गैर आदिवासी ही नहीं 27 प्रतिशत आदिवासी भी हैं। पार्टी ने राज्य कुछ बड़े आदिवासी चेहरों को अपने पाले में कर झारखंड की 27 प्रतिशत आबादी को यह संदेश दिया है कि भाजपा अब केवल 73 प्रतिशत गैर-आदिवासियों की ही पार्टी नहीं रही है। भाजपा की इस नयी रणनीति पर आजाद सिपाही पॉलिटिकल ब्यूरो की रिपोर्ट।
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एकता दिवस परेड में शामिल
नई दिल्ली/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के लिए आज 31 अक्टूबर की सुबह कुछ अलग थी। बीते 72 सालों से अब तक एक ही राज्य का ही हिस्सा रहे दोनों क्षेत्र अब अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गए हैं। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख रात को 12 बजे के बाद से यूनियन टेरिटरी बन गए। देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके को सरकार ने इस बदलाव के लिए चुना था। बता दें कि 5 अगस्त को सरकार ने संसद में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35A हटाने का फैसला लिया था। इसके अलावा राज्य…
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