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बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए के विधायकों को फोन करने का मामला राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के गले की फांस बनता जा रहा है। एक तरफ जहां बिहार के भाजपा विधायक ललन पासवान ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है, वहीं झारखंड सरकार ने भी उन पर शिकंजा कस दिया है। राजद सुप्रीमो को रिम्स डायरेक्टर के बंगले से वापस पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया है, वहीं उपायुक्त ने इस बात की जांच के आदेश दिये हैं कि लालू के पास फोन कैसे पहुंचा।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को अपने पैतृक गांव नेमरा में थे। उनके पिता शिबू सोरेन अपने पूरे परिवार को लेकर सोहराय पर्व मनाने रामगढ़ के गोला प्रखंड स्थित गांव में पहुंचे, तो एक तरफ जहां ग्रामीणों में खुशी थी, वहीं हेमंत और परिवार के दूसरे सदस्य

केंद्र सरकार की कथित मजदूर विरोधी नीतियों और निजीकरण के खिलाफ भारतीय मजदूर संघ को छोड़ कर अन्य सभी मजदूर संगठनों की ओर से गुरुवार को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। इसमें तमाम मजदूर संगठन शामिल होंगे। इधर वामदल ने हड़ताल की पूर्व संध्या पर बुधवार को रांची में प्रदर्शन किया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में भविष्य की रेल परियोजनाओं के निर्माण और उन पर होनेवाले खर्च पर सुझाव देने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के प्रतिवेदन को मंजूरी दे दी है। इस समिति द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में अति महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को केंद्र और राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत शेयरिंग खर्च के आधार पर निर्माण के लिए लिया जायेगा।

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने टीएसी की फाइल दोबारा झारखंड सरकार को वापस कर दी है। राजभवन की तरफ से इस बार दो नामित सदस्यों पर आपत्ति जतायी गयी है। इनमें प्रस्तावित दोनों नामों की जगह राजभवन की तरफ से दो अन्य नामों के सुझाव दिये गये हैं। इससे पहले सरकार ने समिति में जिन बाहरी नामित सदस्यों को शामिल किया था, उस पर राजभवन ने आपत्ति जतायी थी। कहा गया था कि नियमानुसार इन सबका चारित्रिक स्वच्छता प्रमाण पत्र संलग्न होना चाहिए।

बिहार विधानसभा में महागठबंधन की मोर्चेबंदी के बावजूद एनडीए उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा स्पीकर चुन लिये गये। जदयू ने आखिरी वक्त पर व्हिप जारी कर दिया। इससे तेजस्वी का खेल बिगड़ गया और राज्य में पहली बार स्पीकर की कुर्सी भाजपा को मिल गयी।

झारखंड की आर्थिक स्थिति पर एक बार फिर सियासत गरम हो गयी है। भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने वर्तमान सरकार पर राज्य को बदहाली के कगार पर ले जाने का आरोप लगाया है, तो सत्ताधारी झामुमो की ओर से महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आंकड़े देते हुए भाजपा को आइना दिखाया है। इस आरोप-प्रत्यारोप से झारखंड को कोई लाभ नहीं होगा। यह सच है कि झारखंड की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। पिछले दो महीने में हालांकि राज्य में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं, लेकिन इसके संतोषजनक स्तर

झारखंड में बोर्ड-निगम के अध्यक्ष का पद हमेशा से चर्चा के केंद्र में रहा है, क्योंकि इन पदों पर सांसद-विधायक का टिकट पाने से चूक गये सत्ताधारी दल के वरीय नेताओं और मंत्री नहीं बन सके विधायकों को एडजस्ट किये जाने की परंपरा रही है। छोटा राज्य होने के कारण झारखंड की विधानसभा भी छोटी है, इसीलिए यहां विधान परिषद भी नहीं है। इस कारण यहां की कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री ही हो सकते हैं। इसलिए बाकी विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को बोर्ड-निगम

झारखंड यूं तो खनिज, खनन से जुड़े कार्यों के लिए जाना जाता है, लेकिन झारखंड को टूरिज्म के क्षेत्र में भी पहचान मिले, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं। झारखंड में टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं। ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रोजेक्ट बिल्डिंग स्थित सभागार में आइटीडीसी और जेटीडीसी के बीच होटल अशोका के स्वामित्व को लेकर हुए एमओयू के दौरान कहीं।

नक्सली प्रशांत बोस और मिसिर बेसरा पर पहले से घोषित एक करोड़ के इनाम की राशि बनी रहेगी। इनके बारे में जो भी सूचना देगा, उसे यह राशि दी जायेगी। इसके अलावा असीम मंडल उर्फ आकाश, अनल दा उर्फ पतिराम मरांडी पर पहले से घोषित एक-एक करोड़ की राशि को घटा कर 25-25 लाख कर दिया गया है। गृह विभाग के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंजूरी दी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद जयंत सिन्हा विदेश से पढ़कर आये हैं इसलिए हमें लगता था कि वे ज्यादा बेहतर जानते और समझते होंगे। पर जो बयान उन्होंने दिया उससे हताशा हुई। बीते दस महीनों से जो भ्रम भाजपा फैला रही है उसमें जयंत सिन्हा ने आहूति दी है।