इस बार विधानसभा के उपचुनाव में दुमका की सीट हॉट केक बनी हुई है। सत्ताधारी महागठबंधन ने इस सीट पर झामुमो के बसंत सोरेन को उतारा है। बसंत युवा चेहरा हैं। दुमका इलाके से इनका पूरा परिवार पहले से वाकिफ रहा है। उनके पिता और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने इसी इलाके से कई आंदोलनों की अगुवाई की है। बसंत के भाई हेमंत सोरेन सीएम हैं। उनके द्वारा ही दुमका सीट छोड़ी गयी थी। बसंत सोरेन अभी से ही वहां पसीना बहा रहे हैं। लोगों से मिल रहे हैं। विकास का वादा कर रहे हैं। उन्हें इस बा
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बिहार में होने वाले विधानसभा के चुनाव में हवा का रुख अपनी ओर मोड़ने के लिए प्रत्याशी बड़े पैमाने पर काले धन का उपयोग कर सकते हैं। यह पैसा मुंबई और अन्य शहरों से बिहार आ सकता है। यह जानकारी रेल सुरक्षा बल की खुफिया शाखा को लगी है। इसके साथ ही बिहार की ओर जाने वाली ट्रेनों की निगहबानी तेज कर दी गयी है। अब एसएलआर कोचों की भी जांच की जायेगी। बिहार की राजनी
राजनीति सचमुच ऐसा विषय है, जिसे न तो इतिहास से कोई मतलब रहता है और न ही भविष्य से। यह केवल वर्तमान पर जीता है और वर्तमान के बारे में ही सोचता है। इसलिए कहा जाता है कि राजनीति में न कोई स्थायी दोस्त होता है और न कोई स्थायी दुश्मन। बिहार में होनेवाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के दौरान यह बात पूरी तरह सही साबित हो रही है। कल तक जो दल एक सा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि जैसे अंग्रेजी शासन ने महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका में ट्रेन से धक्का मारकर उतारा। वैसा ही सलूक यूपी की योगी सरकार ने राहुल गांधी के साथ किया है। उरांव बापू वाटिका में किसानों के समर्थन में आयोजित धरना को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले रामेश्वर उरांव ने बापू वाटिका में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड के लोग अपने कर्म और कर्तव्य से अपनी पहचान बनाते हैं। यहां के लोग शॉर्टकट नहीं अपनाते। शुक्रवार को धुर्वा के जेएससीए स्टेडियम में आयोजित कार्बन झारखंड टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता के फाइनल में मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के आयोजन का प्रस्ताव जब रखा गया, तो बड़ी दुविधा थी। झारखंड समेत पूरा देश वैश्विक महामारी के दौर से गुजर रहा था। लेकिन हुनर को निखारने के लिए
झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने कोविड-19 एवं लॉकडाउन इफेक्ट को देखते हुए उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। आयोग ने चालू बिजली दर में किसी भी प्रकार की कोई बढ़ोतरी नहीं की है। साथ ही कई प्रकार की छूट एवं सुविधा देकर उपभोक्ताओं को पूरी तरह से खुश करने का प्रयास किया है। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेवीवीएनएल) ने आयोग में पिछले दिसं
झारखंड की दो विधानसभा सीटों, दुमका और बेरमो में तीन नवंबर को मतदान होगा। दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में यह पहला उप चुनाव हो रहा है। लिहाजा इसे लेकर राजनीतिक पार्टियां बेहद गंभीर हैं और पूरे दम-खम के साथ वे इस चुनावी मुकाबले में उतरने के लिए तैयार हो रही हैं। मुकाबले की तस्वीर भी लगभग साफ हो चुकी है। इसके अनुसार दुमका में जहां मुकाबला झामुमो और भाजपा के बीच होगा, वहीं बेरमो सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर होगी, क्योंकि आजसू ने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए बेरमो से अपनी दावेदारी वापस ले ली है। उप चुनाव की
ख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची शहर के सीवरेज-ड्रेनेज निर्माण का डीपीआर तैयार करने के लिए मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति में गड़बड़ी के लगे आरोप की एसीबी जांच का आदेश दिया है। विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री समेत सभापति, सामान्य प्रयोजन समिति आदि को पत्र लिख कर मैनहर्ट के खिलाफ एसीबी जांच कराने का आग्रह किया था। उन्होंने तत्कालीन नगर विकास मंत्री रघुवर दास एवं अन्य पर मैनहर्ट की नियुक्ति में अनियमितता का आरोप लगाया था। इन सभी के विरुद्
दुमका उपचुनाव में झामुमो के अधिकृत उम्मीदवार पार्टी के युवा मोर्चा के अध्यक्ष बसंत सोरेन होंगे। दुमका में पार्टी कार्यकर्ताओं और प्रबुद्ध जनता की इच्छा थी कि यह सीट गुरुजी के पास सुरक्षित रहे। कार्यकर्ताओं और जनता की इच्छा के अनुरूप इस सीट पर बसंत सोरेन उम्मीदवार होंगे। गुरुवार को झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में ये बातें पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहीं।
जिले के ठाकुरगंगटी गांव से बिना मास्क के बेटी का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे युवक की पुलिस ने बर्बर तरीके से पिटाई कर दी। मामले का वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, उसे लाइन हाजिर किया गया है। उधर, वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने
पिछले साल जब झारखंड में विधानसभा चुनाव की गहमागहमी थी, कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में राज्य के किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। चुनाव हुए और झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को सत्ता मिल गयी। दिसंबर में सरकार बनाने के महज तीन महीने बाद ही कोरोना का संकट पैदा हो गया और पूरे देश का पहिया थम गया। इस संकट के बीच अब हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के आठ लाख किसानों का 25 हजार रुपये तक का कर्ज माफ करने की घोषणा कर दी है, जिसे किसानों के हित में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, साथ ही एक वर्ग इसे एक बड़े राजनीतिक दांव के रूप में देख रहा है। सत्ता संभालने के बाद से ही हेमंत सोरेन लगातार राज्य की बदहाल अर्थव्यवस्था की बात कहते रहे हैं। इसी बदहाली के कारण उन्हें कई लोकप्रिय योजनाओं को बंद करने का कठोर फैसला लेना पड़ा, जिसमें से एक मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना भी थी। अब उन्होंने कि
