लोहरदगा और गुमला में कार्यकर्ताओं संग बैठे रघुवर दास और जेपी नड्डा
Browsing: विशेष
बूथ कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र बता गये सीएम और नड्डा
रोज सुबह-शाम एक घंटा बूथ पर
जेएमएम और कांग्रेस ने झारखंड की अस्मिता बेची
झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। सत्ता में वापसी के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करने में जुटी भाजपा इस बार हर हाल में जीतना चाहती है। इसके लिए वह अपना घर तो मजबूत कर ही रही है, विरोधियों को कमजोर करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। भाजपा के लिए झारखंड कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोकसभा चुनाव के बाद से पार्टी के कम से कम आधा दर्जन नेता राज्य में प्रवास कर चुके हैं। झारखंड में विरोधियों को ‘चेक मेट’ करने के अभियान में पार्टी के केंद्रीय नेता जुटे हुए हैं। जातीय समीकरणों को खासा तवज्जो दिया जा रहा है और अलग-अलग नेताओं को अलग-अलग जातियों के नेताओं से बात करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी है। इतना ही नहीं, भाजपा ने उन बूथों की पहचान की है, जहां से उसे बढ़त हासिल नहीं होती है। उन बूथों के लिए अलग-अलग लोगों को तैनात किया जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें, तो भाजपा इस बार साम-दाम-दंड-भेद, सभी हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह तैयार दिखती है। भाजपा की चुनावी तैयारियों और झारखंड की राजनीति में होनेवाली उथल-पुथल पर आजाद सिपाही पॉलिटिकल ब्यूरो की खास रिपोर्ट।
नयी दिल्ली। झारखंड कैडर के आइएएस अधिकारी राजीव गौबा ने शुक्रवार को नये कैबिनेट सचिव का पदभार संभाल लिया। वह…
रांची। रांची में मजदूर बनकर रह रहे पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) के एक उग्रवादी सुदाय सिंह उर्फ सदानंद…
सीएम से किताब पर प्रतिबंध लगाने का किया गया आग्रह, गृह विभाग ने रामदयाल मुंडा शोध संस्थान से मांगी रिपोर्ट
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर गुरुवार को फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की।…
झारखंड को नयी रेल लाइन और दो रेलगाड़ियों की सौगात, सीएम ने किया उद्घाटन
झारखंड विधानसभा में 65 प्लस का लक्ष्य लेकर उतरने की तैयारी कर रही सत्तारूढ़ भाजपा इस बार कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल करने के बाद विधानसभा चुनाव में इस रिकॉर्ड को तोड़ने की तैयारी में है। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर पार्टी नेतृत्व एक-एक सीट और एक-एक बूथ पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। पार्टी की चुनाव तैयारियों का अंदाजा इसी बात से मिल जाता है कि इसने एक-एक बूथ की मैपिंग कर ली है और एक-एक विधायकों के कामकाज के बारे में एक सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस सर्वे रिपोर्ट पर केंद्रीय चुनाव समिति मंथन कर रही है। पार्टी ने ऐसा ही सर्वे लोकसभा चुनाव से पहले भी किया था। चूंकि विधानसभा में सीटें अधिक हैं और चुनाव राज्य के मुद्दों पर होना है, इसलिए भाजपा इस सर्वे को तवज्जो दे रही है। इस सर्वे में भाजपा के कई विधायकों के कामकाज को असंतोषजनक पाया गया है। इसलिए पार्टी के विधायकों की नींद उड़ गयी है। भाजपा की सर्वे रिपोर्ट और इसके संभावित परिणाम पर नजर डालती दयानंद राय की खास पेशकश।
रांची। झारखंड कांग्रेस की नयी टीम सोनिया गांधी से मिलकर बुधवार को रांची लौट आयी। साथ में प्रदेश कांग्रेस के…
42 साल में जो नहीं हुआ, रघुवर सरकार ने साढ़े चार साल में कर दिखाया, सीएम ने किया उद्घाटन