रांची. झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए डाले गए वोटों की गिनती शुरू हो गई है। यहां 30 नवंबर…
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चुनाव परिणाम : मिठाई के आर्डर में जबरदस्त इजाफा
पांच जनवरी को समाप्त हो रहा है चौथी विस का कार्यकाल
रघुवर, हेमंत, सुदेश, बाबूलाल और रामेश्वर को विश्वास
रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजों ने झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन का जोश बढ़ा दिया है। सभी एग्जिट पोल्स…
236 प्रत्याशियों की किस्मत इवीएम में बंद, अब 23 दिसंबर का इंतजार
झारखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए पांच चरणों में संपन्न चुनाव कई मायनों में खास रहा। सबसे खास बात यह रही कि यह पूरा चुनाव चक्र दो नेताओं के इर्द-गिर्द घूमता रहा। पहला चेहरा स्वाभाविक तौर पर पहली बार राज्य में पांच साल तक सरकार चलानेवाले रघुवर दास का था, तो दूसरा चेहरा झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का था। भाजपा ने जहां रघुवर दास को अगले सीएम के रूप में पेश किया, वहीं झामुमो के नेतृत्व में कांग्रेस और राजद ने हेमंत सोरेन को अपना नेता घोषित किया था। यही कारण है कि इस चुनाव के परिणाम से इन दोनों का राजनीतिक भविष्य तय होगा। यदि जीते, तो जय-जय होगी और यदि हार हुई, तो उसकी जिम्मेदारी भी इन दोनों को ही लेनी होगी। यही कारण है कि इन दोनों के दिन का चैन और रातों की नींद गायब हो गयी है। सोते-जागते उनके ख्यालों में विधानसभा चुनाव का परिणाम और उसका असर घूमता है। संथाल की 16 सीटें तो उनके लिए खासतौर पर निर्णायक हैं। यही वजह है कि दोनों नेताओं ने इन सीटों को अपनी-अपनी पार्टियों की झोली में डालने के लिए खुद को जुनून की हद तक चुनाव के मैदान में झोंक कर रख दिया। हालांकि संथाल के चुनावी दंगल में झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो और कांग्रेस समेत दूसरे दलों के साथ निर्दलीयों ने भी अपना दमखम दिखाया, पर यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और झामुमो के बीच ही माना जा रहा है। इन दोनों नेताओं की रस्साकशी और उनकी राजनीति की पड़ताल करती दयानंद राय की रिपोर्ट।
अंतिम चरण की 16 सीटों पर 3 बजे तक 62.34% मतदान
पूर्व मुख्यमंत्री-2 मंत्री समेत 236 प्रत्याशी मैदान में
रांची। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि 20 दिसंबर को पांचवें चरण के साथ ही मतदान प्रक्रिया…
किसी की भावना को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं
इरादे बुलंद हों, तो लक्ष्य आसान हो जाता है। झारखंड विधानसभा चुनाव में बुलंद इरादों के साथ उतरी आजसू सुदेश के नेतृत्व में झारखंड में तीसरी बड़ी ताकत के रूप में उभरी है। संथाल की जिन 16 सीटों पर 20 दिसंबर को वोटिंग होगी, उनमें से एक दर्जन सीटों पर आजसू ने उम्मीदवार उतारे हैं। बोरियो, पाकुड़ ,जामा और अन्य दो सीटों पर तो आजसू उम्मीदवार बेहद मजबूत हैं। इनमें से बोरियो से विधायक ताला मरांडी तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और क्षेत्र में उनकी अच्छी पकड़ है। वहीं पाकुड़ सीट से पार्टी उम्मीदवार अकील अख्तर यहां से विधायक रह चुके हैं और यहां के वर्तमान विधायक तथा कांग्रेस प्रत्याशी आलमगीर आलम को तगड़ी चुनौती दे रहे हैं। जामा सीट पर स्टेफी टेरेसा मुर्मू आजसू उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं और अपनी पैठ क्षेत्र में बनाने की कोशिश कर रही हैं। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि आजसू संथाल में बड़ी ताकत बनकर उभरी है और अपनी रणनीति से इसने विरोधियों को चौंका दिया है। संथाल में आजसू के उभार और उसके उम्मीदवारों की राजनीति पर प्रकाश डालती दयानंद राय की रिपोर्ट।
